कोलकाता में फर्जी टीकाकरण केंद्र आयोजित करने और ख़ुद को फ़ेक आईएएस बताने के आरोप में गिरफ़्तार किए गए देबंजन देब की अब तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं के साथ की तसवीरें वायरल हुई हैं। टीएमसी की ही सांसद मिमी चक्रवर्ती ने देबंजन के फर्जी टीकाकरण केंद्र का भंडाफोड़ किया था और उसे गिरफ़्तार करवाया था। लेकिन अब देबंजन के तृणमूल के ही दूसरे नेताओं के साथ तसवीरें वायरल होने के बाद बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस पर हमला किया है।
28 वर्षीय देबंजन देब की किन-किन नेताओं के साथ तसवीरें वायरल हुई हैं, यह जानने से पहले यह जान लें कि उसे गिरफ़्तार कैसे किया गया। अभिनेत्री से टीएमसी सांसद बनीं मिमी चक्रवर्ती ने एक कोविड टीकाकरण केंद्र पर टीका लगवाया था। मिमी चक्रवर्ती ने पुलिस से शिकायत तब की जब उन्हें टीका लेने के बाद कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। चक्रवर्ती ने कहा कि उन्होंने लोगों को टीका लगाने के लिए प्रोत्साहित करने और वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करने के लिए कोविड खुराक ली थी।
देबंजन देब ने कथित तौर पर एक आईएएस अधिकारी होने का दावा करते हुए उन्हें शिविर में आमंत्रित किया। उसने कथित तौर पर उन्हें बताया कि टीकाकरण का प्रयास कोलकाता नगर निगम द्वारा आयोजित किया गया था। यह भी बताया गया था कि वह ट्रांसजेंडर और विक्लांगों के लिए यह विशेष शिविर था। वह देबंजन देब द्वारा आयोजित टीकाकरण शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में गई थीं।
पुलिस ने जिसको गिरफ़्तार किया उसकी पहचान होसेनपुर के 28 वर्षीय देबंजन देब के रूप में हुई। इसकी गिरफ़्तारी होने के बाद कई तसवीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। ये वो तसवीरें हैं जो देबंजन देब के ट्विटर हैंडल पर ट्वीट की गई हैं।
देबंजन देब की मंत्री सुब्रत मुखर्जी और कोलकाता नगर निगम के अध्यक्ष फिरहाद हकीम के साथ तसवीरें हैं। वह सोनारपुर विधायक लवली मोइत्रा के साथ भी दिखा था।
बता दें कि आरोपी ने ख़ुद को निगम का ज्वाइंट कमिश्नर बताया था। देबंजन ने कई ऐसी तसवीरें ट्विटर पर साझा की हैं जिसमें वह टीएमसी के नेताओं के साथ दिख रहा है।
हालाँकि तृणमूल नेताओं ने आरोपी देबंजन देब के साथ किसी तरह की जानकारी होने से इनकार किया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, उन नेताओं का कहना है कि यदि किसी आधिकारिक कार्यक्रमों या सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान तसवीरें ली गई होंगी तो वे कुछ नहीं कर सकते हैं।
इस मामले में बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है। स्वप्न दासगुप्ता ने ट्वीट कर कहा है कि फ़ेक आईएएस और फ़ेक टीकाकरण घोटाला की और जानकारी का इंतज़ार है। उन्होंने ममता बनर्जी को टैग करते हुए लिखा है कि तृणमूल के रंग में रंगे होने का मतलब है कि आपको ब्लैंक चेक मिल गया है और आप कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने लिखा कि इसमें फ्री वैक्सीन का कूपन भी शामिल है।
बता दें कि जब टीएमसी नेता मिमी चक्रवर्ती ने पुलिस से शिकायत की थी तब पुलिस ने कार्रवाई की थी। न्यूज़ एजेंसी एएनआई से उन्होंने कहा था, 'मैंने टीके के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए शिविर में कोविशील्ड का टीका लिया। लेकिन मुझे CoWIN से पुष्टि करने वाला संदेश कभी नहीं मिला।' मिमी चक्रवर्ती ने कहा कि उन्होंने देखा कि लोगों के लिए CoWIN के साथ पंजीकरण करने के लिए आधार कार्ड का कोई विवरण नहीं लिया गया था, इसलिए खुराक के बाद किसी को कोई संदेश नहीं मिला।
इसी संदेह के आधार पर चक्रवर्ती ने तब कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण उपनगरीय डिवीजन के डीसी राशिद मुनीर ख़ान ने कहा, 'आरोपी ने दावा किया है कि उसने स्वस्थ भवन और बागड़ी बाज़ार के बाहर से टीके खरीदे थे। हम यह जाँचने के लिए नमूने भेज रहे हैं कि वे असली टीके थे या नहीं।'
पुलिस के अनुसार, उन्हें यूको बैंक भवन में लगाए जा रहे टीकाकरण शिविर के बारे में पता चला। चूँकि स्थानीय पुलिस स्टेशन को क्षेत्र में ऐसे किसी भी शिविर के बारे में सूचित नहीं किया गया था, एक पुलिस दल वहाँ पहुँचा और पाया कि बड़ी संख्या में लोग उस 'टीकाकरण' केंद्र पर इकट्ठा हुए थे।
रिपोर्ट के अनुसार, एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'शिविर के प्रभारी व्यक्ति से मौक़े पर पूछताछ की गई और यह पाया गया कि वह कोलकाता नगर निगम के संयुक्त आयुक्त के रूप में ख़ुद को पेश कर रहा था। उन्होंने अपने एनजीओ के विज्ञापन और पीआर गतिविधियों के लिए मुफ्त टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया था। वह एक आईएएस अधिकारी और कोलकाता नगर निगम के झूठे फर्जी दस्तावेजों, मुहरों, नीली बत्ती और टिकटों का इस्तेमाल कर रहा था।'
पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगो, स्टिकर के साथ एक झंडा और नीली बत्ती से सज्जित उसकी कार को जब्त कर लिया।