ईडी के अधिकारियों ने रविवार को पात्र चॉल मामले में संजय राउत को हिरासत में ले लिया और उन्हें ईडी दफ्तर लेकर गए। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम रविवार सुबह शिवसेना सांसद संजय राउत के मुंबई स्थित आवास पर पहुँची और दिनभर तलाशी लेती रही। रिपोर्ट के अनुसार ईडी के अधिकारी उनके घर तब पहुँचे जब इस मामले में राउत एजेंसी के दो समन पर पेश नहीं हो पाए। हालाँकि, उन्होंने पेशी के लिए आगे का समय मांगा था। राज्य में उद्धव ठाकरे सरकार के गिरने और बीजेपी के सहयोग से नयी शिंदे सरकार के आने के बाद किसी एजेंसी की यह कार्रवाई हो रही है।
एक रिपोर्ट के अनुसार ईडी द्वारा राउत की जाँच मुंबई की एक चॉल के पुनर्विकास से जुड़ी कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की जा रही है।
पहले भी कयास लगाए जा रहे थे कि राउत को मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा सकता है और उन्हें ईडी कार्यालय लाया जा सकता है। उधर, ईडी के उनके आवास पर पहुँचने के साथ ही संजय राउत के समर्थक उनके आवास के बाहर जमा हो गए और ईडी और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की।
इस बीच शिवसेना सांसद ने ट्वीट किया, 'झूठी कार्रवाई, झूठे सबूत ...मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा...मैं मर भी जाऊंगा, मैं हार नहीं मानूंगा...मेरा किसी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है।' राउत ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'महाराष्ट्र और शिवसेना की लड़ाई जारी रहेगी।'
राउत को पहले 20 जुलाई को जांच एजेंसी ने तलब किया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए थे और अपने वकीलों के माध्यम से जवाब दिया था कि संसद सत्र के कारण वह 7 अगस्त के बाद ही पेश हो सकते हैं।
इससे पहले राउत ने 1 जुलाई को एक बार अपना बयान दर्ज कराया था। ईडी ने मामले में दादर और अलीबाग में राउत की संपत्तियां अटैच की थीं।
अप्रैल में ईडी ने जांच के तौर पर ही राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके दो सहयोगियों की 11.15 करोड़ से अधिक की संपत्ति अटैच की थी। उन संपत्तियों में वर्षा राउत के दादर में एक फ्लैट और अलीबाग में किहिम समुद्र तट पर आठ भूखंड शामिल हैं, जो संयुक्त रूप से वर्षा राउत और संजय राउत के करीबी सहयोगी सुजीत पाटकर की पत्नी स्वप्ना पाटकर के पास हैं।
एजेंसी संजय राउत से प्रवीण राउत और पाटकर के साथ उनके 'व्यापार व अन्य संबंधों' के बारे में और उनकी पत्नी से जुड़े संपत्ति सौदों के बारे में जानना चाहती है। फरवरी में प्रवीण राउत को गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने कहा था कि वह किसी प्रभावशाली व्यक्ति (व्यक्तियों) के साथ मिलीभगत में काम कर रहे हैं।
प्रवीण राउत को गोरेगांव क्षेत्र में पात्र चॉल के पुनर्विकास से संबंधित 1,034 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले से जुड़ी जांच में गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
फरवरी महीने में प्रवीण राउत को गिरफ्तार किए जाने पर संजय राउत ने ट्वीट कर कहा था, 'पहले लालच दिया गया, ऑफर्स दिए। फिर डराया, धमकाया गया, तब भी झुका नहीं तो परिवार को धमकाया गया। हमने कहा छोड़ दो, नजरअंदाज करो इन्हें, जाने दो, तो अब सेंट्रल एजेंसी को हमारे पीछे लगा दिया। चलता है 2024 तक चलेगा भी, पर हम झुकेंगे नहीं'।