क्या अपनी गाड़ी में FASTag है? यदि नहीं है तो काफ़ी नुक़सान में रहेंगे। आपकी गाड़ी में फास्टैग (FASTag) नहीं है और यदि नेशनल हाइवे से गुजर रहे हैं तो दोगुना टोल टैक्स देना पड़ेगा। सरकार ने रविवार को ही इसकी घोषणा की थी कि 15 फ़रवरी की आधी रात से इसको लागू कर दिया जाएगा। यानी 16 फ़रवरी के बाद से गाड़ियों में फास्टैग चिपका होना चाहिए।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने घोषणा की थी कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी लेन 'टोल प्लाजा की फास्टैग लेन' घोषित की जाएगी। इससे पहले केंद्र सरकार ने वाहनों के लिए फास्टैग प्राप्त करने की समय सीमा एक जनवरी तय की थी लेकिन इसे बाद में 15 फ़रवरी तक बढ़ा दिया गया था।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि वाहनों में फास्टैग चालू नहीं होने पर दोगुना शुल्क भुगतान करना होगा। तो क्या आपको पता है कि आख़िर यह फास्टैग क्या है? किन वाहनों के लिए यह ज़रूरी है और कैसे यह काम करता है?
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह फास्टैग को नेशनल पेयमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा विकसित किया गया है। यह इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणालियों के साथ काम करता है। फास्टैग एक स्टिकर है जिसे आपकी कार के शीशे पर चिपकाया जा सकता है। इस पर बारकोड होता है जो आपके वाहन के पंजीकरण विवरण के साथ जुड़ा होता है। टोल राशि प्रीपेड बैलेंस से डिजिटल रूप से काटा जाता है। यानी टोल प्लाजा पर किसी स्टाफ़ से बातचीत किए बिना कार के गुजरने पर टोल टैक्स कट जाता है।
कहाँ मिलेगा FASTag?
- आपको ड्राइवर का लाइसेंस, वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र और पासपोर्ट साइज की तसवीर की ज़रूरत होगी।
- कुछ टोल प्लाजा, ट्रांसपोर्ट कार्यालयों से FASTag खरीद सकते हैं। पेटीएम और एमेज़ॉन जैसे पोर्टल पर भी मिलेगा।
- एचडीएफ़सी बैंक, एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक आदि बैंकों की वेबसाइटों पर ऑनलाइन उपलब्ध।
- केवाईसी प्रक्रिया के लिए बैंकों को पैन और आधार कार्ड की भी आवश्यकता होगी।
कितने रुपये लगेंगे?
फास्टैग खरीदने की लागत आपके वाहन के प्रकार और उस वेबसाइट पर निर्भर करेगी जहाँ से आप इसे प्राप्त कर रहे हैं। मिसाल के तौर पर कार के लिए पेटीएम से 500 रुपये में खरीदते हैं तो 250 रुपये आपकी रिफंडेबल सिक्योरिटी डिपॉजिट होगी और 150 रुपये आपके वॉलेट बैलेंस होंगे।
कैसे रिचार्ज करें?
आप इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड और UPI का उपयोग करके अपने फास्टैग डिजिटल वॉलेट को रिचार्ज कर सकते हैं। एक फास्टैग खरीद की तारीख़ से पाँच साल के लिए वैध होगा और रिचार्ज करने पर इसके साथ कोई आगे की वैधता अवधि नहीं है।
इनको मिली है छूट
जिन न्यायाधीशों, मंत्रियों, सांसदों, शीर्ष नौकरशाहों, सैन्य अधिकारियों और आपातकालीन सेवा के कर्मचारियों को टोल का भुगतान करने से छूट है उन्हें फास्टैग चिपकाने की ज़रूरत नहीं है।
15 फ़रवरी को आधी रात से फास्टैग को शुरू किए जाने की घोषणा के बाद कई टोल प्लाजा पर फास्टैग खरीदने के लिए लंबी लाइनें लग गईं। टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुणे में कई टोल प्लाजों पर फास्टैग की बिक्री दो-तीन गुनी बढ़ गई।
ढाई करोड़ फास्टैग यूज़र
परिवहन मंत्रालय के ताज़ा बयान के अनुसार, देश में 2.54 करोड़ से ज़्यादा फास्टैग यूज़र हैं। इससे कुल टोल संग्रह का 80% आता है। फास्टैग के माध्यम से दैनिक टोल संग्रह 89 करोड़ का आँकड़ा पार कर गया है। कहा गया है कि फास्टैग का पंजीकरण कुछ मार्गों पर 90% हो गया है और केवल 10 प्रतिशत लोग ही बचे हैं।
बता दें कि हाल के एक बयान में ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने यह साफ़ किया है कि यह डिजिटल मोड के माध्यम से टोल भुगतान को और बढ़ावा देने के लिए किया गया है। टोल प्लाजा के माध्यम से मार्ग तो आसान होगा ही, इसके साथ-साथ वेटिंग टाइम और ईंधन की ख़पत कम होगी। 1 जनवरी 2021 को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहनों में FASTag के फिट होने के लिए श्रेणी M और N तय किया था। मोटर वाहनों की श्रेणी M कम से कम चार पहियों के लिए लोगों को लाने-ले जाने के लिए उपयोग किया जाता है, जबकि श्रेणी N कम से कम चार पहियों वाले उन मोटर वाहनों के लिए है जिनका उपयोग माल ढोने के लिए किया जाता है। इनमें सामान के अलावा लोग भी ले जा सकते हैं।