फर्रुखाबाद कांड को योगी सरकार दबाने में जुटी, राहुल-प्रियंका-अखिलेश का हमला
फर्रुखाबाद जिले के भगौतीपुर गांव में मंगलवार को पेड़ से लटकी पाई गईं दो नाबालिग दलित लड़कियों की मौत रहस्य बनी हुई है। पुलिस ने निष्कर्षों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कहा कि मौतें दोहरी आत्महत्या का मामला थीं। लेकिन परिवार के सदस्यों का आरोप है कि नाबालिगों की हत्या की गई है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्य में महिला सुरक्षा पर सवालिया निशान उठाया है। गैर भाजपा राज्यों में ऐसे अपराधों को मुद्दा बनाकर शोर मचाने वाली भाजपा फर्रुखाबाद पर चुप्पी साधे हुए है।
पुलिस के मुताबिक, दोनों लड़कियां एक ही स्टोल (दुपट्टे) के दो सिरों का इस्तेमाल कर लटकी हुई पाई गईं। दोनों सोमवार रात करीब 9 बजे गांव के मंदिर से लापता हो गईं थी, जहां वे जन्माष्टमी की झांकी देखने गईं थीं। पोस्टमार्टम में आत्महत्या के संकेत मिले हैं। फर्रुखाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवनींद्र कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम में यौन उत्पीड़न या प्रतिशोध का कोई संकेत नहीं मिला है। उन्होंने कहा, ''दोनों लड़कियों की मौत फांसी के कारण दम घुटने से हुई।'' पुलिस ने कहा कि फोरेंसिक जांचकर्ताओं को पेड़ पर पैरों के निशान भी मिले हैं, जिससे पता चलता है कि लड़कियां आत्महत्या करने के लिए उस पर चढ़ी होंगी।
हालांकि, लड़कियों के परिजनों का कहना है कि दोनों लड़कियों की हत्या की गई है। उनमें से एक लड़ककी के पिता ने कहा- “मेरी बेटी आत्महत्या से नहीं मर सकती। उसके पास इसका कोई कारण नहीं था। वह सिर्फ 15 साल की थी, एक खुशमिजाज लड़की थी, जिस पर कोई मानसिक दबाव या तनाव नहीं था। दोनों अच्छी दोस्त थीं। वे बिना किसी कारण के आत्महत्या करके क्यों मरेंगी? कुछ तो गड़बड़ है। पुलिस को मामले की गहन जांच करनी चाहिए।” परिवार के लोगों द्वारा लड़कियों के शरीर पर निशान देखे जाने का दावा करने के बाद बुधवार को दुखी परिवारों ने प्रदर्शन किया। हालांकि, जिला प्रशासन और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद, उत्तेजित परिवार के सदस्य दोनों का अंतिम संस्कार करने पर सहमत हुए। पुलिस चाहती थी जल्द से जल्द अंतिम संस्कार हो जाए, इसमें वो सफल भी रही।
भाजपा सरकार में ‘न्याय की उम्मीद’ करना भी गुनाह है!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 28, 2024
कमज़ोरों और वंचितों के खिलाफ गंभीर से गंभीर घटनाओं में भी जिनकी प्राथमिकता न्याय नहीं अपराध छिपाना हो, उनसे कोई क्या ही उम्मीद करे?
फ़र्रुख़ाबाद में हुई घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, पीड़ित परिवार के साथ प्रशासन का ऐसा रवैया… pic.twitter.com/XEMX4IsIDs
इस मुद्दे पर नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा- भाजपा सरकार में ‘न्याय की उम्मीद’ करना भी गुनाह है! कमज़ोरों और वंचितों के खिलाफ गंभीर से गंभीर घटनाओं में भी जिनकी प्राथमिकता न्याय नहीं अपराध छिपाना हो, उनसे कोई क्या ही उम्मीद करे? फ़र्रुख़ाबाद में हुई घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, पीड़ित परिवार के साथ प्रशासन का ऐसा रवैया किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आखिर यह सब कब तक सहन किया जा सकता है? एक समाज के रूप में हमारे सामने ये बहुत बड़ा सवाल है! सुरक्षा भारत की हर बेटी का अधिकार है और न्याय हर पीड़ित परिवार का हक़।
इतनी भयावह घटना के बाद एक पिता को ये सवाल क्यों उठाने पड़ रहे हैं? क्या एक पीड़ित पिता का ये भी हक नहीं कि उसे अपनी बेटी के साथ हुए सुलूक का सच पता चल सके? आखिर प्रशासन बच्चियों के शवों को जलाने की जल्दबाजी क्यों दिखा रहा है?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 28, 2024
फर्रुखाबाद में दो दलित लड़कियों के साथ घटी घटना पर… pic.twitter.com/7sbPBhrYud
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि घटना को लेकर प्रशासन का रवैया कई सवाल खड़े कर रहा है। प्रियंका ने कहा- “इतनी भयावह घटना के बाद एक पिता को ये सवाल क्यों उठाने पड़ते हैं? क्या किसी पीड़िता के पिता को अपनी बेटी के साथ हुए व्यवहार की सच्चाई जानने का अधिकार नहीं है? प्रशासन को बच्चियों के शवों का अंतिम संस्कार करने की इतनी जल्दी क्यों है? फर्रुखाबाद में दो दलित लड़कियों के साथ हुई घटना पर प्रशासन का रवैया कई सवाल खड़े कर रहा है। चाहे वह हाथरस हो, उन्नाव हो या फर्रुखाबाद - हर जगह एक ही क्रूर कहानी दोहराई जाती है। तो क्या दलितों, पिछड़ों, वंचितों, गरीबों, महिलाओं या जो भी कमजोर है, उन्हें अब न्याय की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए?”
