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आबकारी नीति पर ईडी सत्येंद्र जैन से भी करेगी पूछताछ

आबकारी नीति पर ईडी सत्येंद्र जैन से भी करेगी पूछताछ

दिल्ली की आबकारी नीति को लेकर ईडी शुक्रवार को जब छापे मार रही है तो ऐसे में उसने जेल में बंद दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन से भी पूछताछ करने का फैसला किया है। इसके लिए उसने बाकायदा कोर्ट से अनुमति ली है। जैन कथित हवाला मामले में आरोपों का सामना कर रहे हैं।

दिल्ली की आबकारी नीति को देशभर में मारे जा रहे छापों के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन से भी इस मामले में पूछताछ का निर्णय लिया है। सत्येंद्र कथित हवाला आरोपों में पहले से ही 30 मई से जेल में हैं। उनके खिलाफ सीबीआई और ईडी ने केस दर्ज किया था। हालांकि ईडी को जैन के मामले में अदालत के तीखे सवालों का सामना करना पड़ रहा है।

सत्येंद्र जैन मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के खास लोगों में रहे हैं। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के बाद सत्येंद्र जैन ही केजरीवाल के सबसे करीबी थे। अभी तक ईडी ने दिल्ली की विवादित आबकारी नीति को लेकर सत्येंद्र जैन से पूछताछ नहीं की थी। उस समय वित्त विभाग सत्येंद्र जैन ही देख रहे थे। इसलिए ईडी उनसे पूछताछ करना चाहता है।

सत्येंद्र जैन तीन महीने से गिरफ्तार हैं। ईडी ने कोर्ट से उनसे पूछताछ करने की अनुमति मांगी थी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को एएसजी एस.वी. राजू को आदेश दिया कि ईडी को जेल में जैन से पूछताछ करने दी जा रही है।

कोर्ट के तीखे सवाल

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक  पिछले हफ्ते मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली कोर्ट के जज ने ईडी से कड़े सवाल किए थे। जैन की जमानत याचिका का रिव्यू करते हुए, विशेष जज गीतांजलि गोयल ने 'मामले में अपराध' के बारे में पूछा। जज ने एएसजे से पूछा, कि इस मामले में अपराध कहां हुआ है, बताएं? क्या 4.61 करोड़ रुपये कथित अपराधी की आय हो सकती है जबकि सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में 1.46 करोड़ रुपये का उल्लेख किया है? क्या यह पैसा डीए मामले में उस पैसे से अधिक हो सकता है? दरअसल, आरोपपत्र में सीबीआई और ईडी ने जिस रकम का जिक्र किया है, उनमें काफी बड़ी असमानता है। अदालत ने इसी मुद्दे पर ईडी से सवाल किए।

एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि इससे पहले एक पीआईएल दाखिल कोर्ट से मांग की गई थी कि सत्येंद्र जैन को दिमागी रूप से असंतुलित घोषित किया जाए और उन्हें मंत्री पद से हटाया जाए। अदालत ने पीआईएल को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को काफी खरीखोटी सुनाई थी। अदालत ने कहा कि जैन को मंत्री रहने और विधायक रहने का पूरा अधिकार है। मामला अभी चल रहा है। वो अपराधी घोषित नहीं हुए हैं।

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