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किसान संगठनों ने कहा- दिशा रवि को तुरंत रिहा करे सरकार

किसान संगठनों ने कहा- दिशा रवि को तुरंत रिहा करे सरकार

विपक्ष के नेताओं, पर्यावरण कार्यकर्ताओं के बाद कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ धरना दे रहे किसानों ने भी दिशा रवि को रिहा करने की मांग की है।

पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ़्तारी के विरोध में लगातार आवाज़ उठ रही है। विपक्ष के नेताओं, पर्यावरण कार्यकर्ताओं के बाद कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ धरना दे रहे किसानों ने भी दिशा रवि को रिहा करने की मांग की है। दिशा पर आरोप है कि उसने एक टूलकिट को तैयार करने और इसे सोशल मीडिया पर आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। 

पुलिस के मुताबिक़, दिशा ने मुंबई की वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु के साथ मिलकर इस टूलकिट को तैयार किया था। इस टूलकिट को स्वीडन की पर्यावरणविद् ग्रेटा तनबर्ग (थनबर्ग) ने ट्वीट किया था। 

पोएटिक जस्टिस फ़ाउंडेशन का नाम

पुलिस का दावा है कि इस टूलकिट के पीछे पोएटिक जस्टिस फ़ाउंडेशन का हाथ है। इस संगठन ने वकील निकिता जैकब से भी संपर्क किया था कि वह गणतंत्र दिवस के दिन हुई किसानों की रैली से पहले ट्वीट करे। पुलिस का कहना है कि पोएटिक जस्टिस फ़ाउंडेशन खालिस्तानी अलगाववादी संगठन है। 

किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को दिशा रवि की गिरफ़्तारी की आलोचना की। किसान मोर्चा की ओर से कहा गया है कि वह किसान आंदोलन के प्रति सरकार के द्वारा पुलिस का दुरुपयोग किए जाने से बेहद चिंतित है। आगे कहा गया है कि मोर्चा बिना नियमों का पालन कर की गई दिशा रवि की गिरफ़्तारी की निंदा करता है और उसे तुरंत रिहा करने की मांग करता है। जबकि पुलिस का कहना है कि दिशा की गिरफ़्तारी में सभी नियमों का पालन किया गया। 

दिशा रवि को शनिवार को गिरफ़्तार किया गया था, इसके बाद उसे दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया और पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। 

टूलकिट को लेकर बीजेपी का कहना है कि यह देश के ख़िलाफ़ साज़िश है जबकि कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की हरक़तों का सहारा ले रही है।

दिशा रवि ने अदालत को बताया कि उसने इस  टूलकिट को नहीं बनाया है और वह सिर्फ़ किसानों का समर्थन करना चाहती है। दिशा के मुताबिक़, 3 फ़रवरी को उसने इस टूलकिट की दो लाइनों को एडिट किया था। 

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बेंगलुरू के माउंट कॉर्मेल कॉलेज से बीबीए करने वालीं दिशा पढ़ाई में काफी ब्रिलियंट थीं और कम्युनिकेशन, लीडरशिप के मामलों में कॉलेज में कई बार इनाम जीत चुकी थीं। 

टीओआई के मुताबिक़, दिशा के दोस्तों ने कहा कि दिशा बेंगलुरू के ऐसे इलाक़े में रहती हैं जहां पर बारिश के दिनों में उसके घर में पानी भर जाता था और तब उसे पर्यावरण संकट की गंभीरता का अहसास हुआ। टीओआई के मुताबिक़, दिशा के दोस्तों ने बताया कि दिशा के दादा किसान थे और दिशा ने सूखे, बाढ़ की मुश्किलों के दौरान उन्हें इससे जूझते देखा था। उसकी दोस्तों ने कहा है कि दिशा ने बहुत संघर्ष किया है और वह अपने घर में कमाने वाली अकेली शख़्स है। 

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विपक्षी नेताओं ने की आलोचना 

दिशा की गिरफ़्तारी पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा- “बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे बोल कि सच ज़िंदा है अब तक! वो डरे हैं, देश नहीं!” कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, “डरते हैं बंदूकों वाले एक निहत्थी लड़की से, फैले हैं हिम्मत के उजाले एक निहत्थी लड़की से।”

‘टूलकिटजीवियों’ पर कार्रवाई कब?

पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा है कि अगर दिशा देश के लिए ख़तरा हैं तो यह कहा जाना चाहिए कि भारत बेहद कमजोर बुनियाद पर खड़ा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “सवाल ये है कि वो कब गिरफ़्तार होंगे जो भारत की राष्ट्रीय एवं सामाजिक एकता को खंडित करने के लिए सुबह-शाम जनता के बीच घृणा व विभाजन को जन्म देने के लिए शाब्दिक ‘टूलकिट’ जारी करते रहते हैं।” अखिलेश ने पूछा, “बीजेपी सरकार बताए कि शिकायत करने पर भी वो इन ‘टूलकिटजीवियों’ पर कार्रवाई क्यों नहीं करती?” 

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