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गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को होगा मतदान, 8 दिसंबर को आएंगे नतीजे

गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को होगा मतदान, 8 दिसंबर को आएंगे नतीजे

गुजरात में कांग्रेस 27 साल से सत्ता से बाहर है। क्या इस बार वह बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर पाएगी?

गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे और नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। पहले चरण में 89 और दूसरे चरण में 93 सीटों पर वोटिंग होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने गुरुवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। गुजरात में विधानसभा की 182 सीटें हैं। इसमें से 13 सीटें अनुसूचित जाति और 27 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।

उन्होंने बताया कि गुजरात में कुल 4.9 करोड़ मतदाता हैं और मतदान के लिए राज्य भर में 51782 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने मोरबी पुल हादसे को लेकर दुख जताया। 

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एक और चुनावी राज्य हिमाचल में 12 नवंबर को वोटिंग होगी और 8 दिसंबर को मतगणना होगी। हिमाचल प्रदेश में एक चरण में वोट डाले जाएंगे। इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है। गुजरात में बीजेपी 1995 से सत्ता में है जबकि हिमाचल में 1985 के बाद हर विधानसभा चुनाव में सरकार बदलती रही है। कांग्रेस दोनों राज्यों में मुख्य विपक्षी दल है। पंजाब के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद आम आदमी पार्टी इन दोनों राज्यों में चुनाव लड़ रही है।

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम गुजरात में कुछ सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

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पिछले कुछ विधानसभा चुनावों में किसे कितनी सीट मिलीं।

गुजरात: 2017 विधानसभा चुनाव

आज़ादी के बाद लंबे समय तक गुजरात की सत्ता में रही कांग्रेस 90 के दशक में बीजेपी के उभार और 2000 में नरेंद्र मोदी के राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद कमजोर होती चली गई। लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने पार्टी के लिए जमकर पसीना बहाया और सीटों की संख्या में इजाफ़ा किया। 2012 में कांग्रेस को जहां 61 सीटें मिली थीं, वहीं 2017  में यह आंकड़ा 77 हो गया था, दूसरी ओर बीजेपी 2012 में मिली 115 सीटों के मुक़ाबले 2017 में 99 सीटों पर आ गयी थी। 

लेकिन 2017 के बाद से हार्दिक पटेल के अलावा कांग्रेस के 15 विधायक और बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। 

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पिछले कुछ विधानसभा चुनावों में किसे कितने फीसद वोट मिले।

मोरबी हादसा

विधानसभा चुनाव में इस बार मोरबी में पुल के गिरने से हुआ हादसा एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। इस हादसे में 140 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। विपक्षी दलों ने मोरबी पुल हादसे को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार पर जोरदार हमले किए हैं और पूछा है कि इस हादसे के असली दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी। इसके अलावा एंटी इन्कम्बेंसी फैक्टर भी बीजेपी को परेशान कर सकता है। 

त्रिकोणीय मुक़ाबला?

गुजरात में चुनावी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होती रही है। 182 सीटों वाली गुजरात की विधानसभा में मुश्किल से पांच-छह सीटों को छोड़कर बाकी सीटें इन्हीं दो राजनीतिक दलों की झोली में जाती हैं। लेकिन इस बार कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में आने के बाद मुक़ाबला त्रिकोणीय हो गया है। 

पिछले दिनों गुजरात में हुई चुनावी सभाओं में जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्बन नक्सल कहकर अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमला बोला है, उससे ऐसा जरूर लगता है कि बीजेपी को आम आदमी पार्टी के द्वारा उसके वोटों में सेंध लगने का डर है।

25 फीसद नए उम्मीदवार उतारेगी बीजेपी 

गुजरात के विधानसभा चुनाव में बीजेपी इस बार 25 फीसद नए उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारेगी। यह बात गुजरात के गांधीनगर से सांसद और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ दिन पहले कही थी। देखने वाली बात यह होगी कि अगर बीजेपी 25 फीसद नए उम्मीदवारों को उतारती है तो क्या पार्टी के अंदर किसी तरह की बगावत देखने को मिलेगी और अगर बगावत हुई तो क्या पार्टी को इससे किसी तरह का कोई नुकसान होगा। 

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5 यात्राएं निकाल रही कांग्रेस

राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस चुनाव के मद्देनजर 5 यात्राएं निकाल रही है। यह यात्राएं यात्रा कच्छ के भुज, सौराष्ट्र के सोमनाथ, उत्तरी गुजरात के वडगाम, मध्य गुजरात के बालासिनोर और दक्षिण गुजरात के जंबूसर से शुरू हुई हैं। इन यात्राओं के जरिये पार्टी 5,432 किलोमीटर की दूरी तय कर 175 विधानसभा सीटों को कवर करेगी। यात्रा के दौरान 145 जनसभाएं और 95 रैलियां होंगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इन यात्राओं में शामिल होंगे। कांग्रेस की ओर से राज्य प्रभारी रघु शर्मा, गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जगदीश ठाकोर, विपक्ष के नेता सुखराम राठवा, वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया, जिग्नेश मेवाणी राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं।

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आम आदमी पार्टी की दस्तक

गुजरात के चुनाव में इस बार कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी शहरी सीटों पर बीजेपी को टक्कर दे सकती है। आम आदमी पार्टी पंजाब में मिली बड़ी जीत के बाद लगातार गुजरात पर फोकस कर रही है और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने का दावा करते हैं। हालांकि गुजरात की राजनीति अब तक दोध्रुवीय ही रही है और ऐसे में यह कहना मुश्किल है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी चमत्कारिक प्रदर्शन कर पाएगी। 

केजरीवाल ने आईबी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने जा रही है। बीते दिनों दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के वीडियो को लेकर बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पूरे गुजरात में पोस्टर लगा दिए थे लेकिन केजरीवाल ने डैमेज कंट्रोल करते हुए भारतीय नोटों पर लक्ष्मी और गणेश की तस्वीर छापे जाने की मांग बीजेपी और केंद्र सरकार से की है। 

आम आदमी पार्टी लगातार बीजेपी के नेताओं से पूछ रही है कि वह इस मांग के समर्थन में है या नहीं। 

आम आदमी पार्टी ने साल 2017 में भी गुजरात का विधानसभा चुनाव लड़ा था हालांकि तब पार्टी ने सिर्फ 30 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे थे और अधिकतर सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी। 

गुजरात में जातीय समीकरण

गुजरात के जातीय समीकरणों की बात करें तो राज्य में ओबीसी मतदाताओं की आबादी 43 फीसद है। इसमें ठाकोर और कोली मतदाता ताकतवर हैं। पाटीदार समुदाय की आबादी 12 फीसद है। आदिवासी समुदाय की आबादी 15 फीसद है। मुसलिम समुदाय की आबादी 10 फीसद, दलित 8 फीसद, राजपूत 6 फीसद और ब्राह्मण-बनिया समुदाय की आबादी 2-2 फीसद और जैन समुदाय की आबादी 1 फीसद है। 

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