दिल्ली एयरपोर्ट को संचालित करने वाले ऑपरेटर डायल के सीईओ आज गुरुवार को संसदीय समिति के पैनल के सामने पेश नहीं हुए। इस पर संसदीय समिति ने कड़ी नाराजगी जताई है। दिल्ली एयरपोर्ट पर मछली बाजार जैसे दृश्य बनने पर नागरिक उड्डयन के मामलों को देखने वाली संसदीय समिति ने डायल के सीईओ विदेह जैपुरियार को गुरुवार को तलब किया था। समिति के सारे सदस्य आज जुटे लेकिन डायल के सीईओ वहां नहीं पहुंचे। संसदीय समिति जब भी महत्वपूर्ण मामलों में किसी को तलब करती है तो उसे जवाबदेही के लिए आना होता है।
समिति की ओर से बताया गया कि संसदीय समिति के सामने डायल ने अपने ग्रुप के डिप्टी एमडी नारायण राव और अन्य अधिकारियों को भेजा था। महत्वपूर्ण यह है कि समिति ने सीईओ को 13 दिसंबर को ही आने के बारे में सूचना दे दी थी। अगर सीईओ को नहीं आना था, तो उन्हें पहले ही सूचित कर देना चाहिए था। राज्यसभा सांसद और इस पैनल के चेयरमैन विजयसाई रेड्डी ने फ्लाइट पैसेंजरों की बड़े पैमाने पर शिकायतें मिलने के बाद यह कदम उठाया था।
डायल के ग्रुप डिप्टी एमडी नारायण राव ने कहा कि हमने कमेटी के सामने विस्तार से सारा प्रेजेंटेशन दिया है। जिसमें बताया गया है कि डायल ने भीड़ पर काबू पाने के लिए क्या क्या उपाय किए हैं। यह समस्या अगले कुछ दिनों में खत्म हो जाएगी। संसदीय पैनल ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों को भी इस बैठक में शामिल होने को कहा था। जिससे डायल के लोगों से सवाल किए जा सकें।
अधिकारियों ने बताया कि टी 3 टर्मिनल पर कुछ बदलाव डायल ने किए हैं। जिसके नतीजे जल्द ही मिलेंगे। इसके अलावा सोशल मीडिया पर वेटिंग टाइम के रीयल (असली) अपडेट दिए जाएंगे, ताकि यात्री उसके अनुसार अपना शेड्यूल बना सकें। तमाम डिपार्टचर गेट पर ट्रैफिक मार्शल खड़े किए गए हैं ताकि आने जाने वालों की भीड़ आपस में मिल न सके और न कोई अव्यवस्था हो सके। इससे पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी सभी एयरलाइंस से कहा था कि वो दिल्ली एयरपोर्ट पर अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाएं ताकि यात्रियों के चेक-इन में कोई समस्या नहीं आए।
हाल ही में इंडिगो एयरलाइंस समेत सभी एयरलाइंस ने अपने पैसेंजरों को एडवाइजरी जारी की डोमेस्टिक फ्लाइट पकड़ने के लिए साढ़े तीन घंटे पहले एयरपोर्ट आएं। इस पर काफी हंगामा हुआ था क्योंकि इंटरनेशनल एयरलाइंस पकड़ने के लिए वेटिंग टाइम चार घंटे है। लोगों ने सोशल मीडिया पर दिल्ली एयरपोर्ट को फिश मार्केट घोषित करते हुए तमाम टिप्पणियां कीं। सोमवार को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अचानक दिल्ली एयरपोर्ट खुद इस मछली बाजार को देखने पहुंचे। उन्होंने खुद देखा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर तमाम एयरलाइंस के कियोस्क खाली हैं। सुरक्षा उपकरण नाकाफी हैं। इस वजह से भी हालात खराब थे।
मंत्री के जागने के बाद दोषारोपण और भरोसा जगाने की उम्मीदों वाली खबरें मीडिया के एक वर्ग को दी गईं। लेकिन यह साफ हो गया कि दिल्ली एयरपोर्ट पर जिस तरह भीड़ बढ़ रही है, उससे मुकाबला करने पर न तो डायल और न ही कोई सरकारी एजेंसी तैयार है। सीआईएसएफ के जिम्मे एयरपोर्ट की सुरक्षा है। उसके अधिकारियों का कहना है कि पर्याप्त एक्सरे मशीनें, कन्वेयर बेल्ट आदि जैसी चीजें कम पड़ जाती हैं या फिर जाम हो जाती हैं तो समस्या बढ़ती जाती है। दिल्ली एयरपोर्ट पर चाय-पानी की दुकानें बढ़ गई हैं लेकिन उस हिसाब से सुरक्षा उपकरण और लाउंज वगैरह नहीं बढ़ाए गए हैं।