आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले बीजेपी नेता दिलीप घोष और कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत को चुनाव आयोग ने नोटिस दिया है। उनसे उनके आपत्तिजनक बयानों को लेकर जवाब मांगा गया है। सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना रनौत और दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार कंगना रनौत के खिलाफ सुप्रिया श्रीनेत की अपमानजनक टिप्पणियों ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया था। भाजपा ने कांग्रेस पर हमला किया था और मांग की थी कि उन्हें पार्टी के सोशल और डिजिटल मीडिया प्रमुख के पद से बर्खास्त किया जाए। अपनी संलिप्तता से इनकार करते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया था कि यह किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा पोस्ट किया गया था जिसकी उनके खातों तक पहुँच थी। दूसरी ओर दिलीप घोष पर आरोप है कि उन्होंने मंगलवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए ममता बनर्जी के ख़िलाफ़ टिप्पणी की थी।
चुनाव आयोग ने कहा है, "...सावधानीपूर्वक जांच करने पर टिप्पणियां 'अमर्यादित और खराब' पाई गईं, और प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन हैं..."। श्रीनेत और घोष को शुक्रवार शाम 5 बजे तक यह बताने का समय दिया गया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
चुनाव आयोग ने कहा है, 'कोई प्रतिक्रिया न मिलने की स्थिति में, यह माना जाएगा कि आपके पास कहने को कुछ नहीं है...'।
बता दें कि सुप्रिया श्रीनेत के इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक आपत्तिजनक पोस्ट सामने आने के बाद विवाद खड़ा हो गया था। कांग्रेस नेता ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो स्पष्टीकरण जारी किया था जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने अनुचित पोस्ट को हटा दिया है। श्रीनेत ने कहा कि पोस्ट उनकी जानकारी के बिना किया गया था। उन्होंने कहा था,
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मेरे फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट तक कई लोगों की पहुंच है। उनमें से किसी ने आज एक बेहद अनुचित पोस्ट किया। जैसे ही मुझे पता चला, मैंने वह पोस्ट हटा दी। जो भी मुझे जानता है वह जानता है कि मैं कभी भी किसी महिला के प्रति व्यक्तिगत और अभद्र टिप्पणी नहीं कर सकती।
सुप्रिया श्रीनेत, कांग्रेस प्रवक्ता
टीएमसी ने की थी दिलीप घोष की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग
भारतीय जनता पार्टी के नेता दिलीप घोष द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के बाद तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने मांग की थी कि लोकसभा चुनाव के लिए दिलीप घोष की उम्मीदवारी रद्द कर दी जाए।
उन्होंने कहा था, 'हमारी तीन मांगें हैं। पहला, सीओ को उन्हें कारण बताओ नोटिस देना चाहिए। दूसरा, ऐसा कहने के पीछे उनके स्पष्टीकरण पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। विचार करने वाली बात केवल यह है कि क्या उन्होंने ऐसा कहा है या नहीं। और तीसरा, हम मांग करते हैं कि उन्हें सात दिनों के भीतर निलंबित किया जाए और उनकी उम्मीदवारी (लोकसभा चुनाव के लिए) रद्द की जाए। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह गंदगी फैला रहे हैं और दूसरों को भड़का रहे हैं।'
बीजेपी ने इस चुनाव में बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र से दिलीप घोष को मैदान में उतारा है।
टीएमसी नेता ने कहा, 'दिलीप घोष द्वारा ममता बनर्जी के ख़िलाफ़ की गई टिप्पणी बेहद अपमानजनक है। वह नियमित रूप से ऐसा करते रहे हैं। वह आदतन अपराधी बन गए हैं।'
पूर्व राज्य भाजपा प्रमुख घोष ने अपनी टिप्पणियों को स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा कि वह राजनीतिक संदर्भ में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, 'यह पहली बार नहीं है कि मुझे मेरे बयान पर विवाद का सामना करना पड़ा है, क्योंकि मैं उन लोगों के सामने बोलता हूं जो अन्याय करते हैं। मैंने माननीय बंगाल की मुख्यमंत्री के संबंध में जो बयान दिया है, उसके संबंध में मैं कहना चाहूंगा कि मेरे मन में उनके प्रति कोई व्यक्तिगत विवाद, द्वेष या दुर्भावना नहीं है।'