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अफसरों पर दबाव बना रही बीजेपी, केजरीवाल निशाने पर: सिसोदिया 

अफसरों पर दबाव बना रही बीजेपी, केजरीवाल निशाने पर: सिसोदिया 

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने सूचना मांगी है कि आखिर यह कौन से विज्ञापन हैं जिनके लिए वसूली नोटिस दिया गया है और इनमें गैर कानूनी क्या है। 

दिल्ली सरकार के सूचना और प्रचार निदेशालय (डीआईपी) की ओर से आम आदमी पार्टी को 163.62 करोड़ रुपए का वसूली नोटिस दिए जाने पर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर हमला बोला है। दिल्ली सरकार के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी दिल्ली सरकार के अफसरों को मजबूर कर रही है कि वे दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को निशाना बनाएं। उन्होंने कहा कि बीजेपी को अफसरों का दुरुपयोग करना बंद करना चाहिए और वह दिल्ली की चुनी हुई सरकार को काम करने दे। 

सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी दिल्ली सरकार के अफसरों का अपने राजनीतिक इस्तेमाल के लिए किस तरह दुरुपयोग कर रही है, डीआईपी का यह नोटिस इसका बड़ा उदाहरण है। 

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने सूचना मांगी है कि आखिर यह कौन से विज्ञापन हैं जिनके लिए वसूली नोटिस दिया गया है और इनमें गैर कानूनी क्या है। 

क्यों दिया गया नोटिस?

डीआईपी ने यह नोटिस कथित तौर पर राजनीतिक विज्ञापनों को सरकारी विज्ञापन के रूप में प्रकाशित करने के आरोप में दिया गया है। डीआईपी ने वसूली नोटिस में कहा है कि दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी को नोटिस जारी होने के 10 दिनों के भीतर इस राशि का भुगतान करना होगा। 

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नोटिस में कहा गया है कि अगर आम आदमी पार्टी के संयोजक ऐसा नहीं करते हैं तो दिल्ली के उपराज्यपाल के द्वारा दिए गए पुराने आदेश के मुताबिक पार्टी की संपत्तियों की कुर्की सहित सभी कानूनी कार्रवाई समय पर की जाएगी। 

सिसोदिया ने कहा, “नोटिस में लिखा है कि साल 2016-17 में दिल्ली सरकार ने दिल्ली के बाहर जो विज्ञापन दिए थे उनकी वसूली अरविंद केजरीवाल से की जाएगी। नोटिस में कानूनी रूप से धमकी दी गई है कि 163.62 करोड़ रुपए 10 दिन के अंदर जमा करें वरना आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने कहा कि बीजेपी के कहने पर अरविंद केजरीवाल को यह धमकी दी गई है। 

अफसरों पर असंवैधानिक कब्जा 

सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी को दिल्ली की जनता ने चुना है लेकिन बीजेपी अफसरों पर असंवैधानिक कब्जा करके बैठी हुई है। उन्होंने कहा कि वसूली नोटिस के जरिए यह कहा गया है कि दिल्ली सरकार के द्वारा दिल्ली से बाहर विज्ञापन दिए गए। लेकिन दिल्ली के अखबार बीजेपी शासित तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों के विज्ञापनों से भरे हुए हैं।उन्होंने कहा कि दिल्ली के अखबारों में मध्य प्रदेश से लेकर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश सहित तमाम राज्यों के विज्ञापन छपते हैं और कांग्रेस शासित राज्यों के विज्ञापन भी दिल्ली में छपते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या बीजेपी वहां के मुख्यमंत्रियों से विज्ञापन का पैसा वसूलेगी?

आम आदमी पार्टी ने डीआईपी को पत्र लिखकर कहा है कि 163.62 करोड़ रुपये वसूली की मांग करना पूरी तरह मनमानी है और तथ्यों और कानून के प्रावधानों के खिलाफ है। 

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