फडणवीस ने क्यों स्वीकार किया डिप्टी सीएम का पद?
30 जून का दिन महाराष्ट्र की सियासत में लंबे वक्त तक याद रखा जाएगा। इस दिन जो हुआ उसकी उम्मीद किसी ने भी नहीं की थी। राज्य में बीजेपी के सबसे बड़े नेता और मुख्यमंत्री रहे देवेंद्र फडणवीस उप मुख्यमंत्री बने जबकि कुछ देर पहले ही उन्होंने नई सरकार में शामिल होने से इनकार किया था। लेकिन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अनुरोध पर वह सरकार में शामिल हो गए।
शिवसेना में हुई बग़ावत और बागी गुट के बीजेपी नेताओं से नजदीकी के बाद जब राज्य में बीजेपी की सरकार बनने को लेकर हालात साफ हुए तो फडणवीस को बधाई देने वालों का तांता लग गया था।
सभी का यह मानना था कि फडणवीस ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे और एकनाथ शिंदे उनकी सरकार में उप मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन जो हुआ वह हैरान करने वाला था।
सारे न्यूज़ चैनलों में यह खबर चलने के बाद कि फडणवीस 30 जून की शाम को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, फडणवीस और शिंदे सामने आए। यहां फडणवीस ने एलान किया कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और वह बाहर रहकर सरकार का पूरा समर्थन करेंगे।
लेकिन उसके बाद क्यों खुद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को उनसे सरकार में शामिल होने का अनुरोध करना पड़ा।
फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर ही इस बात की जानकारी दी कि जेपी नड्डा के अनुरोध पर फडणवीस ने बड़ा मन दिखाते हुए महाराष्ट्र राज्य और वहां की जनता के हित में सरकार में शामिल होने का फैसला किया है।
निश्चित रूप से फडणवीस जब राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं तो वह किसी सरकार में उपमुख्यमंत्री नहीं रहना चाहेंगे। एकनाथ शिंदे के डिप्टी मंत्री बनने से फडणवीस का जो कद महाराष्ट्र की सियासत में है, उस पर थोड़ा बहुत असर होगा ही।
हालांकि बीजेपी का एक धड़ा यह कहकर फडणवीस की तारीफ कर रहा है कि उन्होंने पार्टी के आदेश को सर्वोपरि माना लेकिन यहां यह बात अहम है कि थोड़ी देर पहले ही सरकार से बाहर रहने की बात मीडिया के सामने कहने वाले फडणवीस अगर शिंदे की सरकार में डिप्टी सीएम बनने के लिए राजी हुए तो इसके पीछे कोई कहानी जरूर है।
शायद बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व यह नहीं चाहता था कि दूसरे राजनीतिक दल से आने वाले एकनाथ शिंदे की सरकार में बीजेपी की पकड़ ना हो और वह भी तब जब नई सरकार उसके ही समर्थन से बने।
इसलिए उसने अपने बड़े नेता फडणवीस को इस बात के लिए मनाया कि वह शिंदे की सरकार में उप मुख्यमंत्री बनें। ऐसा होने से राज्य सरकार पर बीजेपी की पकड़ भी मजबूत रहेगी।
फडणवीस की नाराजगी
बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे हिंदुत्व की विचारधारा का सम्मान करने की बात कही है लेकिन यह दिख रहा है कि जब केंद्रीय नेतृत्व ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया होगा तो निश्चित रूप से फडणवीस इससे नाराज हुए होंगे।
फडणवीस को मनाने के लिए ही नड्डा और शाह जैसे आला नेताओं को आगे आना पड़ा।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को खुद राज्य बीजेपी के किसी नेता से अनुरोध करना पड़ा हो कि आप सरकार में शामिल हों, ऐसा कम से कम बीजेपी में देखने को नहीं मिला है।
आने वाले दिनों में एकनाथ शिंदे को असली शिवसेना किसकी है, इस बात की लड़ाई तो लड़नी ही होगी। विधानसभा में बहुमत साबित करने के अलावा देवेंद्र फडणवीस जैसे बड़े नेता को साथ लेकर भी चलना होगा।