विपक्षी दलों के भारी हंगामे के बीच चुनाव क़ानून (संशोधन) विधेयक, 2021 सोमवार को लोकसभा में पास हो गया। विधेयक में वोटर आई कार्ड को आधार से जोड़ने का प्रावधान है। विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस ने इसका जोरदार विरोध किया।
कांग्रेस ने मांग की कि इस विधेयक को स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाना चाहिए क्योंकि इसमें कई क़ानूनी खामियां हैं।
लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि विधेयक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ है और हमारी निजता का उल्लंघन करता है। यह लोगों से उनके वोट देने के हक़ को छीन सकता है।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि वोटिंग क़ानूनी हक है और आधार को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ना ग़लत है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी लोकसभा में इसे लेकर विरोध दर्ज कराया।
टीएमसी के सांसद सौगुतो राय ने कहा कि केंद्र सरकार चुनाव प्रक्रिया में दख़ल दे रही है। हैदराबाद के सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने कहा कि इससे लोकतंत्र कमजोर होगा।
जबकि केंद्र सरकार की ओर से किरण रिजिजू ने कहा कि सरकार बोगस और फर्जी वोटिंग को रोकना चाहती है और विपक्ष को सरकार के इस क़दम का समर्थन करना चाहिए।
दोनों सदनों में हंगामा
इससे पहले विपक्षी सांसदों के निलंबन को वापस लेने और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ। इस वजह से लोकसभा और राज्यसभा को कई बार स्थगित करना पड़ा।
केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों के 5 नेताओं को सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर बातचीत के लिए बुलाया लेकिन विपक्षी दल इसमें नहीं गए। विपक्षी नेताओं ने कहा कि सरकार उन्हें बांटने की कोशिश कर रही है।