+
सीएम योगी के 'राजपूत-गौरव' के बाद उप मुख्यमंत्री का 'ब्राह्मण-गौरव गान' क्यों?

सीएम योगी के 'राजपूत-गौरव' के बाद उप मुख्यमंत्री का 'ब्राह्मण-गौरव गान' क्यों?

यूपी में वोट के लिए जाति की राजनीति कौन करता है? जानिए यूपी के उप मुख्यमंत्री ने ब्राह्मण को लेकर क्या कहा और कैसे दूसरे दलों को जाति की राजनीति करने वाला बताया।

यूपी चुनाव की तारीख़ नजदीक आते-आते नेताओं का जातियों का 'गौरव गान' क्यों बढ़ने लगा है? पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी जाति राजपूत होने पर गर्व बताया था, अब उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने ब्राह्मण जाति के गौरव का बखान किया है। उन्होंने रविवार को चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ब्राह्मण जाति नहीं बल्कि जीवन जीने का एक बेहतर तरीक़ा है। हालाँकि, इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए काम करती है।

बीजेपी के इन नेताओं का जातियों को लेकर ऐसा गौरव गान तब आ रहा है जब पार्टी के अधिकतर नेता समाजवादी पार्टी और बसपा जैसे विपक्षी दलों पर जाति की राजनीति करने का आरोप लगाते रहे हैं। इस चुनाव में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कई बार यह आरोप लगाते सुना गया कि पहले की सरकारों की तरह अब जाति के आधार पर फ़ैसले नहीं लिए जाते हैं।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता दिनेश शर्मा ने भी रविवार को गौतम बौद्ध नगर के जेवर में एक चुनाव प्रचार को संबोधित करते हुए विपक्षी दलों पर 'जातिवादी' होने का आरोप लगाया। वह जेवर में बीजेपी उम्मीदवार धीरेंद्र सिंह के लिए प्रचार करने पहुँचे थे। दिनेश शर्मा ने कहा कि वह विधानसभा चुनावों के लिए राज्य भर में यात्रा कर रहे हैं और अक्सर उनसे ब्राह्मणवाद और जातिवाद पर पार्टी की स्थिति के बारे में उनके विचार पूछे जाते हैं।

'पीटीआई' की रिपोर्ट के अनुसार शर्मा ने कहा, "किसी ने मुझसे ब्राह्मणों के बारे में मेरे विचार पूछे, मैंने कहा कि बीजेपी 'सबका साथ, सबका विकास' चाहती है। न ब्राह्मण, न गुर्जर न जाट। हर जाति का अपना महत्व है और इसलिए हमारे पास यहां सभी जातियों का एक गुलदस्ता है।' उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन जब मुझे ब्राह्मणवाद से जोड़ा गया तो मैंने कहा, हां, मैं एक ब्राह्मण हूँ और मुझे इस पर गर्व है। मैं इसे किसी अपमान के रूप में नहीं देखता।'

रिपोर्ट के अनुसार, शर्मा ने कहा कि एक ब्राह्मण का काम 'सर्वे भवन्तु सुखिना' है, जो दूसरों के सुख में खुशी महसूस करता है वह ब्राह्मण है। शर्मा ने कहा कि पहले, केवल शिक्षकों को ब्राह्मण कहा जाता था क्योंकि वे लोगों के कल्याण के लिए काम करते थे और सभी जातियों में सम्मान के कारण उन्हें देवता के रूप में माना जाता था। उन्होंने आगे कहा, 

तो यह नई जाति कहाँ से आई है? ब्राह्मण कोई जाति नहीं है, जीवन जीने का एक श्रेष्ठ तरीक़ा ब्राह्मण है। चाहे शिक्षा हो या जो भी काम हो, वह किसी भी जाति के विरोध में नहीं है। जन्म से मृत्यु तक, ये ब्राह्मण हैं जो सौभाग्य के लिए कार्य करते हैं।


दिनेश शर्मा, उप मुख्यमंत्री, यूपी

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, 'बीजेपी पिछड़े वर्गों, जाटों, गुर्जरों, ठाकुरों, वैश्यों और सभी के लिए काम करती है। हमारे पास सभी जातियों के मंत्री, विधायक, एमएलसी हैं। हमने अन्य दलों की तरह लोगों के बीच भेदभाव नहीं किया है।'

दिनेश शर्मा ने जिस तरह से अपनी जाति में गौरव की बात कही है उसी तरह योगी आदित्यनाथ ने भी हाल ही में बात कही थी। अपने 5 साल के कार्यकाल में ठाकुरवाद के आरोपों का सामना करते रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में इस सवाल के जवाब में कि, जब आपसे यह कहा जाता है कि आप सिर्फ़ राजपूतों की राजनीति करते हैं तो क्या आपको दुख होता है, इस पर मुख्यमंत्री ने कहा था- नहीं मुझे कोई दुख नहीं होता।

 - Satya Hindi

योगी ने कहा था कि क्षत्रिय जाति में पैदा होना कोई अपराध थोड़े ना है। उन्होंने कहा था कि इस देश की यह एक ऐसी जाति है जिसमें भगवान भी जन्म ले चुके हैं और कई बार जन्म ले चुके हैं। उन्होंने आगे कहा था, 'हर व्यक्ति को अपनी जाति पर स्वाभिमान होना चाहिए और मुझे राजपूत होने पर गर्व है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि मेरी सरकार ने किसी दूसरी जाति या समुदाय के साथ किसी तरह का भेदभाव किया है।'

मुख्यमंत्री ने कहा था कि जो लोग उन पर जातिवादी राजनीति करने का आरोप लगाते हैं, वास्तव में उन्होंने मौक़ा मिलने पर सिर्फ अपने परिवारों को आगे बढ़ाया है और यहाँ तक कि अपनी जाति के लोगों की भी सेवा उन्होंने नहीं की।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें