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सोनिया के 'संप्रभुता' वाले बयान पर चुनाव आयोग ने मांगी सफाई

सोनिया के 'संप्रभुता' वाले बयान पर चुनाव आयोग ने मांगी सफाई

कर्नाटक चुनाव के प्रचार के आखिरी दिन आते-आते बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप एक नये स्तर पर पहुँच गया। जानिए, सोनिया गांधी के बयान पर बीजेपी का बवाल क्यों।

सोनिया गांधी के 'संप्रभुता' वाले बयान पर चुनाव आयोग ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से जवाब मांगा है। बीजेपी ने सोनिया की उस टिप्पणी के ख़िलाफ़ शिकायत की है। इससे पहले कांग्रेस नेता के बयान पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ़ कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग का रुख किया था। सोनिया गांधी ने कर्नाटक चुनावी रैली में कथित तौर पर 'संप्रभुता' को लेकर बयान दिया था। कांग्रेस के एक ट्वीट अनुसार सोनिया ने कहा था, 'कांग्रेस कर्नाटक की प्रतिष्ठा, संप्रभुता या अखंडता के लिए किसी को भी ख़तरा पैदा करने नहीं देगी'।

कांग्रेस नेता के इस बयान को बीजेपी ने मुद्दा बना दिया और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन पर हमला किया। उन्होंने रविवार को कांग्रेस पर कर्नाटक को भारत से 'अलग' करने की खुली वकालत करने का आरोप लगाया। पीएम द्वारा मुद्दा बनाए जाने के एक दिन बाद भारतीय जनता पार्टी ने भारत के चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कांग्रेस और उसकी पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ तत्काल और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

बीजेपी ने सोमवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया और उनसे 'कर्नाटक की संप्रभुता' का समर्थन करने वाली उनकी कथित टिप्पणी को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने और उनके खिलाफ 'अनुकरणीय दंडात्मक कार्रवाई' शुरू करने का आग्रह किया।

यह शिकायत कांग्रेस के एक ट्वीट पर आधारित थी, जिसमें कहा गया था कि 6 मई को हुबली में अपने भाषण में सोनिया ने कहा था कि 'कांग्रेस किसी को भी कर्नाटक की प्रतिष्ठा, संप्रभुता और अखंडता के लिए ख़तरा पैदा नहीं करने देगी'।

हालाँकि, द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया है कि सोनिया गांधी के पूरे भाषण की ट्रांसक्रिप्ट से संकेत मिलता है कि सोनिया ने 'संप्रभुता' शब्द का उपयोग नहीं किया था।

चुनाव आयोग में भाजपा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि 'संप्रभुता' शब्द का उपयोग जानबूझकर किया गया था और यह 'टुकड़े टुकड़े गिरोह का एजेंडा' था। यादव ने कहा, 'कांग्रेस भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रही है जिनका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए था। चुनाव आयोग ने हमारे मुद्दों को गंभीरता से सुना है।'

चुनाव आयोग को अपनी शिकायत में बीजेपी ने सोनिया पर कांग्रेस के ट्वीट का स्क्रीनशॉट संलग्न किया है, और आरोप लगाया है, 'कांग्रेस का मानना ​​है कि कर्नाटक भारत से अलग है… यह एक चौंकाने वाला बयान है जो विभाजनकारी भावनाओं को भड़काने और समाज में वैमनस्य पैदा करने वाला है।'

भाजपा नेता तरुण चुघ ने जनप्रतिनिधित्व कानून का हवाला दिया और कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की मांग की। चुनाव आयोग में शिकायत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मैसूरु के नंजनगुड में एक रैली में कहा था कि कांग्रेस का 'शाही परिवार' कर्नाटक को भारत से अलग करना चाहता है। उन्होंने कहा, 'मैंने कभी नहीं सोचा था कि टुकड़े-टुकड़े गैंग की बीमारी इतनी ऊंचाई तक पहुंच जाएगी।'

8 मई को हुबली में अपने भाषण में, सोनिया ने कहा, 'भाजपा सरकार की लूट, झूठ, अहंकार और नफ़रत ने ऐसा माहौल बना दिया है कि इससे छुटकारा पाए बिना न तो कर्नाटक और न ही देश का विकास हो सकता है… उनके नेता इतने अहंकारी हैं कि वे न तो किसी प्रश्न या पत्र का उत्तर देते हैं। वे सोचते हैं कि संवैधानिक संस्थाएं उनकी जेब में हैं।'

सोनिया ने कहा, 'आज स्थिति ऐसी है कि वे खुली धमकी देते हैं। उनका कहना है कि अगर वे नहीं जीते तो कर्नाटक को मोदीजी का आशीर्वाद नहीं मिलेगा। वे कहते हैं कि अगर बीजेपी हार गई तो यहाँ बहुत लड़ाई होगी... मैं आपकी तरफ से उनसे कहना चाहती हूं कि कर्नाटक की जनता को इतना ताकतविहीन और कमजोर मत समझिए। कर्नाटक के लोग किसी के आशीर्वाद के नहीं बल्कि अपनी मेहनत और संकल्प के मोहताज हैं। कर्नाटक के लोग कायर या लालची नहीं हैं… कर्नाटक के लोग आपको 10 मई को बताएंगे कि वे किस चीज से बने हैं… जनता अपने भाग्य के बारे में अपना फैसला लेती है।'

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