डीजी (जेल) हत्या मामला: अवसाद में था आरोपी- पुलिस
जम्मू-कश्मीर पुलिस के जेल विभाग के महानिदेशक हेमंत कुमार लोहिया की हत्या के आरोपी यासिर अहमद की पर्सनल डायरी मिली है। पुलिस ने कहा है कि डायरी में लिखी बातों से ऐसा लगता है कि यासिर अवसाद से गुजर रहा था।
यासिर अहमद की उम्र 23 साल है और वह हेमंत कुमार लोहिया का घरेलू सहायक था। अभी तक की जांच पड़ताल में पुलिस को इस मामले में कोई आतंकी एंगल नहीं मिला है।
पुलिस के मुताबिक, यासिर ने अपनी डायरी में लिखा है कि भुला देना मुझे जबकि दूसरे पेज पर लिखा है कि वह अपनी जिंदगी से नफरत करता है, जीवन सिर्फ एक दुख है। डायरी में यासिर ने फोन की बैटरी के चित्र के जरिए बताया है कि उसकी जिंदगी 1%, प्यार 0%, तनाव 90%, दुख 99% और झूठी मुस्कान 100% है।
यासिर ने डायरी में आगे लिखा है, “मैं जैसी लाइफ जी रहा हूं, मुझे उससे कोई प्रॉब्लम नहीं है। प्रॉब्लम इस बात से है कि आगे हमारा क्या होगा।” पुलिस को जांच में पता चला है कि यासिर अहमद रामबन का रहने वाला है और पिछले 6 महीने से वह लोहिया के आवास पर काम कर रहा था। पुलिस ने बताया कि उसका व्यवहार आक्रामक है और ऐसा लगता है कि अवसाद से गुजर रहा था।
एडीजीपी मुकेश सिंह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि हत्या में शामिल हथियार को बरामद कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में आतंकी एंगल होने की बात सामने नहीं आई है और मीडिया से इस बात का अनुरोध है कि वह इस तरह की अफवाहों को तूल न दे।
पीपल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। यह वारदात ऐसे वक्त में हुई है जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं और उन्हें जम्मू जिले के राजौरी और बारामुला में रैलियों को संबोधित करना है।
डीजीपी दिलबाग सिंह ने इस मामले में पत्रकारों को बताया कि हेमंत कुमार लोहिया के पांव में चोट थी और पांव में मरहम लगाने के लिए यासिर अहमद उनके कमरे के अंदर गया था। उन्होंने बताया कि यासिर ने अचानक कमरे की कुंडी लगा दी और उन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। इसके बाद उसने एक कपड़े के टुकड़े पर आग लगाकर डीजी (जेल) के ऊपर भी फेंका।
लोहिया का शव सोमवार रात को जम्मू शहर के बाहरी इलाके उदयवाला में स्थित एक घर पर मिला था। लोहिया का गला रेता गया है और उनके शव पर जलाए जाने के निशान भी मिले हैं।
इंडिया टुडे के मुताबिक, हेमंत कुमार लोहिया इन दिनों अपने दोस्त राजीव खजूरिया के घर पर रुके हुए थे क्योंकि उनके घर पर मरम्मत का काम चल रहा था। 57 साल के लोहिया 1992 बैच के आईपीएस अफसर थे।