महाराष्ट्र सीएम पद पर एकनाथ शिंदे ने एक तरह से हथियार डाल दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जो कहेंगे वही आख़िरी फ़ैसला होगा। यानी उन्होंने सीएम पद पर पीएम मोदी और बीजेपी की बात मानने की बात कही है।
शिवसेना महाराष्ट्र के सीएम पर बीजेपी के फ़ैसले का पूरा समर्थन करेगी। उन्होंने कहा, 'मैंने कल पीएम को फोन किया और आश्वस्त किया कि मैं सरकार गठन में बाधा नहीं बन रहा हूं... एनडीए/महायुति नेता के तौर पर आपका जो भी फैसला होगा, वह हमें स्वीकार्य होगा। शिवसेना बीजेपी के फैसले का पूरा समर्थन करेगी...। मैंने कल ही सीएम पर लिए गए फ़ैसले से उन्हें अवगत करा दिया था।' (वीडियो- हिंदी में शिंदे के बयान 14:30 के बाद है)
तो सवाल है कि जब पीएम मोदी और बीजेपी ही सीएम पद पर फ़ैसला करने वाले थे तो इतने दिनों तक इस पर हंगामा क्यों होता रहा। क्यों शिवसेना के नेता लगातार दावा करते रहे कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही होंगे। खुद एकनाथ शिंदे ने शनिवार को कहा था कि गठबंधन के पास ऐसा कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं है कि सबसे अधिक सीट जीतने वाली पार्टी के व्यक्ति को ही मुख्यमंत्री का पद मिलेगा।
मंगलवार को सस्पेंस तब और गहरा गया जब एकनाथ शिंदे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने उन्हें कार्यवाहक सीएम के तौर पर काम जारी रखने को कहा। इस बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना में जबरदस्त खींचतान चली।
दरअसल, चुनाव में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन के बाद यह सवाल उठने लगा कि महाराष्ट्र का अगला सीएम कौन होगा? बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस या फिर शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे? यह सवाल इसलिए कि 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी को 132 सीटें मिली हैं और यह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। बहुमत के लिए 145 सीटें चाहिए। यानी बीजेपी के पास बहुमत से 13 सीटें कम हैं। एकनाथ शिंदे सरकार की योजनाओं के दम पर चुनाव लड़ा गया तो शिंदे खेमे का दावा भी मज़बूत है। गठबंधन धर्म निभाने की याद भी दिलाई जा रही है। लेकिन शिंदे की शिवसेना के पास सिर्फ़ 57 सीटें हैं।
तो सवाल उठा कि 130 से ज़्यादा सीटों वाला नेता सीएम बनेगा या फिर 57 सीटों वाला नेता?
सीएम पद को लेकर मचे घमासान के बीच ही एकनाथ शिंदे ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, 'आप (पीएम मोदी) हमारे परिवार के मुखिया हैं। जिस तरह से बीजेपी के लोग आपके फ़ैसले को स्वीकार करते हैं, उसी तरह हम भी आपके फैसले को स्वीकार करेंगे। मैंने कल पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को फोन करके बताया कि मेरी वजह से सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।'
उन्होंने कहा, 'मैं महायुति को मिले भारी जनादेश के लिए लोगों का आभार व्यक्त करता हूं... महायुति की कल्याणकारी योजनाओं और विकास को लोगों का समर्थन मिला। यह एक शानदार जीत है। मैंने खुद को कभी सीएम नहीं माना। मैंने हमेशा एक आम आदमी की तरह काम किया, विश्वास किया और जिया।'
फडणवीस के लिए रास्ता साफ़!
लोकसभा चुनाव में हार के बाद महाराष्ट्र में भाजपा की वापसी का श्रेय लेने वाले देवेंद्र फडणवीस भाजपा आलाकमान से मिलने के लिए दिल्ली रवाना हो चुके हैं। शिवसेना के एकनाथ शिंदे और एनसीपी के अजित पवार के भी राजधानी के लिए रवाना होने की संभावना है। फडणवीस ने कहा है कि तीनों गठबंधन दल बैठकर अगले मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे।
हालाँकि, शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे कभी भी उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, 'चुनाव एकनाथ शिंदे के नाम पर लड़ा गया था। वे मुख्यमंत्री के रूप में वापसी के हकदार हैं।'