राहुल गांधी का निष्कासन, गांधी दर्शन के साथ धोखा: अमेरिकी सांसद
मानहानि के चार साल पुराने एक केस में राहुल गांधी को हुई दो साल की सजा के बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है। सदस्यता रद्द किये जाने के बाद से हर जगह से प्रतिक्रियायें आ रही हैं। इस मसले पर राहुल गांधी को केवल देश से ही नहीं विदेशों से भी समर्थन मिल रहा है।
The expulsion of Rahul Gandhi from parliament is a deep betrayal of Gandhian philosophy and India’s deepest values. This is not what my grandfather sacrificed years in jail for. @narendramodi you have the power to reverse this decision for the the sake of Indian democracy. https://t.co/h85qlYMn1J
— Ro Khanna (@RoKhanna) March 24, 2023
राहुल गांधी की सदस्यता खत्म किये जाने के बाद भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रोहित खन्ना ने इसे गांधी दर्शन के खिलाफ धोखा बताया। रोहित खन्ना ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'राहुल गांधी को संसद से निष्कासित करना गांधीवादी दर्शन और भारत के गहरे मूल्यों के साथ गहरा विश्वासघात है’।
राहुल का समर्थन करते हुए खन्ना केवल इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने कहा आजादी के आंदोलन में मेरे दादा ने इसके लिए वर्षों जेल की कुर्बानी नहीं दी’।
खन्ना अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में सिलिकॉन वैली का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत और भारतीय-अमेरिकियों पर कांग्रेसनल कॉकस के सह अध्यक्ष खन्ना ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है। खन्ना ने प्रधानमंत्री से अपील करते हुए एक ट्वीट में लिखा कि, ''आपके पास भारतीय लोकतंत्र की खातिर इस फैसले को पलटने की शक्ति है।
अमेरिका में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के उपाध्यक्ष जॉर्ज अब्राहम ने भी राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने को भारतीय लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन बताया।
उन्होंने कहा, 'यह भारत में लोकतंत्र के लिए दुखद दिन है। राहुल गांधी को अयोग्य ठहराकर मोदी सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और हर जगह भारतीयों की स्वतंत्रता के अधिकार के लिए मौत की घंटी बजा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान की गई किसी टिप्पणी के उनके खिलाफ अदालती कार्रवाई करना शर्मनाक है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संबंध में संविधान की भावना के अनुरूप नहीं है.'
राहुल की सदस्यता खत्म किये जाने को विदेशी मीडिया ने भी अच्छी तरह से खबर ली। दुनिया भर के माडिया संस्थानों ने इसे अपने पेज पर जगह दी। इसमें ब्रिटेन का ‘द गार्डियन’ अमेरिका के ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘वाशिंगटन पोस्ट’, ‘सीएनएन ब्राजील’, ‘बीबीसी’, ‘आरएफआई’ जैसे सभी संस्थानों ने राहुल गांधी के मसले पर पूरे घटनाक्रम को सिलसिलेवार ढंग से कवर किया है।