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लखीमपुर में 12 अक्टूबर को जुटेंगे किसान; रेल रोकेंगे, महापंचायत करेंगे

लखीमपुर में 12 अक्टूबर को जुटेंगे किसान; रेल रोकेंगे, महापंचायत करेंगे

लखीमपुर में किसानों की हत्या के मामले में किसानों की मांगों को क्या सरकार मानेगी? जानिए, उनकी मांगें नहीं माने जाने पर किस तरह के आंदोलन की चेतावनी दी है। 

लखीमपुर खीरी घटना के विरोध में किसानों ने बड़े आंदोलन की घोषणा की है। किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि इसकी शुरुआत 12 अक्टूबर को होगी। किसान 18 अक्टूबर को 'रेल रोको' आंदोलन और 26 अक्टूबर को लखनऊ में महापंचायत करेंगे। 

किसानों ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग की है और कहा है कि उनके इस्तीफे के बिना जाँच प्रभावित हो सकती है और गुनाहगार के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं हो सकती है। संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सामाजिक कार्यकर्ता और स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चे में शामिल सभी किसान संघों ने बैठक कर लखीमपुर घटना का विरोध करने का निर्णय लिया है। 

उन्होंने कहा कि लखीमपुर में पाँच शहीदों- चार किसान और एक किसान-पत्रकार- के भोग कार्यक्रम से इसकी शुरुआत होगी। उन्होंने कहा है कि 12 अक्टूबर को वह कार्यक्रम घटना स्थल पर ही होगा। उन्होंने कहा, 'देश भर से किसान 12 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी पहुंचेंगे... जो हुआ वह जलियांवाला बाग से कम नहीं था और हम सभी नागरिक संगठनों से अपने शहरों में रात 8 बजे कैंडल मार्च निकालने का अनुरोध करते हैं।' 

योगेंद्र यादव ने यह भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर से शहीद किसान कलश यात्रा की शुरुआत करेगा। उन्होंने कहा, 'किसान लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों की अस्थियाँ हर राज्य में ले जाएंगे और वहीं उनका विसर्जन किया जाएगा...।'

योगेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि अजय मिश्रा को सरकार से हटाया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने इस साज़िश को शुरू किया और वह मामले में दोषियों को भी बचा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दशहरा के दिन 15 अक्टूबर को संयुक्त किसान मोर्चा हिंसा के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का पुतला फूंकेगा।

संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ़ से 18 अक्टूबर को 'रेल रोको' आंदोलन किया जाएगा। सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक इस कार्यक्रम को किया जाएगा। इसके बाद 26 अक्टूबर को लखनऊ में ऐतिहासिक महापंचायत की जाएगी। उन्होंने कहा है कि 11 अक्टूबर तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो आंदोलन इस तरह ही चलेगा। 

किसान नेताओं ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार करने की मांग की और कहा कि यह घटना एक 'साज़िश' थी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए। हालाँकि शनिवार देर रात को लंबी पूछताछ के बाद आशीष मिश्रा को गिरफ़्तार किया जा चुका है। 

 - Satya Hindi

आशीष मिश्रा से पूछताछ कर रही विशेष जाँच दल यानी एसआईटी का कहना है कि आशीष पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्हें जाँच में सहयोग नहीं करने की वजह से ही गिरफ़्तार किया गया है। उन्हें रविवार को अदालत में पेश किया जाएगा। समझा जाता है कि पुलिस अदालत से आशीष मिश्रा की रिमांड मांगेगी ताकि आगे की पूछताछ की जा सके और जाँच को आगे बढ़ाया जा सके।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई घटना में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। आशीष पर यह आरोप लगा है कि उन्होंने लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में प्रदर्शनकारी किसानों को तेज़ रफ़्तार से गाड़ी रौंद दिया। हालाँकि आशीष और उनके पिता अजय कुमार मिश्रा ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। 

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