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पीएम मोदी ने जेवर में किया नोएडा एयरपोर्ट का शिलान्यास

पीएम मोदी ने जेवर में किया नोएडा एयरपोर्ट का शिलान्यास

बीजेपी को उम्मीद है कि जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास के जरिये वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ सियासी फ़ायदा हासिल कर सकेगी। लेकिन क्या ऐसा होगा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौतमबुद्ध नगर के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का शिलान्यास कर दिया है। बीजेपी को उम्मीद है कि दस हज़ार करोड़ की लागत से बनने जा रहे इस एयरपोर्ट के शिलान्यास से उसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ चुनावी लाभ होगा। इस मौक़े पर उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद रहे। 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश पिछले साल भर किसानों के आंदोलन की तपिश से जूझता रहा। चुनावी हार के डर से ही बीजेपी को कृषि क़ानून वापस लेने पड़े लेकिन अब वह विकास का दांव खेलकर यहां के किसानों की नाराज़गी को दूर करना चाहती है। 

यह एयरपोर्ट 1300 हेक्टेयर में बनने जा रहा है और इसे सितंबर, 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बनने से नोएडा, गाजियाबाद सहित पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई इलाक़ों के लोगों को विमान सेवा के लिए इंदिरा गांधी एयरपोर्ट नहीं जाना पड़ेगा। 

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां की गई। ख़ुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज़मीन पर उतरकर इंतजामों का जायजा लिया था। इस मौक़े पर एक बड़ी रैली भी हुई। बीजेपी इससे पहले जोर-शोर से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास कर चुकी है। 

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि इस एयरपोर्ट के बनने से यहां 60 हज़ार करोड़ का निवेश होगा और 1 लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा। 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सपा और राष्ट्रीय लोकदल के बीच गठबंधन फ़ाइनल होने के बाद बीजेपी के लिए यहां चुनाव में अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराना एक चुनौती होगा। 2014, 2017 और 2019 के चुनावों में बीजेपी को यहां अच्छी सफलता मिली थी लेकिन किसान आंदोलन के चलते उसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। 

किसानों ने साफ कहा है कि केवल कृषि क़ानूनों की वापसी से यह आंदोलन समाप्त नहीं होगा बल्कि एमएसपी के लिए गारंटी क़ानून बनाने सहित छह मांगों को भी सरकार को पूरा करना होगा। 

बहरहाल, बीजेपी को उम्मीद है कि वह जेवर एयरपोर्ट के शिलान्यास के जरिये इस इलाक़े के लोगों को यह बता सकेगी कि उसकी सरकार विकास के काम में जुटी है। इसके जरिये वह अपनी चुनावी तैयारियों को भी अंजाम दे रही है जबकि विपक्षी दल बीजेपी के ख़िलाफ़ एक मज़बूत गठबंधन बनाकर उसे सत्ता में वापस आने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। 

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