जंतर मंतर पर भीड़ नहीं पहुंचे इसके लिए दिल्ली से हरियाणा और यूपी से लगती सभी सीमाओं पर बैरिकेडिंग कर भीड़ को रोकने के इंतजाम किए गए हैं। एएनआई की खबर में कहा गया है कि दिल्ली से भी बॉर्डर जिले के डीसीपी को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हालांकि दिल्ली पुलिस का आधिकारिक बयान है कि उसने धरना स्थल पर आने के लिए किसी को नहीं रोका है।
जंतर मंतर पर बुधवार देर रात महिला पहलवानों से पुलिस की बदसलूकी को भारत सहित पूरी दुनिया ने देखा, उससे लोगों में गुस्सा है। तमाम विपक्षी दलों ने इसके लिए सीधे प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को जिम्मेदार ठहराया है। तमाम दलों के नेताओं ने महिला पहलवानों से हमदर्दी जताते हुए कहा कि वे उनके साथ हैं। राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि वे गुरुवार को महिला पहलवानों से मिलने जाएंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने भी जंतर मंतर पहुंचने की घोषणा की है। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा बीती रात से ही जंतर मंतर पर जाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस उन्हें बार-बार रोक रही है।
सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में लिया
सिंघु बॉर्डर पर पुलिस ने कुछ लोगों को उस समय हिरासत में ले लिया जब वो दिल्ली की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे। इनका नेतृत्व किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ कर रहे थे। इसी तरह कुछ अन्य बॉर्डर पर भी पुलिस ने दिल्ली में घुस रहे लोगों को हिरासत में लिया। इस बीच आरएलडी चीफ जयंत चौधरी जंतर मंतर पहुंचे लेकिन पुलिस ने सिर्फ अकेले उन्हीं को महिला पहलवानों से मिलने की इजाजत दी।पहलवान बजरंग पुनिया ने बीती रात मीडिया के जरिए पूरे देश से महिला पहलवानों के लिए समर्थन मांगा था। इसका काफी असर हुआ है। एएनआई द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो में बजरंग पुनिया अपील करते दिख रहे हैं। वो कह रहे हैं- "हमें पूरे देश के समर्थन की जरूरत है, सभी को दिल्ली आना चाहिए। पुलिस हमारे खिलाफ बल प्रयोग कर रही है, महिलाओं को गाली दे रही है और बृजभूषण के खिलाफ कुछ नहीं कर रही है ...।"
महिला पहलवानों के समर्थन में हरियाणा और पश्चिमी यूपी में रात से ही लोग जंतर मंतर आने को बेकरार हैं। दिल्ली पुलिस को यह सूचना रात में ही मिल गई थी। एएनआई ने आज सुबह दिल्ली पुलिस का एक बयान जारी किया था, उससे हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। एएनआई के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने कहा - दिल्ली में सभी जिलों के डीसीपी को अपने जिलों में, खासकर सीमावर्ती इलाकों में अलर्ट पर रहने को कहा गया है। मध्य दिल्ली की ओर जाने वाली सड़कों पर विशेष ध्यान रखा जाना है, कई जगहों पर बेरिकेड्स लगा दिए गए हैं। पुलिस को कुछ ऐसे इनपुट मिले हैं कि बड़ी संख्या में लोग जंतर-मंतर पहुंच सकते हैं जहां पहलवान प्रदर्शन कर रहे हैं।
हमने नहीं रोकाः पुलिस
दिल्ली पुलिस ने आज सुबह कहा - दिल्ली पुलिस विधि सम्मत प्रदर्शन के अधिकार का सम्मान करती है। कानून सम्मत तरीके से जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे किसी भी प्रदर्शनकारी को मिलने से किसी को भी रोका नहीं गया है।
फिर ये क्या है
लेकिन एएनआई ने दिल्ली पुलिस का सुबह ही जो बयान जारी किया है, उससे तो यही लगता है कि दिल्ली की सीमा पर भीड़ को रोकने की तैयारी है। जबकि दोनों ही बयान आधिकारिक हैं लेकिन दिल्ली पुलिस क्या करना चाहती है, उसकी असलियत बताने के लिए काफी है।
साक्षी जोशी के साथ क्या हुआ
टीवी पत्रकार साक्षी जोशी के साथ भी दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर पर बुधवार देर रात बदसलूकी की। साक्षी जोशी ने खुद ट्वीट करके दिल्ली पुलिस की हरकत के बारे में बताया। महिला पहलवानों की खबर को कवर करने के लिए साक्षी जोशी बुधवार की रात जंतर मंतर पर मौजूद थीं। उसी दौरान जब वो पुलिस की हरकत कैमरे में कैद करने लगीं तो पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की। साक्षी जोशी ने अपने ट्वीट में लिखा है - आधी रात में पहलवानों पर हमला। मुझे हिरासत में लिया, धक्के मारे , कपड़े फाड़े , कैमरा छीना। साक्षी ने अपने ट्वीट को पीएम मोदी और दिल्ली पुलिस को टैग किया था।
साक्षी जोशी के समर्थन में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ट्वीट करके नाराजगी जताई। तमाम प्रमुख पत्रकारों सहित कई लोगों ने साक्षी जोशी के साथ किए गए दुर्व्यवहार की कड़ी निन्दा की है।
बेटी बचाओ ढोंग हैः राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार की देर रात पहलवानों के साथ की गई बदसलूकी पर कड़ी नाराजगी जताई है। कर्नाटक चुनाव में उलझे राहुल ने ट्वीट करके कहा है - देश के खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव बहुत ही शर्मनाक है। बेटी बचाओ' बस ढोंग है! असल में भाजपा भारत की बेटियों पर अत्याचार करने से कभी पीछे नहीं हटी है।
हमला कर सकते हो, हौसला नहीं तोड़ सकतेः ममता
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा - बेटियों की इज्जत को इस तरह से ठेस पहुंचाना बेहद शर्मनाक है। भारत अपनी बेटियों के साथ खड़ा है और मैं एक इंसान के तौर पर अपने पहलवानों के साथ जरूर खड़ी हूं। कानून सबके लिए एक है। "शासक का कानून" इन सेनानियों की गरिमा को ठेस नहीं पहुँचा सकता। आप उन पर हमला कर सकते हैं लेकिन उनका हौसला नहीं तोड़ सकते। लड़ाई सही है और लड़ाई जारी रहेगी। हमारे पहलवानों को चोट पहुंचाने की हिम्मत मत करना, देश उनके आंसू देख रहा है और देश आपको माफ नहीं करेगा। मैं अपने पहलवानों से आग्रह करती हूं कि वे मजबूत बने रहें, मैं अपनी पूरी ताकत उनके साथ साझा करती हूं।