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लगातार 11वें दिन बढ़ी क़ीमत, मुंबई में पेट्रोल 96 पार

लगातार 11वें दिन बढ़ी क़ीमत, मुंबई में पेट्रोल 96 पार

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती क़ीमतों को लेकर मचे हाहाकार के बीच शुक्रवार को लगातार 11 वें दिन इनकी क़ीमतों में बढ़ोतरी की गई है। 

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती क़ीमतों को लेकर मचे हाहाकार के बीच शुक्रवार को लगातार 11 वें दिन इनकी क़ीमतों में बढ़ोतरी की गई है। इस बीच, भारत ने वैश्विक तेल उत्पादकों से अपील की है कि वे उत्पादन में कटौती में राहत दें। 

शुक्रवार को पेट्रोल की क़ीमत में 31 पैसे का इजाफा हुआ जबकि डीजल की क़ीमत 33 पैसे बढ़ी। इसके बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की क़ीमत रिकॉर्ड 90.19 और डीजल की क़ीमत 80.60 रुपये प्रति लीटर हो गयी है। जबकि मुंबई में पेट्रोल 96.32 और डीजल 87.32 रुपये प्रति लीटर हो गया है। 

17 फरवरी को राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल की क़ीमत 100.13 रुपये हो गयी थी जबकि डीजल 92.13 रुपये प्रति लीटर बिका था। मध्य प्रदेश के अनूपपुर में भी गुरूवार को पेट्रोल 100.25 रुपये और डीजल 90.35 रुपये प्रति लीटर बिका था। 

मेघालय सरकार ने दी राहत

ऐसे वक़्त में जब पूरे देश भर में पेट्रोल और डीजल की क़ीमतें बढ़ रही हैं तो राज्य सरकारों पर दबाव बन रहा है कि वे अपने स्तर पर उपभोक्ताओं को राहत दें। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा है कि उनकी सरकार पेट्रोल और डीजल में लगभग 7 रुपये की कटौती करेगी। 

‘फर्जी राष्ट्रवाद की क़ीमत चुका रहे’

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि पड़ोसी देशों- बांग्लादेश में 76, नेपाल में 68, श्रीलंका में 60, पाकिस्तान में 51 और भूटान में पेट्रोल की क़ीमत 49 रुपये प्रति लीटर है जबकि भारत में यह 100 के पार पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल की असली क़ीमत 37 रुपये प्रति लीटर है जबकि बचे हुए 63 रुपये हमारे शासकों के फर्जी राष्ट्रवाद के लिए चुकाने पड़ रहे हैं। 

कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार ने साढ़े छह साल में पेट्रोल-डीजल पर बीस लाख करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। पार्टी ने कहा है कि 29.34 रुपये प्रति लीटर बेस प्राइस वाले पेट्रोल के लिए लोग 90 रुपये और 30.55 रुपये बेस प्राइस वाले डीज़ल के लिए 80 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा चुका रहे हैं। 

40 फीसदी सस्ता हुआ क्रूड ऑयल 

फ़ाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक़, मोदी सरकार के बीते साढ़े छह साल के कार्यकाल के दौरान क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल की कीमतें करीब 40 फीसदी घट गई हैं। जनवरी 2020 में 1 लीटर कच्चा तेल 28.84 रुपये प्रति लीटर था, तब दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल 77.79 रुपये था जबकि जनवरी 2021 में 1 लीटर कच्चा तेल 25.20 रुपये था तो 1 लीटर पेट्रोल 87 रुपये से ज़्यादा हो गया। 

सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम कम होने के बाद भी देश में पेट्रोल और डीजल की क़ीमतें कम क्यों नहीं हुईं जबकि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत बढ़ते ही हमारे वहां ईंधन के दाम बढ़ जाते हैं।

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