ट्रम्प को एक और झटका, अब चुनाव धोखाधड़ी के आरोप लगे
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प को एक और बड़ा झटका लगा है। पहले से ही कई मामलों में गंभीर आरोपों का सामना कर रहे ट्रंप और उनके 18 सहयोगियों पर जॉर्जिया में 2020 के चुनाव में हस्तक्षेप को लेकर अभियोग लगाया गया है।
डोनल्ड ट्रम्प और 18 सहयोगियों पर 2020 के चुनाव में हार को पलटने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया। एपी की रिपोर्ट के अनुसार अभियोजकों ने 97 पन्नों के अभियोग में ट्रम्प और उनके सहयोगियों द्वारा युद्ध मैदान में उनकी हार को पलटने के लिए दर्जनों कृत्यों का विवरण दिया गया है। इनमें उनके सत्ता में बने रहने के लिए जॉर्जिया के रिपब्लिकन सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट को पर्याप्त वोट पाने को कहना, मतदाता धोखाधड़ी के फर्जी दावों के साथ अधिकारियों को परेशान करना और इसके प्रयास करना, जॉर्जिया के सांसदों को मतदाताओं की इच्छा को नज़रअंदाज़ करने और ट्रम्प के अनुकूल इलेक्टोरेट कॉलेज मतदाताओं की एक नई सूची तैयार करने के लिए राजी करना शामिल है। इसके अलावा इसमें जॉर्जिया काउंटी में वोटिंग मशीनों के साथ छेड़छाड़ करने और डेटा चुराने की योजना की भी रूपरेखा दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार फुल्टन काउंटी जिला अटॉर्नी फानी विलिस के कार्यालय द्वारा सोमवार रात जारी अभियोग में कहा गया है, 'ट्रम्प और इस अभियोग में आरोपित अन्य प्रतिवादियों ने यह स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि ट्रम्प हार गए, और वे जानबूझकर चुनाव के परिणाम को ट्रम्प के पक्ष में गैरकानूनी रूप से बदलने की साजिश में शामिल हो गए।'
विलिस ने कहा कि प्रतिवादियों को 25 अगस्त की दोपहर तक स्वेच्छा से आत्मसमर्पण करने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह छह महीने के भीतर मुकदमे की तारीख मांगने की योजना बना रही हैं।
ट्रंप के ख़िलाफ़ क़रीब दो महीने पहले ही गुप्त दस्तावेजों को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। ट्रम्प को गुप्त दस्तावेजों से निपटने के तौर-तरीकों के लिए फेडरल ग्रांड जूरी द्वारा जून महीने में आरोपी बनाया गया। रिपोर्ट के अनुसार उन्हें व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद अपने फ्लोरिडा घर में गुप्त दस्तावेजों को रखे रहने और न्याय में बाधा डालने के लिए आरोपित किया गया है।
दो महीने पहले ही ट्रंप पर गोपनीय फाइलों को अनाधिकृत रूप से रखने के अलावा गलत बयान देने और बाधा डालने की साजिश रचने समेत सात आरोप लगे।
2021 में न्याय विभाग ने इस बात की जांच शुरू की थी कि क्या ट्रम्प ने व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद रखे गए गुप्त दस्तावेजों को गलत तरीके से अपने पास रखा था। जांचकर्ताओं ने करीब एक साल पहले फ्लोरिडा के पाम बीच में ट्रंप के मार-ए-लागो एस्टेट से करीब 13,000 दस्तावेज जब्त किए थे। इसमें से एक सौ को गुप्त दस्तावेज के रूप में चिह्नित किया गया था।
ट्रम्प पहले से ही न्यूयॉर्क में एक आपराधिक मामले का सामना कर रहे हैं। अप्रैल महीने में 2016 के चुनाव से पहले एक पोर्न स्टार को भुगतान को लेकर ट्रंप को आरोपी बनाया गया था।
एक पोर्न स्टार को भुगतान को लेकर अप्रैल में डोनल्ड ट्रम्प पर मैनहट्टन ग्रांड जूरी द्वारा अभियोग चलाने की मंजूरी दी गई थी। वह अमेरिकी इतिहास में एक आपराधिक आरोप का सामना करने वाले पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए।
राष्ट्रपति रहने के दौरान कैपिटल हिल बिल्डिंग हिंसा के लिए कई आरोपों का सामना करने वाले डोनल्ड ट्रंप पर आरोप एक भुगतान को लेकर लगा था। यह 2016 का मामला था जब वह पहली बार राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के तौर पर अभियान चला रहे थे। उस मामले में जाँच 2016 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान विवाहेतर यौन संबंध को लेकर किए जा रहे दावों को कथित तौर पर दबाने के लिए किए गए भुगतान पर केंद्रित थी। यह भुगतान कथित तौर पर एडल्ट फिल्म अभिनेत्री स्टॉर्मी डैनियल्स से जुड़ा था।
डोनल्ड ट्रंप वो सख्स हैं जिन्होंने राष्ट्रपति रहने के दौरान दो बार महाभियोगों का सामना किया। उनपर कैपिटल हिल बिल्डिंग में हिंसा के लिए आरोप लगाए गए। पिछले साल यूएस कैपिटल पर भीड़ के हमले की जांच कर रहे एक कांग्रेस पैनल ने कहा था कि तब चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए ट्रंप ने सत्ता में बनने रहने के लिए तख्तापलट की कोशिश की थी। इसने यह भी कहा था कि तब ट्रंप ने अपने कथित भड़काऊ बयान से अपने समर्थकों की भीड़ को इकट्ठा किया और 'हमले के लिए भड़काया'।
बता दें कि 6 जनवरी 2021 को चुनाव में डोनल्ड ट्रंप के हार न मानने के कारण हिंसा हुई थी। उसमें कम से कम 5 लोग मारे गए थे और कई घायल भी हुए थे। दरअसल, यह घटना तब हुई थी जब यूएस हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट ने इलेक्टोरल कॉलेज के परिणामों के प्रमाणन पर विचार करने के लिए एक संयुक्त सत्र बुलाया था। इसमें पता चल रहा था कि डेमोक्रेट जो बाइडन ने डोनल्ड ट्रम्प को हरा दिया है। लेकिन शुरुआती चुनाव नतीजों के बाद से ही हार नहीं मानने पर अड़े ट्रंप ने वाशिंगटन में अपने समर्थकों की एक रैली की थी और कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिया था।