ईडी ने अनिल देशमुख के ख़िलाफ़ जारी किया लुकआउट नोटिस
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी किया है। यह अमूमन किसी के देश छोड़कर भागने से रोकने के लिए जारी किया जाता है। जिस 100 करोड़ रुपये की कथित उगाही के केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में यह नोटिस जारी किया गया है उस मामले में उन्हें गृह मंत्री पद से इस्तीफ़ देना पड़ा था। उन्होंने जांच एजेंसी द्वारा जारी किए गए कई समन का जवाब नहीं दिया था। इस मामले में ईडी पहले से ही शिकंजा कसता रहा है और देशमुख के निजी सचिव व निजी सहायक को गिरफ़्तार कर चार्जशीट भी पेश कर चुका है।
ईडी के कसते शिकंजे के मद्देनज़र ही अनिल देशमुख ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, लेकिन अदालत ने उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था।
ईडी ने मामला तब दर्ज किया था जब मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने देशमुख के ख़िलाफ़ 100 करोड़ की उगाही के आरोप लगाए थे और बॉम्बे हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सीबीआई जांच को हरी झंडी मिली थी। सीबीआई द्वारा मामला दर्ज करने के बाद ईडी ने भी इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी।
परमबीर सिंह ने उगाही करने का यह आरोप तब लगाया था जब उनको पद से हटा दिया गया था। उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई आवास के पास विस्फोटकों से लदी एक एसयूवी के मिलने के बाद परमबीर सिंह पर कार्रवाई की गई थी।
तब परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने निलंबित सिपाही सचिन वाज़े को शहर के बार और रेस्तरां से हर महीने 100 करोड़ रुपये की उगाही करने को कहा था। देशमुख ने बार-बार इन आरोपों को खारिज किया है।
ईडी ने अनिल देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे के ख़िलाफ़ 100 करोड़ रुपये की कथित उगाही और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पिछले महीने ही चार्जशीट दायर कर की है।
ईडी ने चार्जशीट में दोनों आरोपियों पर रिश्वत के पैसों को जमा करने और उन्हें काले धन से सफेद करने का आरोप लगाया है। ईडी ने पलांडे और शिंदे को जून में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।
इसी मामले में ईडी अनिल देशमुख को पांच बार समन जारी कर चुकी है लेकिन वह ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं। इससे पहले ईडी अनिल देशमुख के घर और दफ्तर पर भी छापेमारी कर चुकी है। देशमुख पर हुई कार्रवाई के बाद ही ईडी ने देशमुख के निजी सचिव और निजी सहायक को गिरफ्तार किया था।
हाल ही में 100 करोड़ रुपए वसूली मामले की सीबीआई की प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट लीक होने का विवाद भी सामने आया है। इस लीक हुई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रारंभिक जांच करने वाले सीबीआई के जाँच अधिकारी डिप्टी सुपरिंटेंडेंट आर. एस. गुंज्याल ने कथित तौर पर 100 करोड़ वसूली मामले में अनिल देशमुख को क्लीन चिट दे दी है। अब इस रिपोर्ट लीक होने के बाद सीबीआई ने कार्रवाई की है और अपने ही एक अधिकारी एसआई और अनिल देशमुख के वकील को गिरफ़्तार किया है।