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पन्नू की हत्या की साजिश नाकाम, अमेरिका ने भारत को 'चेताया': रिपोर्ट

पन्नू की हत्या की साजिश नाकाम, अमेरिका ने भारत को 'चेताया': रिपोर्ट

क्या अब खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश रची गई? जानिए, फाइनेंशियल टाइम्स ने अमेरिकी चेतावनी के बारे में क्या रिपोर्ट दी है।

कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर आरोप का मामला शांत भी नहीं हुआ है कि अब एक और खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश रचे जाने का मामला सामने आया है। फाइनेंशियल टाइम्स ने बुधवार को अज्ञात अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश को नाकाम कर दिया है। अखबार ने यह भी बताया कि अमेरिकी सरकार ने इस चिंता पर भारत को कथित तौर पर चेतावनी जारी की थी कि नई दिल्ली पन्नू को ख़त्म करने की कथित साजिश में शामिल थी।

हरदीप सिंह निज्जर की तरह ही गुरपतवंत सिंह पन्नू कनाडाई नागरिक है। पन्नू ने कनाडा के साथ ही अमेरिका की भी दोहरी नागरिकता ले रखी है। वह अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस का नेता है। भारत ने सिख फॉर जस्टिस यानी एसएफजे को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया है।

पन्नू का यह मामला कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप के दो महीने बाद आया है। पहले कनाडाई सुरक्षा एजेंसियाँ भारत सरकार के एजेंटों और जून में वैंकूवर में कनाडा स्थित खालिस्तान अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के बारे में जांच कर रही हैं।

निज्जर एक भारतीय आतंकवादी और प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था। वह 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के एक गुरुद्वारे के बाहर मारा गया था। वह भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक था। उस पर 10 लाख रुपये का नकद इनाम था। हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध गंभीर तनाव में आ गए। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताकर खारिज कर दिया था।

एफटी रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रूडो द्वारा वैंकूवर हत्या की जानकारी सार्वजनिक करने के बाद वाशिंगटन ने सहयोगियों के एक व्यापक समूह के साथ पन्नू मामले की जानकारी साझा की। एफटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी विरोध इस साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन की राजकीय यात्रा के बाद जारी किया गया था।

अधिकारियों ने एफटी को यह नहीं बताया कि क्या नई दिल्ली में विरोध के कारण साजिशकर्ताओं ने अपनी योजना छोड़ दी, या क्या एफबीआई ने हस्तक्षेप किया और पहले से ही चल रही साज़िश को विफल कर दिया।

एफटी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि राजनयिक चेतावनी से अलग, अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने न्यूयॉर्क जिला अदालत में साजिश के कम से कम एक कथित अपराधी के खिलाफ एक सीलबंद अभियोग दायर किया है।

अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट फिलहाल इस बात पर बहस कर रहा है कि इस सीलबंद केस को अभी खोला जाए और आरोपों को सार्वजनिक किया जाए या आतंकी निज्जर की हत्या की जांच पूरी होने के बाद खोला जाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्यवाही से परिचित लोगों के अनुसार, अभियोग में आरोपित एक व्यक्ति के बारे में माना जाता है कि वह अमेरिका छोड़ चुका है। अमेरिकी न्याय विभाग और एफबीआई ने एफटी की रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

एफटी की रिपोर्ट पर ख़बर लिखे जाने तक भारत के विदेश मंत्रालय यानी एमईए की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई थी।

एफटी की यह ख़बर बुधवार को तब आई है जब आज ही भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए ई-वीज़ा सेवाएँ फिर शुरू करने का फ़ैसला लिया है। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में दोनों देशों के बीच ख़राब हुए रिश्तों के मद्देनज़र भारत ने ई-वीज़ा सेवाएँ बंद कर दी थीं। क़रीब दो महीने तक यह बंद रहीं। अब इसके शुरू होने के बाद राजनयिक तनाव में संभावित कमी का संकेत है।

पिछले महीने भारत सरकार द्वारा कनाडाई नागरिकों के लिए कुछ श्रेणियों की वीज़ा सेवाओं को बहाल कर दिया गया था। तब कनाडा ने इस फैसले का कनाडाई लोगों के लिए अच्छी खबर के रूप में स्वागत किया था। हाल ही में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने आरोपों को दोहराते हुए कहा था कि कनाडा इस बहुत गंभीर मामले पर नई दिल्ली के साथ रचनात्मक रूप से काम करना चाहता है।

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