जम्मू बस पड़ाव पर खड़ी एक बस पर गुरुवार को दोपहर से ठीक पहले ग्रेनेड से हमला किया गया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 32 लोग जख़्मी हो गए। इनमें तीन की हालत गंभीर है। हालांकि किसी आतंकवादी गुट ने इसकी ज़िम्मेदारी नहीं ली है, पर समझा जाता है कि इसे हिज़बुल मुजाहिदीन ने अंजाम दिया है।
जम्मू रेंज के आईजी मनीष कुमार सिन्हा ने दावा किया है कि इस वारदात के मुख्य संदिग्ध जावेद अहमद भट्ट को गिरफ़्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उसे उस समय पकड़ा जब वह नगरीटा के नज़दीक बने बान टोल प्लाज़ा को पार कर कश्मीर घाटी में गुम हो जाने की फिराक में था। उसने पुलिस से पूछताछ में यह क़बूल किया उसने ही बस पर ग्रेनेड फेंका था। भट ने कहा कि उसने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी गुट हिज्बुल मुजाहिदीन के कुलगाम ज़िला कमांडर फ़ारूक अहमद उर्फ़ उमर के कहने पर इस वारदात को अंजाम दिया था। सिन्हा ने कहा कि दूसरे 15 संदिग्धों को हिरासत में ले लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
जम्मू बस पड़ाव पर साल भर में यह तीसरा ग्रेनेड हमला है। जख़्मी लोगों को गवर्नमेंट जनरल अस्पताल में दाखिल कराया गया है। यह पता नहीं चल पाया है कि बस में लोग बैठे थे या नहीं। हमले के तुरन्त बाद पुलिस ने पूरे इलाक़े को घेर लिया और मामले की जाँच शुरू कर दी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, 'पहले मुझे लगा कि बस का टायर फटा है। लेकिन यह बड़ा विस्फोट था।'
किसी गुट ने इस हमले की ज़िम्मेदारी अब तक नहीं ली है, पर यह साफ़ हो चुका है कि इसके पीछ हिजबुल का हाथ है। पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद पूरे राज्य में अलर्ट है और प्रशासन चौकन्ना है। इसके बावजूद यह घटना हुई है। सिन्हा ने कहा कि पुलिस जल्द ही मौके पर पहुँच गई और उसने मामले की तफ़्तीश शुरू कर दी।
सिन्हा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'जब कभी अलर्ट जारी किया जाता है, हम जाँच बढ़ा देते हैं। लेकिन किसी के अंदर घुस जाने की आशंका बनी रहती है। पुलिस ने हर पहलू से जाँच शुरू कर दी है। हम सभी लोगों के शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।'
मृतक की पहचान इंतज़ार के बेटे शारिक़ के रूप में की गई है। वे हरिद्वार के कल्याणपुर इलाक़े के रहने वाले थे। ग्रेनेड बस को लक्ष्य कर बाहर से फेंका गया, पर बुकिंग काउंटर के पास जा गिरा। वह जगह अमूमन भीड़ भरी रहती है, पर इस घटना के समय अपेक्षाकृत कम लोग वहाँ मौजूद थे। जख़्मी हुए लोगों में जम्मू-कश्मीर के 11, बिहार के 2 और छत्तीसगढ़ व हरियाणा के एक-एक थे।
पुलवामा में एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से भी अपनी गाड़ी सीआरपीएएफ़ की बस में ठोक दी थी। इसमें सीआरपीएफ़ के 40 लोग मारे गए थे। इस आतंकवादी हमले ने यह साबित कर दिया है कि बालाकोट पर हमले के बावजूद राज्य में आतंकवादी गतिविधियाँ जारी हैं।