लोग बोले, 'डिजिटल कैमरा' वाले फ़कीर हैं मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि उन्होंने 1987-88 में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की रैली में डिजिटल कैमरे से तसवीर खींची थी और उसे दिल्ली ई-मेल किया था। उनके इस बयान के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया कि मोदी जी, जब इंटरनेट 1995 में आया तो आख़िर आपने कैसे 1988 में तसवीर को दिल्ली भेज दिया था। इसे लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी को जमकर ट्रोल किया।
अमीर शाहुल नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी उनके मंडे मोटिवेशन हैं जिन्होंने आविष्कार होने से पहले ही ई-मेल और डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था।
My #MondayMotivation is my Prime Minister #Modi who has started using #DigitalCamera and #Email before it was invented.#Elections2019 #IndiaElections2019 #EntireCloudCover #EntireCloudScience #CloudCover #CloudModi #ModiEmail #ModiDigitalCamera #ModiTechnology #Modi4NobelPrize pic.twitter.com/xOm6m386IQ
— Ameer Shahul (@ameershahul) May 13, 2019
ए. कश्यप नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि पहले डिजिटल कैमरे का आविष्कार इंजीनियर स्टीवन ने प्रधानमंत्री मोदी की सहायता से किया था।
The first digital camera invented by Steven sasson engineer at Eastman Kodak was developed with the help of Shri NarendraModi #DigitalCamera #inventor #baalavishkarak Kodak
— akashyap (@solfinder13) May 13, 2019
अंकित नारंग नाम के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि वास्तव में डिजिटल इंडिया की शुरुआत 1988 में ही हो गई थी, जब नरेंद्र मोदी ने लाल कृष्ण आडवाणी को फ़ोटो ई-मेल किया था। नारंग ने कहा कि मोदी पहले इंटरनेट यूजर थे।
#digitalIndia actually started in 1988, when @narendramodi was the #firstInternetUser to email photo to L K Advani, captured with a #DigitalCamerahttps://t.co/ZZuAr8Op6P
— Ankit Narang (@yahooankit) May 13, 2019
ज़हीर एम मेमन ने कहा कि 1988 में कैनन कंपनी का कैमरा आया था जो 3 हज़ार डॉलर यानी लगभग 85 हज़ार रुपये का था। इतनी रकम से कोई उन दिनों में प्रॉपर्टी खरीद सकता था। कौन कहता है कि मोदी ग़रीब हैं।
#digitalcamera in 1988 was #canonrc470 which would cost an approx USD 3000 then. At then valuations against INR that would be for approx RS 85000. For that amount in those days you could perhaps buy a property somewhere. Who said #modi was poor #CloudyModi #modilies
— Zaheer M Memon (@zaheermemon) May 13, 2019
मीर फ़ैसल नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि मोदी जी 1988 से ही डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन अभी भी वह फकीर हैं। वह भारत में आने से पहले ही ई-मेल और डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल करते थे। कहा जा सकता है कि उन्होंने झूठ बोलने में मास्टर्स किया है।
Wow#Modi was using #Email nd #Digitalcamera in 1988 but still #Modi is fakeer..He used them before they were introduced in india
— Mir Faisal (@mirfaisal12128) May 13, 2019
First #EntireCloudCover now Email and digital camera one must give him credit kya fenkta hy feku
Undoubtly he has done masters in entire lying
दीपाली सिकंद नाम की ट्विटर यूजर ने लिखा कि जो व्यक्ति 1988 में ई-मेल और डिजिटल कैमरा का इस्तेमाल करता था वह हर दिन कहता है कि कांग्रेस ने 70 साल में कुछ नहीं किया। वाह मोदी जी वाह।
The person who used Email and digital camera in 1988, tells us everyday that Congress hadn't done anything in last 70 years. Wah Modi Ji Wah.. 😿
— Dipali Sikand (@SikandDipali) May 13, 2019
पायल नाम की ट्विटर यूजर ने लिखा कि मोदी और उनके भक्त कहते रहे हैं कि मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने से पहले भारत ही नहीं था। तब यह कैसे कैसे संभव है कि मोदी जी के पास अपना पर्सनल ई-मेल अकाउंट और डिजिटल कैमरा था।
Modi and his Bhakts keep saying that there was no India before Modi Ji became the PM in 2014. How on earth Modi had got a personal email account and #DigitalCamera in India in 1988 when Rajiv Gandhi was PM #CloudyModi #DeshModiKeSaath
— पायल 🇮🇳 (@LetMe_Speakk) May 13, 2019
बता दें कि इससे पहले इसी इंटरव्यू में मोदी जी ने दावा किया था कि ख़राब मौसम, बादल और बारिश का फ़ायदा उठा कर उन्होंने बालाकोट में हवाई हमले का आदेश दिया था, क्योंकि उन्हें लगा था कि इन कारणों से भारतीय जहाज़ पाकिस्तान के रडार से बच निकलेंगे। मोदी के इस बयान को लेकर भी उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया था। इससे पहले भी मोदी पटना में एक रैली को संबोधित करने के दौरान कह चुके हैं कि 'नालंदा और तक्षशिला जैसे शिक्षण संस्थान बिहार के गौरव रहे हैं।' जबकि तथ्य यह है कि तक्षशिला भारत में ही नहीं है। यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में है।
इसी रैली में मोदी ने कहा था, ‘बिहार इतना गौरवशाली है कि उसने सिकंदर महान की सेना को भी हरा दिया था। सिकंदर ने पूरी दुनिया जीत ली थी। लेकिन जब वह बिहार पहुँचा और बिहारियों से पंगा लिया तो उसका क्या हश्र हुआ। वह यहाँ आकर हार गया।’ लेकिन सच्चाई यह है कि सिकंदर 326 ई.पू. में व्यास नदी तक पहुँचा था और उसके बाद वह वापस लौट गया। सिकंदर कभी बिहार नहीं गया और पंजाब से ही उसे वापस लौटना पड़ा। तो, इस तरह प्रधानमंत्री अपने ग़लत बयानों के लिए कई बार ट्रोल हो चुके हैं।