सुखबीर बादल पर अमृतसर में गोल्डन टेंपल के बाहर फायरिंग, आरोपी गिरफ्तार
स्वर्ण मंदिर में बड़े पैमाने पर सुरक्षा को भेदते हुए शिरोमणि अकाली दल (SAD) नेता सुखबीर सिंह बादल पर एक शख्स ने जानलेवा हमला किया। यह घटना बुधवार सुबह हुई जब सुखबीर 'सेवादार' के रूप में अपनी सजा भुगत रहे थे। हमले के समय सुखबीर बादल व्हीलचेयर पर बैठे थे, लेकिन गोली दीवार से टकराने के कारण वे सुरक्षित बच गए; जिसका एक वीडियो अब सामने आया है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, नारायण सिंह चौरा नाम के इस शख्स को स्वर्ण मंदिर के बाहर खड़े कुछ लोगों ने पकड़ लिया। वीडियो में एक व्यक्ति को उस क्षेत्र में आते हुए दिखाया गया है जहां सुखबीर सिंह बादल बैठे थे। अकाली नेताओं और अन्य सुरक्षा व्यक्तियों द्वारा पकड़े जाने से पहले वह पिस्तौल निकालता है और सुखबीर बादल पर गोली चलाता है। पुलिस की शुरुआती जांच इस शख्स को पूर्व आतंकी बताया गया है।
एडीसीपी हरपाल सिंह ने कहा, ''सुरक्षा व्यवस्था ठीक थी। उस व्यक्ति (शूटर) ने कुछ शरारत करने की कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो सका।
Insane! Attempt to fire at #sukhbirbadal #GoldenTemple
— Sneha Mordani (@snehamordani) December 4, 2024
Huge security lapse at the Golden Temple.
The ease with which the assassin pulls out the weapon! Scary pic.twitter.com/4yfqQBSb8c
शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने पार्टी नेता सुखबीर सिंह बादल पर एक व्यक्ति द्वारा गोली चलाने के बाद कहा- "यह पंजाब को फिर से आग में धकेलने की एक बड़ी साजिश है... सुखबीर सिंह बादल नामक एक व्यक्ति, जो मंदिर के प्रवेश द्वार पर 'सेवादार' के रूप में सेवा कर रहा था, को गोली मार दी गई। मैं उसकी जान बचाने के लिए भगवान को धन्यवाद देता हूं... मैं पंजाब के सीएम से पूछना चाहता हूं कि आप पंजाब को कहां ले जाना चाहते हैं?...हमलावर को मौके पर ही पकड़ लिया गया। मैं सुरक्षा कर्मियों को भी धन्यवाद देता हूं, अगर उन्होंने तुरंत कार्रवाई नहीं की होती, तो बड़ा मामला हो जाता।...घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए...हम अपनी 'सेवा' जारी रखेंगे...।''
कौन है हमलावरः इंडिया टुडे के मुताबिक, हमलावर चौरा पूर्व आतंकवादी है। वो 1984 में पाकिस्तान चला गया था और पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में सहायक था। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पाकिस्तान में चौरा ने गुरिल्ला युद्ध और "देशद्रोही" साहित्य पर एक किताब लिखी। वह बुड़ैल जेलब्रेक मामले में भी आरोपी था। वह पहले ही पंजाब में जेल की सजा काट चुका है।
अकाल तख्त साहिब ने सोमवार को पंजाब में 2007 से 2017 तक अकाली सरकार के शासन के दौरान की गई गलतियों के लिए शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल को 'तनखाइया' (धार्मिक दंड) घोषित करके सजा सुनाई थी। सजा के हिस्से के रूप में, बादल को निर्देशित किया गया था स्वर्ण मंदिर में एक 'सेवादार' (स्वयंसेवक) के रूप में सेवा करें, बर्तन धोएं और जूते साफ करें।
सुखबीर बादल ने मंगलवार को स्वर्ण मंदिर के बाहर एक घंटे तक अपना कर्तव्य निभाते हुए अपनी ड्यूटी शुरू की। बुधवार को, उन्होंने नीली 'सेवादार' वर्दी में, व्हीलचेयर पर बैठे और भाला पकड़े हुए अपनी सज़ा जारी रखी। उसके गले में लटके छोटे-छोटे बोर्ड उनकी "गलतियों" को स्वीकार करने के निशान थे। यह सजा सुखबीर बादल की गलतियों को स्वीकार करने के बाद दी गई है, जिसमें 2007 के ईशनिंदा मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ करना भी शामिल है। समझा जाता है कि भाजपा के दबाव में सुखबीर बादल ने मुख्यमंत्री रहते हुए गुरमीत राम रहीम की सजा माफ की थी।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने आप की भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पर निशाना साधा और कहा, “मुझे लगता है कि यह बहुत गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए था. मैं सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाने को 100 फीसदी सरकार की लापरवाही मानता हूं...यह पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है। जिसने भी गोलियां चलाईं, उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। सिखों के मन में सुखबीर बादल के लिए नफरत हो सकती है...लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप उसे गोली मार देंगे।"