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राजौरी में आतंकी हमला, 4 लोगों की मौत, 7 घायल; बंद बुलाया 

राजौरी में आतंकी हमला, 4 लोगों की मौत, 7 घायल; बंद बुलाया 

दो हथियारबंद आतंकी बीती शाम को ऊपरी डांगरी गांव में घुस गए और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों ने फायरिंग करने से पहले लोगों से उनका आधार कार्ड दिखाने के लिए भी कहा था। 

जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों ने साल के पहले ही दिन कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया। रविवार शाम को 7:15 पर किए गए आतंकी हमले में अब तक 4 लोगों की मौत हो गई है जबकि 7 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। आतंकी हमले में मारे गए लोगों की पहचान सतीश, दीपक, प्रीतम और शिव पाल के रूप में हुई है। 

जानकारी के मुताबिक, दो हथियारबंद आतंकी बीती शाम को ऊपरी डांगरी गांव में घुस गए और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। 

स्थानीय लोगों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मास्क पहने हुए दो आतंकियों ने रविवार शाम को एक घर में घुसते ही ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी और लोगों को बचकर भागने का मौका भी नहीं मिला। आतंकियों ने फायरिंग करने से पहले लोगों से उनका आधार कार्ड दिखाने के लिए भी कहा था। 

पुलिस ने बताया कि आतंकियों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। 

घायलों का राजौरी में स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। घायलों में से दो की हालत बेहद गंभीर है और उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर जम्मू भेजा गया है। पिछले तीन हफ्तों में राजौरी जिले में आम लोगों पर आतंकी हमले की यह दूसरी घटना है। 

16 दिसंबर को आर्मी के कैंप के बाहर भी आतंकियों ने 2 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 

घटना के बाद गांव के लोगों में बेहद आक्रोश है। लोगों का कहना है कि उन्हें आतंकी हमले की आशंका थी। घटना के विरोध में सोमवार को राजौरी में बंद बुलाया गया है। बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद और व्यापारी संगठनों ने इस बंद का समर्थन किया है। यह बंद श्री सनातन धर्म सभा राजौरी की ओर से बुलाया गया है। 

पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी 

घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और प्रशासन के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई। 

28 दिसंबर की सुबह ही जम्मू के सिधरा इलाके में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम किया था। ट्रक में बैठकर जा रहे तीन आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था। इस ट्रक में गोला-बारूद और हथियार भी था। माना जा रहा है कि आतंकी कश्मीर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे और अगर वह कश्मीर पहुंच जाते तो नए साल के मौके पर या उसके बाद 26 जनवरी पर बड़ी वारदात कर सकते थे। 

आईईडी धमाका

इस हमले के बाद सोमवार सुबह राजौरी के धांगरी चौक पर एक आईईडी धमाका हुआ है। इस धमाके में 5 लोग घायल हो गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इनमें से दो लोगों की मौत हो गई है। हैरानी की बात यह है कि इस धमाके से थोड़ी देर पहले ही रविवार को हुए आतंकी हमले के खिलाफ धांगरी चौक पर लोग प्रदर्शन कर रहे थे। 

कुछ दिन पहले ही जम्मू के उधमपुर जिले में पुलिस ने 15 किलो आईईडी विस्फोटक को निष्क्रिय कर दिया था। इसके अलावा आईईडी, 300-400 ग्राम आरडीएक्स, कारतूस और पांच डेटोनेटर बरामद किए थे। पुलिस ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की एक कोडेड शीट और लेटर पैड भी बरामद किया था और एक संदिग्ध को हिरासत में लिया था। 

बीते दिनों में आतंकियों ने एक बार फिर कश्मीरी पंडितों और रोजी-रोटी कमाने के लिए वहां पहुंचे बाहरी लोगों की हत्याओं की वारदात को अंजाम दिया है। हत्या की लगातार वारदातों के बाद घाटी में काम कर रहे कश्मीरी पंडित उन्हें सुरक्षित इलाकों में भेजे जाने को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। 

कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि यह सच है कि कश्मीर में कई कश्मीरी पंडित टारगेट किलिंग के शिकार हुए हैं लेकिन इसका एक दूसरा पक्ष भी है। उन्होंने कहा था कि इसे धर्म के आधार पर देखने की कोशिश बंद कर देनी चाहिए। उप राज्यपाल ने कहा था कि काफी संख्या में दूसरे लोग भी मारे गए हैं और आतंकियों के द्वारा कश्मीर की घाटी के लोगों के अलावा बिहार, ओडिशा, झारखंड से काम करने आए मजदूरों को भी निशाना बनाया गया है। 

146 आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ 

साल 2022 में जम्मू-कश्मीर में 146 आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया। इन आतंकी मॉड्यूल से बड़ी संख्या में हथियार, पिस्टल, कार्बाइन, ग्रेनेड और बम बरामद हुए। इसमें से अधिकतर हथियार जम्मू, कठुआ और सांभा जिलों में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए गिराए गए थे। 

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