केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को लोकसभा में पेश किये गए केंद्रीय बजट 2022-23 में गेहूं और धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की गई है। सरकार किसानों की एक तय आमदनी सुनिश्चित करना चाहती है। दोनों फसलों पर एमएसपी ये भुगतान अगले वर्ष, अप्रैल 2022-मार्च 2023 में किए जाएंगे।
सरकार द्वारा 2020 में लाए गए तीन कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने के साथ कृषि उपज के लिए एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर किसानों के आंदोलन के दो महीने बाद यह घोषणा सामने आई है। इस विरोध प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश और पंजाब के किसानों ने बढ़चढ़ कर भाग था।
निर्मला सीतारमण ने कहा, "वित्त वर्ष 23 के लिए कृषि खरीद मूल्य 2.37 ट्रिलियन रुपये होगा।" उन्होंने आयात निर्भरता को कम करने और निर्यात पर जोर देने के साथ बाजरा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तिलहन की खेती को बढ़ावा देने की योजना की घोषणा की। सीतारमण ने कहा कि -
“
सरकार स्थायी कृषि उत्पादकता और किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में रासायनिक मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देगी।
निर्मला सीतारमण, मंगलवार को बजट भाषण में
उन्होंने कहा कि सरकार फसल मूल्यांकन और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण में तेजी लाई जाएगी।
सीतारमण ने केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह परियोजना 44,000 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से 900,000 किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि पांच नदियों को जोड़ने के लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है।