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ईडी के सामने राहुल की पेशी पर ताकत दिखाएगी कांग्रेस

ईडी के सामने राहुल की पेशी पर ताकत दिखाएगी कांग्रेस

सोनिया व राहुल गांधी को ईडी के समन के बाद कांग्रेस इसका जोरदार विरोध करेगी, ऐसा तय माना जा रहा था। क्या कांग्रेस इसे मुद्दा बना पाएगी?

जांच एजेंसी ईडी के द्वारा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को समन किए जाने पर कांग्रेस अब ताकत दिखाने की तैयारी में है। राहुल गांधी को ईडी के सामने 13 जून को पेश होना है और इस दिन पार्टी के तमाम आला नेता दिल्ली में मौजूद रहेंगे।

कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी के सभी लोकसभा व राज्यसभा सांसदों, महासचिवों सहित बड़े नेताओं को 13 जून को कांग्रेस मुख्यालय अकबर रोड पर पहुंचने के लिए कहा है।

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के सभी आला नेता ईडी के दफ्तर तक मार्च निकालेंगे।

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व सांसद राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में पेशी के लिए ईडी ने बुलाया था। सोनिया गांधी बीते दिनों कोरोना से संक्रमित हो गई थीं जबकि राहुल गांधी विदेश में थे। 

इसलिए राहुल गांधी को ईडी की ओर से नया समन जारी कर 13 जून को जांच एजेंसी के सामने बुलाया गया है।

इस शक्ति प्रदर्शन की तैयारियों की समीक्षा के लिए गुरुवार शाम को एक वर्चुअल बैठक भी रखी गई है जिसमें पार्टी के आला ओहदों पर बैठे नेता शामिल होंगे।

 - Satya Hindi

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सभी राज्य इकाइयों से कहा गया है कि वे ईडी के द्वारा सोनिया व राहुल गांधी को भेजे गए समन के खिलाफ अभियान चलाएं। कांग्रेस ने ईडी के द्वारा नेशनल हेराल्ड अखबार मामले में लगाए गए सभी आरोपों को पूरी तरह फर्जी और बेबुनियाद बताया है और इसे बीजेपी के द्वारा की जा रही बदले की राजनीति करार दिया है।

तमाम विपक्षी दल मोदी सरकार पर जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाते रहे हैं। 

सोनिया व राहुल गांधी को समन के बाद कांग्रेस की ओर से इसका जोरदार जवाब देने की अपेक्षा की जा रही थी। देखना होगा कि कांग्रेस इस मामले को कितने बड़े स्तर तक उठा पाती है। 

क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?

नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि सोनिया और राहुल गांधी ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान कर यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए कांग्रेस के स्वामित्व वाले एसोसिएट जरनल लिमिटेड (एजेएल) की 90.25 करोड़ की रकम वसूलने का अधिकार हासिल कर लिया था। 

स्वामी ने इस मामले में दिल्ली की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। स्वामी की याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने आयकर विभाग से यंग इंडिया लिमिटेड के खिलाफ जांच करने के लिए कहा था। इस मामले में ईडी ने भी प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत नया केस दर्ज किया था।

पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एजेएल को 1937 में शुरू किया था। 2010 में कंपनी में 1057 शेयर धारक थे और नुकसान होने के बाद 2011 में इसके स्वामित्व को यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी को ट्रांसफर कर दिया गया था। एजेल की ओर से अंग्रेजी अखबार नेशनल हेराल्ड, उर्दू अखबार कौमी आवाज़ और हिंदी अखबार नवजीवन प्रकाशित किया जाता था। 

यंग इंडिया लिमिटेड का गठन 2010 में किया गया था और इसमें राहुल गांधी और कांग्रेस के एक नेता निदेशक थे। राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास इस कंपनी के 76 फ़ीसदी शेयर थे और 24 फ़ीसदी शेयर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस के पास थे। 

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