केजरीवाल के पीए और आप नेताओं, सांसद के घरों पर 12 जगह ईडी के छापे
#WATCH | On ED raids, AAP leader and Delhi Minister Atishi says, "ED raids are going on against AAP leaders and people associated with AAP. Raids are underway at the residence of AAP Treasurer and MP ND Gupta, Arvind Kejriwal's PA and others. BJP want to suppress our party… pic.twitter.com/2qaBkwFmmW
— ANI (@ANI) February 6, 2024
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव और आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़े कुछ लोगों के परिसरों पर तलाशी ली। छापेमारी के तहत दिल्ली और एनसीआ) में कम से कम 12 परिसरों को कवर किया जा रहा है।
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बीजेपी केंद्रीय एजेंसियों के जरिए हमारी पार्टी को चाहे जितना दबाए लेकिन मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि हम डरेंगे नहीं...
-आतिशी, मंत्री और आप नेता, 6 फरवरी 2024 सोर्सः आप वीडियो बयान
ईडी की छापेमारी पर आप नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी का कहना है, ''आप नेताओं और आप से जुड़े लोगों के खिलाफ ईडी की छापेमारी चल रही है. आप के कोषाध्यक्ष और सांसद एनडी गुप्ता, अरविंद केजरीवाल के पीए और अन्य के आवास पर छापेमारी चल रही है।
जांच एजेंसी के अधिकारी केजरीवाल के निजी सचिव बिभव कुमार और दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के पूर्व सदस्य शलभ कुमार के अलावा कुछ अन्य लोगों के ठिकानों की जांच कर रहे हैं।
बिभव और शलभ के अलावा, ईडी अधिकारियों ने आप कोषाध्यक्ष एनडी गुप्ता, जो पार्टी के राज्यसभा सदस्य भी हैं, के आवास पर छापेमारी की। ईडी की यह कार्रवाई कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में है। जांच एजेंसी ने अभी हाल ही में केजरीवाल को इस मामले में पांचवां समन जारी कर पेश होने को कहा था लेकिन वो उस समन पर भी नहीं गए। ईडी की यह कार्रवाई मंगलवार को समन जारी करने के चंद दिनों बाद ही सामने आई है।
क्या है पूरा मामला
मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दिल्ली जल बोर्ड की टेंडर प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। ईडी दो मामलों के आधार पर डीजेबी की निविदा प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है, इसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) की एफआईआर शामिल है। सीबीआई की एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि डीजेबी के अधिकारियों ने बिजली वाले मीटर की सप्लाई, लगाना, परीक्षण और कमीशनिंग के लिए टेंडर देते समय एक फर्म को "अनुचित लाभ" दिया।
यह आरोप लगाया गया है कि कंपनी को 38 करोड़ रुपये के अवैध ठेके दिए गए थे, भले ही वह तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती थी और जाली दस्तावेज जमा करके बोली प्राप्त की थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया कि डीजेबी के तत्कालीन मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने डीजेबी में एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये में ठेका दिया, जबकि कंपनी तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती थी।
31 जनवरी को ईडी ने डीजेबी भ्रष्टाचार मामले में अरोड़ा और डीजेबी ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल को एंटी मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) 2002 के तहत गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी के अनुसार, अरोड़ा को इस तथ्य की जानकारी थी कि कंपनी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर की आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग (एसआईटीसी) के लिए टेंडर को मंजूरी देने के लिए तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती है। एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अनिल कुमार अग्रवाल की स्वामित्व वाली कंपनी इंटीग्रल स्क्रूज़ लिमिटेड को इस काम का उपठेका दिया था।
ईडी ने आरोप लगाया कि धन मिलने पर, अग्रवाल ने कथित तौर पर लगभग 3 करोड़ रुपये की रिश्वत राशि अरोड़ा को नकद और बैंक खातों के जरिए ट्रांसफर की थी। जांच से यह भी पता चला कि रिश्वत की रकम ट्रांसफर करने के लिए अरोड़ा के सहयोगियों और उनके रिश्तेदारों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया था। अरोड़ा के एक सहयोगी को भी कैश के रूप में रिश्वत मिली। ईडी ने मामले में पिछले साल 24 जुलाई और 17 नवंबर को तलाशी ली थी और कई आपत्तिजनक दस्तावेज और सबूत जब्त किए थे।