कोरोना की दूसरी लहर में मौतों के आंकड़ों को लेकर मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार और प्रतिपक्ष कांग्रेस में टकराव तेज हो गया है। सत्तारूढ़ दल बीजेपी की शिकायत पर राज्य पुलिस ने नाथ के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर ली है। महामारी कोरोना को लेकर अफवाह फैलाने और आमजन में भय पैदा करने संबंधी धाराओं में नाथ के विरुद्ध मुकदमा कायम किया गया है।
शनिवार को कमलनाथ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में सवा लाख से ज्यादा मौतें दर्ज हुई हैं। इनमें 1 लाख 2 हजार 2 लोग कोरोना से मरे हैं और चौंकाने वाले इस आंकड़े को सरकार छिपा गई है।
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने दावा किया था कि प्रदेश भर के श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में मार्च और अप्रैल, 2021 में पहुंचे शवों को ब्यौरा कांग्रेस ने इकट्ठा किया है। सही से आंकलन कराया गया तो दो माह में लाशों की गिनती डेढ़ लाख के आसपास बैठेगी।
कमलनाथ ने कहा था, “यदि मेरे आंकड़े गलत हैं तो पिछले दो महीनों के श्मशान और कब्रिस्तान में पहुंचे शवों का अधिकृत ब्यौरा शिवराज सरकार जारी करे।”
इंडियन कोरोना वैरिएंट
कमलनाथ यहीं नहीं रुके थे। उन्होंने केन्द्र सरकार को भी आड़े हाथों लिया था। कहा था, “कोरोना से मौतों का सच छिपाने की वजह से भारत पूरी दुनिया में बदनाम हो रहा है। मेरा भारत महान की बजाय इंडियन कोरोना वैरिएंट की चर्चा हो रही है। कई देशों ने कोरोना के चलते भारत से किनारा कर लिया है। भारतीयों से भेदभाव हो रहा है।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सत्तारूढ़ दल नाथ पर पिल पड़ा था। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने चुनौती देते हुए कहा था, “नाथ मौत के आंकड़ों को साबित करें अथवा अपने सभी पदों से इस्तीफा दें।” मिश्रा बोले थे, “नाथ दावे को साबित कर देंगे तो मैं मंत्री पद से त्यागपत्र दे दूंगा।”
मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने तो कमलनाथ को देशद्रोही बता डाला था। कहा था, “नाथ के ख़िलाफ़ दुनिया भर में भारत को बदनाम करने की साजिश के तहत मुकदमा दर्ज करा जाना चाहिए।”
रविवार को भी यह मामला पूरे दिन गरमाया रहा। सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बयान जारी करते हुए नाथ की तीखी निन्दा की। उन्होंने कहा, “कोरोना का इंडियन वेरिएंट जैसा बयान बेहद आपत्तिजनक और शर्मनाक है।”
शिवराज सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से हस्तक्षेप करने की मांग की। कहा, “कोरोना जैसे गंभीर मसले पर हल्की राजनीति देश के लिए नुकसानदायक है। गांधी को नाथ के ख़िलाफ़ बिना देर किये कार्रवाई करनी चाहिए।”
बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा थाने
मुख्यमंत्री के बयान के बाद मध्य प्रदेश बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल क्राइम ब्रांच पहुंचा। शिवराज सरकार के मंत्री विश्वास सारंग और बीजेपी के कुछ विधायकगण इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे। दो पेजों की एक शिकायत दी। कमलनाथ की प्रेस शनिवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस के तथ्यों का उल्लेख इस शिकायत में किया गया।
शिकायत में कहा गया, “पूर्व मुख्यमंत्री नाथ ने महामारी के दौर में अफवाह फैलाई। मौत के झूठे आंकड़े दिये। आम जन में भय फैलाया। दुनिया के सामने भारत को शर्मसार करने का प्रयास किया।”
शिकायत में कांग्रेस की अन्य वर्चुअल बैठक का उल्लेख कर कहा गया, “किसानों से जुड़े एक मुद्दे पर प्रदेश एवं देश में सरकार के ख़िलाफ़ आग लगाने वाले कृत्य करने की सलाह कमलनाथ ने दी। नाथ के ख़िलाफ़ तमाम धाराओं में पुलिस मुकदमा कायम कर कार्रवाई करे।”
शाम को दर्ज की प्राथमिकी
मध्य प्रदेश बीजेपी की शिकायत के बाद भोपाल पुलिस ने शाम को नाथ के ख़िलाफ़ मुकदमा कायम कर लिया। नाथ पर भारतीय दंड विधान की धारा 188 और डिजास्टर मैनेजमेंट की धारा 54 लगाई गई है।
कांग्रेस करेगी पलटवार
नाथ के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज होने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने घोषणा की कि सोमवार को कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल क्राइम ब्रांच पहुंचकर मध्य प्रदेश की सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के ख़िलाफ़ मुकदमा कायम करने संबंधी मांगपत्र सौंपेगा।
मध्य प्रदेश में कोरोना से मौत के आंकड़ों को छिपाने को लेकर सरकार एवं सीएम पर केस दर्ज करने की मांग की जायेगी।