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शिवकुमार की दिल्ली यात्रा रद्द क्यों? जानें वह क्या बोले

शिवकुमार की दिल्ली यात्रा रद्द क्यों? जानें वह क्या बोले

कर्नाटक में आख़िर मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार कौन हैं और किनका पलड़ा भारी है? जानिए, डीके शिवकुमार ने दिल्ली यात्रा क्यों रद्द की और उन्होंने इसको लेकर क्या कहा।

कर्नाटक के सीएम पद को लेकर चल रही रस्साकशी के बीच डीके शिवकुमार ने दिल्ली की अपनी यात्रा रद्द कर दी है। उन्होंने इसके लिए ख़राब स्वास्थ्य का कारण बताया है। यह घटनाक्रम तब चला है जब कर्नाटक में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसपर दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान फ़ैसला लेने वाला है। इसके लिए दो दावेदार- सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार हैं। इसी को लेकर दोनों को दिल्ली में बुलाया गया है। सिद्धारमैया पहले ही दिल्ली पहुँच चुके हैं जबकि डीके शिवकुमार को देर शाम तक पहुँचना तय था। माना जाता है कि विधायकों ने पार्टी आलाकमान पर सीएम का फ़ैसला लेने के लिए छोड़ दिया है।

बहरहाल, एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार शिवकुमार ने कहा है, 'मेरे पेट में संक्रमण है और मैं आज दिल्ली की यात्रा नहीं करूंगा। कांग्रेस के 135 विधायक हैं। मेरे पास कोई विधायक नहीं है। मैंने फ़ैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है।' बाद में उन्होंने एएनआई से कहा है कि 'मैं कल दिल्ली जाने की कोशिश करूंगा... पार्टी आलाकमान इस पर फैसला करेगा। हम सब एक हैं और हम एक साथ काम करेंगे।' कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री का फैसला करने के लिए शिवकुमार को आज कांग्रेस हाई कमान के साथ बैठक के लिए दिल्ली जाना था। 

सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ही नेता खुद को मुख्यमंत्री पद के दावेदार बता रहे हैं। दौरा रद्द किए जाने से पहले कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने राज्य में पार्टी की जीत का श्रेय का दावा करते हुए कहा था कि उनके पास 135 विधायकों का समर्थन है। पिछले हफ्ते हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में 135 सीटें जीतीं।

राज्य में जीत के बाद से सरकार गठन के लिए कांग्रेस ने तीन ऑब्जर्वर नियुक्त किए हैं। तीनों ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस आलाकमान को सौंप दी है। जल्द ही मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की बैठक होने वाली है। आलाकमान की बैठक में यह फ़ैसला लिया जाएगा कि आख़िर किसको सीएम बनाया जाएगा।

डीके शिवकुमार ने इससे पहले आज दिन में संवाददाताओं से कहा था, 'साहस वाला एक व्यक्ति बहुमत खड़ा कर लेता है और मैंने इसे साबित कर दिया है। मैं यह खुलासा नहीं करना चाहता कि पिछले पांच सालों में क्या हुआ है।' एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'जब हमारे विधायक पार्टी से बाहर गए तो मैंने हिम्मत नहीं हारी और साहस के साथ जिम्मेदारी ली। मल्लिकार्जुन खड़गे वरिष्ठ नेता हैं और सोनिया व राहुल गांधी को हम पर भरोसा है। हम इस मामले को उन पर छोड़ देंगे।'

शिवकुमार ने कहा, '

कल 135 विधायकों ने अपनी राय दी है और एक पंक्ति का प्रस्ताव पारित किया है, कुछ ने अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त की है। मेरी शक्ति 135 विधायक की है। मेरे नेतृत्व में कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत हासिल की है।


डीके शिवकुमार, कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष

दिल्ली रवानगी को लेकर शिवकुमार ने कहा था कि मैं अपना निजी कार्यक्रम ख़त्म करूंगा और अपने भगवान के दर्शन करूंगा और दिल्ली जाऊंगा। उन्होंने कहा था कि मुझे देर हो गई। बता दें कि शिवकुमार आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। इसी वजह से उनका कई कार्यक्रम तय था। हालाँकि सिद्धारमैया पहले से ही कांग्रेस नेतृत्व के साथ बैठक के लिए दिल्ली में हैं। अंतिम निर्णय पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा लिया जाएगा, जो राज्य में कांग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं।

पार्टी ने 2021 में गुटबाजी वाले पंजाब में भी यही प्रक्रिया अपनाई थी, अमरिंदर सिंह की जगह चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद पर बिठाया था। इस क़दम का उल्टा असर हुआ और उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को हरा दिया।

कर्नाटक के लिए भी चुनाव उतना ही पेचीदा होगा। शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच गहरे विभाजन के बावजूद चुनाव के दौरान पार्टी एक संयुक्त मोर्चा पेश करने में सक्षम रही है। हालाँकि, उनके समर्थक अक्सर शीर्ष पद के सवाल पर सार्वजनिक रूप से भिड़ गए हैं।

शिवकुमार को पार्टी के रणनीतिकार और संकटमोचक के रूप में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है, सिद्धारमैया एक पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के सबसे बड़े जन नेताओं में से एक हैं।

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