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बेतुके, बेहूदा बयानों से चर्चा में रहे हैं ट्रंप, जानिए उनके विवादित बयान

बेतुके, बेहूदा बयानों से चर्चा में रहे हैं ट्रंप, जानिए उनके विवादित बयान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने विवादास्पद बयानों के लिए हमेशा ही चर्चा में रहते हैं। उनके ये बयान महिलाओं, दूसरे देशों से आकर अमेरिका में बसे लोगों, अश्वेतों और राजनीतिक विरोधियों के लिए होते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने विवादास्पद बयानों के लिए हमेशा ही चर्चा में रहते हैं। उनके ये बयान महिलाओं, दूसरे देशों से आकर अमेरिका में बसे लोगों, अश्वेतों और राजनीतिक विरोधियों के लिए होते हैं। इसके अलावा वह ईरान, उत्तर कोरिया जैसे देशों के लिए भी काफी अनाप-शनाप बोल चुके हैं। कुछेक बार वह इस पर ख़ेद भी जता चुके हैं, पर मोटे तौर पर ट्रंप अपने बेतुके और बेहूदे बयान पर टिके रहते हैं।

सांसदों से देश छोड़ने को कहा

राष्ट्रपति ट्रंप ने बीते साल अमेरिकी संसद हाउस ऑफ़ रीप्रेजेन्टेटिव्स के कुछ सदस्यों पर घोर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने 4 सांसदों को निशाने पर लेते हुए कहा, 'वे हमारे देश से नफ़रत करते हैं, वे अपने टूटे-फूटे और अपराध-ग्रस्त देश लौट सकते हैं। यदि वे अमेरिका में खुश नहीं हैं तो कभी भी वापस जा सकते हैं, वे अभी तुरन्त यहाँ से जा सकते हैं।'

ट्रंप के निशाने पर इलहाम ओमार, अलेक़्जांन्ड्रा ओकेसियो-कॉरटेज़, अयाना प्रेसली और रशीदा तलैब थीं। ये सभी विपक्षी दल डेमोक्रेट्स की सदस्य हैं। ये सभी अमेरिकी नागरिक हैं और इनका जन्म अमेरिका में ही हुआ था, लेकिन इनके माता-पिता अलग-अलग समय दूसरे देशों से आए हुए थे। इलहाम और रशीदा मुसलमान और अश्वेत हैं।

ट्रंप की टिप्पणी पर ज़बरदस्त तूफान खड़ा हो गया, विपक्ष ही नहीं, उनके अपने दल के लोगों ने भी इसकी तीखी निंदा की, पर ट्रंप ने माफ़ी नहीं माँगी।

महिला विरोधी टिप्पणी

ट्रंप महिला विरोधी बयान पहले भी देते रहे हैं। ब्रिटेन की प्रिंसेस केट मिडलटन के नहाते वक्त की तसवीरें किसी ने छुप कर खींच ली और छाप दी थीं, तो ट्रंप ने इसके लिए मिडिलटन को ही ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने ट्वीट किया था, “यदि केट मिडिलटन इस तरह धूप सेंकती रहेंगी तो कौन उनकी तसवीर नहीं खींच लेगा?  छोड़िए भी केट!”

ट्रंप राष्ट्रपति बनने के पहले भी महिलाओं पर अपनी भद्दी और घटिया टिप्पणियों के लिये जाने जाते थे। राष्ट्रपति चुनाव के दो दिन पहले एक पुराना ऑडियो टेप सार्वजनिक हुआ था।इस टेप में ट्रंप डींग हांकते हुए कहते हैं “यदि आप ताक़तवर होते हैं तो महिलाएं आपको कुछ भी करने से नहीं रोकती हैं।”

वह बेशर्मी से कहते हैं, 'मैं तो कभी इंतजार भी नहीं करता, और यदि आप ताक़तवर इन्सान हैं तो वे आपको वह सबकुछ करने देती हैं जो आप करना चाहते हैं। आप चाहें तो उनकी योनि पकड़ लें, आप कुछ भी कर सकते हैं।'

बाद में बखेड़ा खड़ा होने पर उन्होंने माफ़ी माँगी थी।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति की पत्नी से क्या कहा था?

राष्ट्रपति ट्रंप जुलाई 2017 में फ्रांस गए तो वहाँ के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां की पत्नी ब्रिजिट मैक्रां के फ़िगर की तारीफ़ कर दी और कहा, “आपने अभी भी अपना शरीर सुडौल बना रखा है।” ब्रिजिट को यह नागवार गुजरा और वह पीछे जाकर ट्रंप की पत्नी मेलानिया का हाथ पकड़ बैठ गईं। 

कू क्लक्स क्लान का समर्थन?

अश्वेतों पर हमलों के लिए कुख्यात संगठन नस्लवादी संगठन ‘कू क्लक्स क्लान’ के पूर्व प्रमुख ने ट्रंप को समर्थन करने की इच्छा जताई तो ट्रंप ने न केवल स्वीकार कर लिया, बल्कि उस संगठन को सही ठहराने की कोशिश भी की। उन्होंने कहा कि 'अब समय आ गया है कि इन लोगों पर ध्यान दिया जाए और सिर्फ़ राजनीतिक फ़ायदे की बात न की जाए।'

मुसलिम विरोधी बयान

इसी तरह वे मुसलमान विरोधी बयान देने के लिए भी बदनाम रहे हैं। नवंबर 2014 में पेरिस में हुए आतंकवादी हमले के बाद उन्होंने अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी की बात कही थी। उन्होंने कहा ‘डोनाल्ड ट्रंप जूनियर (ट्रंप के बेटे) का कहना है “मुसलमानों को अमेरिका में घुसने पर पाबंदी लगा देनी चाहिए। मुझे लगता है कि उनके इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करने का समय आ गया है।” 

ओरलैंडो के समलैंगिक क्लब में गोलीबारी में 49 लोगों के मारे जाने की वारदात को ट्रंप ने इसलामी आतंकवाद से जोड़ दिया था। ट्रंप ने ट्वीट किया था, 'इसलामी आतंकवाद पर मेरे रवैये पर जो बधाइयाँ मिल रही हैं, मैं उनका सम्मान करता हूं, पर मुझे ये बधाइयाँ नहीं चाहिए। हमें सख़्ती बरतनी चाहिए और चौकन्ना रहना चाहिए, हमें स्मार्ट बनना चाहिए।'

इसी तरह डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार कहा था कि 9/11 हमले के बाद लाखों मुसलमानों ने इस पर खुशियाँ जताई थीं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका में सभी मुसलमानों का एक डेटाबेस बनाया जाना चाहिए, जिसमें उनके बारे में सभी जानकारियाँ हों। 

ट्रंप ने जनवरी 2017 में एक आदेश जारी कर कई मुसलिम-बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। उनका तर्क था कि ये देश आतंकवादी गतिविधियों के केंद्र हैं, और वहाँ से आतंकवादी अमेरिका में घुस कर वहाँ का माहौल खराब कर सकते हैं।

लेकिन इसके पहले चुनाव प्रचार के दौरान 2015 में जब सैन बर्नाडिनो की वारदात हुई, जिसमें गोलीबारी में 14 लोग मारे गए थे, ट्रंप ने कहा था कि ‘अमेरिका में मुसलमानों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा देनी चाहिए।’ हैरानी की बात ये है कि अमेरिकी जाँच एजेन्सी एफ़बीआई ने कहा था हमलावरों में सिर्फ एक मुसलमान था और ये लोग घरेलू आतंकवादी थे।

मेक्सिको

ट्रंप अपने पड़ोसी देश मेक्सिको के बारे में भी बेहद आपत्तिजनक बातें कह चुके हैं। उन्होंने कहा था कि 'मेक्सिको से सबसे अच्छे लोग अमेरिका नहीं आते, वहां से बलात्कारी आते हैं।'

उत्तर कोरिया

साल 2018 के संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में ट्रंप ने उत्तर कोरिया पर तीखा हमला बोलते हुए उसे पूरी तरह नष्ट कर देने की बात कह दी थी। उन्होंने कहा था : 

‘अमेरिका के पास काफी धैर्य है तो बहुत ताकत भी है। यदि हमें ख़ुद और अपने सहयोगियों को बचाने के लिए ज़रूरत पड़े तो हम पूरे उत्तर कोरिया को पूरी तरह ख़त्म कर सकते हैं।'


डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

उन्होंने उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति को ‘लिटल रॉकेटमैन’ कह कर चिढ़ाया था। बाद में उन्होंने कहा था कि ‘मेरे टेबल पर जो बटन है, वह आपके टेबल के बटन से बड़ा है और मैं इसे दबा दूं तो आपका पूरे देश तबाह हो जाएगा।’

ट्रंप के इन बयानों से कई बार उनके प्रशासन के लोग सांसत में आ जाते हैं और उन्हें बड़ी मुश्किल से हालात सम्भालना होता है। और अंत में एक और बात। ट्रंप के बारे में अमेरिकी मीडिया का मानना है कि वो खूब झूठ बोलते हैं।

'न्यूयार्क टाइम्स' और 'वाशिंगटन पोस्ट' जैसे निहायत सम्मानित अख़बारों ने उनके सैकड़ों झूठ की फ़ेहरिस्त तक बना रखी है और कोई भी गूगल कर उसे पढ़ सकता है। ऐसे में ट्रंप के स्वागत में पागल होने की ज़रूरत नहीं है। अमेरिका के राष्ट्रपति हैं तो उस नाते सम्मान होना चाहिये लेकिन इससे ज़्यादा ठीक नहीं है।

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