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शिंदे सरकार ने हासिल किया विश्वास मत, पक्ष में 164, विपक्ष में पड़े 99 वोट

शिंदे सरकार ने हासिल किया विश्वास मत, पक्ष में 164, विपक्ष में पड़े 99 वोट

स्पीकर के चुनाव में हार के बाद महा विकास आघाडी के लिए विश्वास मत में हार एक और बड़ा झटका है। 

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र की विधानसभा में एकनाथ शिंदे सरकार को 164 विधायकों का समर्थन मिला। जबकि महा विकास आघाडी सरकार के पक्ष में 99 विधायकों ने वोटिंग की। उद्धव ठाकरे गुट के विधायक संतोष बांगड़ और बहुजन विकास आघाडी ने भी बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार के समर्थन में वोटिंग की।

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स्पीकर का चुनाव भी जीता

रविवार को हुए स्पीकर के चुनाव में बीजेपी-एकनाथ शिंदे के गुट को आसान जीत मिली थी। स्पीकर के चुनाव में शिवसेना के उम्मीदवार राजन सालवी को सिर्फ 107 वोट मिले जबकि बीजेपी के उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को 164 वोट मिले थे।

तेजी से बदले सियासी घटनाक्रम के बीच 30 जून की शाम को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

आघाडी के वोट कम क्यों हुए?

यहां अहम बात यह है कि जब स्पीकर के चुनाव में महा विकास आघाडी के उम्मीदवार राजन सालवी को 107 वोट मिले थे तो इस बार मतों की संख्या गिरकर 99 ही क्यों रह गई। इसका मतलब महा विकास आघाडी में शामिल दलों के विधायकों के बीच कहीं कुछ नाराजगी है। 

कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी, धीरज देशमुख और एनसीपी के संग्राम जगताप, रविवार को स्पीकर के चुनाव में वोटिंग के दौरान मौजूद थे लेकिन सोमवार को नहीं आए जिससे तमाम तरह की अटकलें लग रही हैं। जबकि कांग्रेस के बड़े नेता अशोक चव्हाण और विजय वडेट्टीवार देर से पहुंचे और इस वजह से विधानसभा के भीतर नहीं आ सके। 

विश्वास मत में जीत हासिल करने के बाद उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभी का धन्यवाद अदा किया और कहा कि एकनाथ शिंदे एक सच्चे शिवसैनिक हैं और वह बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा के प्रति समर्पित हैं।

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स्पीकर ने की कार्रवाई

इससे पहले स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में मान्यता दे दी थी। वहीं, सुनील प्रभु को भी चीफ व्हिप से हटाकर शिंदे गुट के भरत गोगावले को नया चीफ व्हिप बना दिया।

जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत कर दी थी और 39 विधायक लेकर अलग हो गए थे तो उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता से हटाने का प्रस्ताव विधानसभा उपाध्यक्ष के पास भेजा था, जिस पर उपाध्यक्ष ने मुहर लगाते हुए शिंदे की जगह पर अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बना दिया था और सुनील प्रभु को नया चीफ व्हिप बना दिया था।

15 विधायकों पर हो सकती है कार्रवाई

शिवसेना के एक और विधायक संतोष बांगड़ ने एकनाथ शिंदे गुट का दामन थाम लिया है। ऐसे में अब शिंदे गुट के विधायकों की संख्या 40 हो गयी है और उद्धव ठाकरे गुट के पास सिर्फ 15 विधायक बचे हैं। अब इन 15 विधायकों पर अयोग्यता की तलवार लटक गई है। एकनाथ शिंदे गुट के चीफ व्हिप भरत गोगावले ने विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर के पास एक याचिका दी है जिसमें शिवसेना के 15 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है। 

गोगावले ने अपनी याचिका में कहा है कि शिवसेना के 16 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर के चुनाव में उनके द्वारा जारी किए गए व्हिप का उल्लंघन किया था जिसके चलते इन सभी विधायकों की सदस्यता रद्द की जाए। 

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