+
लॉकडाउन में शराब नहीं मिली, ख़ुदकुशी कर ली

लॉकडाउन में शराब नहीं मिली, ख़ुदकुशी कर ली

केरल में शराब न मिल पाने से पाँच लोगों की ख़ुदकुशी करने की ख़बर फैलने से खलबली मची हुई है।

केरल में लॉकडाउन की वजह से शराब न मिल पाने से पाँच लोगों की ख़ुदकुशी करने की ख़बर फैलने से खलबली मची हुई है। शराब के आदी लोगों को नशा न मिलने से होने वाली दिक्क़तों की बात खुल कर सामने आई है।

इसके अलावा केरल के मल्लापुरम ज़िले में शनिवार को दो लोगों के आत्महत्या करने की कोशिशों की भी बात सामने आई। समझा जाता है कि ये वे मामले हैं, जिनमें लोगों को शराब की लत बहुत पहले से है। 

नशा न मिलने से होने वाले विदड्रॉल सिंड्रम को ये लोग नहीं झेल पाने से अवसाद में चले गए, अवसाद बढ़ने पर उन्होंने ख़ुदकुशी कर ली या ऐसा करने की कोशिश की।

क्या किया राज्य सरकार ने

केरल सरकार ने ऐसे मामले रोकने और इन लोगों के इलाज की कोशिशें शुरू कर दी हैं। स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा ने कहा है कि राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और परिवार स्वास्थ्य केंद्रों से कहा गया है कि वे शराब के नशे के आदी लोगों के इलाज का इंतजाम करें।

यहां मनोचिकित्सकों को भी तैनात किया गया है ताकि ऐसे लोगों को सही सलाह और मार्ग निर्देशन दिया जा सके। 

केरल सरकार ने शराब के नशे के आदी लोगों का इलाज करने के लिए हर ज़िले के मुख्य अस्पताल में 20 बिस्तरों वाले अलग विभाग का इंतजाम करने को कहा है।

 प्राथमिक अस्पतालों में जिनका इलाज नहीं हो सकेगा, उन्हें तालुका और ज़िला अस्पताल भेजा जाएगा। केरल में लॉकडाउन की वजह से पूरे राज्य में नशाबंदी की स्थिति हो गई है।

नशा मुक्ति केंद्र

राज्य के नशामुक्ति कार्यक्रम के प्रमुख डी राजीव ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'हमने अल्कोहल के आदी लोगों को टेली-कॉन्फ्रेंसिंग से सलाह देने के लिए तीन केंद्र खोले हैं।' उन्होंने कहा :

'हमने 100 लोगों को गंभीर मानसिक स्थिति में पाया, जिन्हें तुरन्त चिकित्सा की ज़रूरत थी। हम उम्मीद करते हैं कि ज़िला स्तर पर ग़ैर सरकारी और निजी क्षेत्र के लोग भी इस काम में मदद देने क के लिए आगे आएं।'


डी राजीव, नशामुक्ति कार्यक्रम के प्रमुख, केरल

नशा मुक्ति सलाह केंद्र पर एक सलाहकार ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि शराब नहीं मिलने की स्थिति में कई लोगों में विदड्रॉल सिंड्रम देखा गया। उनमें डिहाइड्रेशन, कंपकंपाहट, पसीना निकलने और दूसरे कई तरह की दिक्क़तें देखी गईं। ऐसे लोग अवसाद में जा सकते हैं। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें