कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा पर पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। उनके खिलाफ 17 वर्षीय एक नाबालिग लड़की के साथ छेड़छाड़ के आरोप में यह एफआईआर दर्ज की गई है।
अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक बेंगलुरु के सदाशिवनगर थाने में बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ 14 मार्च को पॉक्सो और आईपीसी की धारा 354 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह एफआईआर एक महिला ने दर्ज कराई है, जिसका आरोप है कि येदियुरप्पा ने उनकी 17 वर्षीय बेटी के साथ छेड़छाड़ की है।
वहीं अपने उपर लगे इन आरोपों को बीएस येदियुरप्पा ने झूठा और बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा है मुझ पर लगे सभी आरोप झूठे हैं, लेकिन मैं अभी ये नहीं कह सकता कि इसके पीछे कोई राजनीतिक मकसद है। यह मामला सामने आने के बाद बीएस येदियुरप्पा के कार्यालय ने कई दस्तावेज जारी कर कहा है कि एफआईआर करने वाली महिला अब तक अलग-अलग लोगों पर 53 केस कर चुकी है।
एफआईआर के मुताबिक पीड़िता 2 फरवरी 2024 को अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के एक मामले में बीएस येदियुरप्पा से मदद मांगने के लिए उनके पास गई थी। वह बेंगलुरु स्थित येदियुरप्पा के घर गई थी। आरोप है कि यहां उन्होंने उसका यौन उत्पीड़न किया। घटना के बाद पीड़िता कमरे से बाहर भागी और उसने अपनी मां को इस कथित छेड़छाड़ के बारे में बताया।
2 फरवरी का है मामला
वहीं द इंडियन एक्सप्रेस अखबार की वेबसाइट की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा पर पिछले महीने बेंगलुरु में अपने आवास पर एक नाबालिग के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गुरुवार को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण ( पॉक्सो ) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।81 वर्षीय येदियुरप्पा पर एक महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद यह मामला दर्ज किया गया था, महिला की शिकायत में कहा गया था कि वह अपनी बेटी के बलात्कार के मामले में न्याय की मांग करते हुए 2 फरवरी को उनके आवास पर गई थी। उसने उनसे मांग की थी कि मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाए।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि, एफआईआर के अनुसार, येदियुरप्पा कथित तौर पर नाबालिग को एक कमरे में ले गए, दरवाजा बंद कर दिया और उसका यौन उत्पीड़न किया।
महिला ने एफआईआर में आगे आरोप लगाया कि जब उसने येदियुरप्पा से इस मामले में बात की तो उन्होंने कहा कि वह जांच कर रहे थे कि लड़की के साथ बलात्कार हुआ है या नहीं। बाद में येदियुरप्पा ने कथित तौर पर माफी मांगी और महिला से मामले के बारे में किसी को नहीं बताने को कहा था।
द इंडियन एक्सप्रेस की यह रिपोर्ट कहती है कि अपने उपर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व सीएम ने कहा है कि लगभग डेढ़ महीने पहले, वे (पीड़िता और उसकी मां) मदद मांगने उनके घर आए थे और वह उन्हें अंदर ले गए थे।
उसकी बात सुनने के बाद, मैंने उसकी समस्या का समाधान करने के लिए शहर के पुलिस आयुक्त बी दयानंद को फोन किया। बाद में, उन्होंने मेरे ही खिलाफ बोला और तब मुझे संदेह हुआ कि उनके साथ कुछ स्वास्थ्य समस्या है। मुझे पता चला कि मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। किसी की मदद करने पर मुझे यही मिलता है।