किसान आंदोलन फिर से, 21 मार्च को देशव्यापी प्रदर्शन, सरकार पर वादों से मुकरने का आरोप
एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन का अगला चरण घोषित किया।
— Swaraj Abhiyan (@swaraj_abhiyan) March 14, 2022
लखीमपुर खेरी में अपराधियों को बचाने और बेकसूर किसानों को फंसाने के खिलाफ किसान करेंगे रोष प्रदर्शन।@_YogendraYadav | @_JaiKisan pic.twitter.com/PDADI0EKSA
किसान आंदोलन फिर से शुरू होने जा रहा है। लेकिन इस बार उसका तरीका अलग है। वो कई चरणों में होगा। पहला चरण 21 मार्च को देशव्यापी प्रदर्शन के साथ शुरू होगा। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को अपनी बैठक के बाद कहा कि एमएसपी पर पैनल नहीं बनाने और किसानों के खिलाफ मामले वापस नहीं लेने सहित वादों को पूरा न करने पर केंद्र के खिलाफ 21 मार्च को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन होगा।दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में दिन भर बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। एसकेएम नेताओं और सदस्यों ने किसानों से किए गए वादों पर केंद्र द्वारा अब तक की गई प्रगति की समीक्षा की, जिसमें एमएसपी पर एक पैनल का गठन भी शामिल है।
मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्र द्वारा किसानों से किए गए वादों पर कानून बनाने के लिए एमएसपी पर एक पैनल बनाने, किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को कैबिनेट से निष्कासन के मुद्दे पर कोई प्रगति नहीं हुई है। एसकेएम के वरिष्ठ सदस्य अभिमन्यु कोहर ने मीडिया को बताया कि इसलिए एसकेएम ने वादों को पूरा नहीं करने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ 21 मार्च को जिला और ब्लॉक स्तर पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।पिछले साल 9 दिसंबर को सरकार द्वारा विवादास्पद कानूनों को रद्द करने और आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने, एमएसपी पर कानूनी गारंटी और मरने वाले किसानों के परिजनों के मुआवजे सहित छह अन्य मांगों पर विचार करने के लिए सहमत होने के बाद आंदोलन को निलंबित कर दिया गया था। बाद में एक बयान में, एसकेएम ने कहा -
“
किसान अपने राष्ट्रव्यापी अभियान के अगले चरण में 11 से 17 अप्रैल तक 'एमएसपी गारंटी सप्ताह' मनाएंगे।
- संयुक्त किसान मोर्चा का बयान, सोमवार को जारी
संयुक्त किसान मोर्चा के बयान में कहा गया है कि तीन महीने बाद भी सरकार द्वारा किसान आंदोलन को दिए गए आश्वासनों को लागू नहीं करना उसके किसान विरोधी इरादों को उजागर करता है। इसलिए, आम राय से यह निर्णय लिया गया कि 11 से 17 अप्रैल के बीच, एमएसपी कानूनी गारंटी सप्ताह का पालन करके एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया जाएगा। इस सप्ताह के दौरान, एसकेएम से जुड़े सभी संगठन स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक एमएसपी कानून गारंटी की मांग करते हुए प्रदर्शन और सेमिनार आयोजित करेंगे।
मोर्चा ने 9 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा को सरकार द्वारा दिए गए लिखित आश्वासन की समीक्षा की और पाया कि तीन महीने के बाद भी सरकार ने अपने प्रमुख आश्वासनों पर कार्रवाई नहीं की है। एमएसपी पर एक समिति बनाने के आश्वासन का कोई संकेत नहीं है। हरियाणा को छोड़कर अन्य राज्यों में आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज पुलिस मामले वापस नहीं लिए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने कुछ मामलों को आंशिक रूप से वापस लेने की बात कही है लेकिन उसके बारे में भी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।