फ़र्रूख़ाबाद में दो बालिकाओं की संदिग्ध मौत के मामले में भाजपा सरकार की चुप्पी विचलित करनेवाली है। शायद इसकी दोहरी वजह है, एक तो भाजपा का स्त्री विरोधी कुविचार व रवैया और दूसरा उनका दलित होना।
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समाजवादी पार्टी इस संदर्भ में एक प्रतिनिधिमंडल भेजकर सांत्वना के साथ-साथ इंसाफ़ के… pic.twitter.com/eU2Yz7TkQr
आनन-फ़ानन में किये गये अंतिम संस्कार का लक्ष्य क्या सबूत मिटाना है? ये प्रश्न हाथरस से लेकर फ़र्रूख़ाबाद तक भाजपा के कुशासन का पीछा नहीं छोड़ेगा। pic.twitter.com/cdcHy52VjZ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 28, 2024
सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर कई ट्वीट किए। अखिलेश ने कहा, ''फ़र्रूख़ाबाद में दो बालिकाओं की संदिग्ध मौत के मामले में भाजपा सरकार की चुप्पी विचलित करनेवाली है। शायद इसकी दोहरी वजह है, एक तो भाजपा का स्त्री विरोधी कुविचार व रवैया और दूसरा उनका दलित होना। समाजवादी पार्टी इस संदर्भ में एक प्रतिनिधिमंडल भेजकर सांत्वना के साथ-साथ इंसाफ़ के लिए आवाज़ उठाएगी। भाजपा सरकार से जनता को कोई भी उम्मीद शेष नहीं बची है। भाजपा जब भी महिलाओं के मुद्दे उठाती है तो उसके पीछे केवल और केवल राजनीतिक फ़ायदा होता है। इसीलिए वो विपक्ष शासित राज्यों में आवाज़ उठाती है लेकिन भाजपा शासित राज्यों में महिला-अपराधों के मामले में मुँह, आँख, कान और नैतिकता के सभी दरवाज़े बंद करके बैठ जाती है। अखिलेश ने अपने दूसरे ट्वीट में इसी घटना पर कहा- आनन-फ़ानन में किये गये अंतिम संस्कार का लक्ष्य क्या सबूत मिटाना है? ये प्रश्न हाथरस से लेकर फ़र्रूख़ाबाद तक भाजपा के कुशासन का पीछा नहीं छोड़ेगा।
#WATCH | Lucknow, UP: On the Farrukhabad incident, AAP leader Sanjay Singh says, "This is a tragic incident. Legal action should be taken against those who are responsible for this incident. Today, there is no safe place (for women). If political protection will be given to the… pic.twitter.com/IDuJX94qYf
— ANI (@ANI) August 27, 2024
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा- ''यह एक दुखद घटना है. इस घटना के लिए जो भी जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। आज (महिलाओं के लिए) कोई सुरक्षित जगह नहीं है। अगर राजनीतिक संरक्षण दिया जाएगा बलात्कारियों और दोषियों को पार्टियां और सरकार बचाने की कोशिश करेगी और अगर पीएम मणिपुर मुद्दे पर चुप रहेंगे तो ऐसी घटनाएं होती रहेंगी, अगर आप चुन-चुनकर आवाज उठाएंगे तो ऐसा होता रहेगा। मुद्दे पर बात होनी चाहिए तो मणिपुर मुद्दे पर भी बात होनी चाहिए।''
यूपी के फर्रुखाबाद में दलित लड़कियों की हत्या कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले हाथरस जैसा कांड हो चुका है, उन्नाव की दहलाने वाली घटना सामने आ चुकी है। लेकिन इन सभी मामलों को योगी सरकार दबाने में सफल रही। हाथरस की घटना में शिकार दलित लड़की हुई थी। उसके साथ गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने उसके शव का रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार करा दिया था। फर्रुखाबाद के डबल मर्डर में भी यही दोहराया गया। यहां भी पीड़ित दलित हैं। परिवार कह रहा है कि हत्या हुई है, पुलिस कह रही है कि दोनों ने खुदकुशी की है। खुदकुशी किस वजह से हुई इसका जवाब पुलिस के पास नहीं है। कोलकाता में एक महिला डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना को भाजपा ने राष्ट्रव्यापी मुद्दा बना दिया। पिछले एक हफ्ते से बंगाल में प्रदर्शन हो रहे हैं लेकिन उसी भाजपा ने फर्रुखाबाद पर चुप्पी साध रखी है।