असम के करीमगंज में बीजेपी उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की निजी गाड़ी में ईवीएम मिलने के मामले में चुनाव आयोग ने सख़्त कार्रवाई करते हुए 4 पोलिंग अफ़सरों को सस्पेंड कर दिया है। पाथरकांडी से उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की निजी गाड़ी में ईवीएम मिलने के वीडियो को पत्रकार अतानु भूयान ने गुरूवार रात को ट्वीट किया था। चुनाव आयोग ने 149 नंबर के पोलिंग स्टेशन पर फिर से मतदान कराने का आदेश दिया है। यह स्टेशन राताबाड़ी इंदिरा एमवी स्कूल में है।
ईवीएम मिलने पर वहां विपक्षी नेताओं का जमावड़ा लग गया था। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलानी पड़ीं और लाठीचार्ज भी करना पड़ा। यह घटना असम विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण के मतदान वाले दिन यानी 1 अप्रैल को हुई।
पत्रकार अतानु भूयान ने जैसे ही यह वीडियो ट्वीट किया, यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। शुक्रवार सुबह कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इसे लेकर बीजेपी पर हमला बोल दिया।
प्रियंका ने कहा है कि जब भी ईवीएम किसी निजी गाड़ी में मिलने की घटना होती है तो उसमें कुछ बातें एक जैसी होती हैं। प्रियंका के मुताबिक़, पहली बात यह कि ऐसी गाड़ियां बीजेपी उम्मीदवार या उनके सहयोगियों की होती हैं।
दूसरी यह कि इस तरह की घटनाओं को छुपा दिया जाता है और तीसरी यह कि बीजेपी अपनी मीडिया मशीनरी का इस्तेमाल करके ऐसी घटनाओं को सामने लाने वालों को ही आरोपी बता देती है।
कांग्रेस नेत्री ने अगले ट्वीट में कहा कि इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं और इस बारे में कुछ भी नहीं किया गया है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि उसे ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई करनी चाहिए और ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।
ख़बरों के मुताबिक़, चुनाव आयोग ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए इस सीट से संबंधित जिला प्रशासन से इस बारे में रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
प्रियंका गांधी इन दिनों असम में जमकर चुनाव प्रचार कर रही हैं। असम में तीसरे और अंतिम चरण का मतदान 6 अप्रैल को होना है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने असम के लगातार चुनावी दौरे किए हैं। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित तमाम नेता भी असम में ख़ूब दौड़-भाग कर रहे हैं।
असम में कांग्रेस एआईयूडीएफ, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल), आंचलिक गण मोर्चा और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ़) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 26 सीटें मिली थीं। इससे पहले लगातार 15 साल तक असम में उसकी सरकार रही थी।
बीजेपी इस बार असम गण परिषद (एजीपी) और यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है।
इसके अलावा ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) ने असम जातीय परिषद (एजेपी) नाम से राजनीतिक दल बनाया है और यह चुनाव भी लड़ रहा है। एजेपी और राइजर दल (आरडी) ने गठबंधन बनाया है।