राज्यसभा ने विपक्षी दलों के विरोध के बीच दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक में विलय करने के विधेयक को मंजूरी दे दी। लोकसभा में क़रीब हफ़्ते भर पहले ही दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पास हो गया है।
विधेयक पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार दिल्ली के तीनों नगर निगमों के साथ 'सौतेली मां' जैसा व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा था कि तीनों निगमों के एकीकरण का मक़सद उनकी नीतियों और संसाधनों में विसंगतियों को दूर करना है, जिससे लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। हालाँकि विपक्षी दलों ने गृह मंत्री की दलीलों को खारिज किया और कहा कि ऐसा सिर्फ़ राजनीतिक मक़सद से किया जा रहा है।
तीन नगर निगमों- दक्षिण, पूर्व और उत्तर को एक करने के क़दम का कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने कड़ा विरोध किया। विधेयक पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में विपक्ष ने दावा किया कि बीजेपी एमसीडी चुनाव में हार के डर से चुनावों को टालने के लिए ऐसा क़दम उठा रही है।
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे चुनाव टालने का बहाना और राजनीतिक आडंबर बताया। उन्होंने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि संविधान के अनुसार नगरपालिका संबंधी फ़ैसले लेने का अधिकार राज्यों का होता है और केंद्र सरकार इसकी अनदेखी कर रही है। सिंघवी ने कहा कि इस विधेयक का मक़सद आम लोगों का कल्याण नहीं बल्कि किसी तरह अपना नियंत्रण कायम रखना है।
उन्होंने न्यायालयों के विभिन्न फ़ैसलों का हवाला देते हुए कहा कि नगर निगम का कार्यकाल ख़त्म होने के पहले ही चुनावों की तारीख़ की घोषणा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गंभीर प्राकृतिक आपदा जैसी स्थिति में ही इसे टाला जा सकता है।
आम आदमी पार्टी यानी आप भी कुछ ऐसे ही आरोप लगाती रही है। उसका कहना है कि बीजेपी ने एमसीडी चुनाव को टालने के लिए तीनों निगमों को एक करने का फ़ैसला किया है क्योंकि अभी चुनाव होती तो बीजेपी की हालत ख़राब थी। आप नेता संजय सिंह ने इसे 'केजरीवाल फोबिया बिल' क़रार दिया।
चुनाव आयोग द्वारा चुनाव स्थगित करने की घोषणा के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में नगर निगम के चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं क्योंकि बीजेपी ने हार स्वीकार कर ली है और वह भाग रही है।
केजरीवाल ने कहा था कि आप के सर्वे में अभी 272 में से 250 सीट आ रही थी, लेकिन अब 260 से ज़्यादा आएँगी। बता दें कि आम आदमी पार्टी लगातार आरोप लगाती रही है कि बीजेपी शासित इन नगर निगमों में जबरदस्त भ्रष्टाचार है और ये बेहद जर्जर हालात में हैं। नगर निगमों में दक्षिणी नगर निगम के पास आय के ठीक-ठाक साधन हैं जबकि पूर्वी और उत्तरी दिल्ली नगर निगम में आए दिन कर्मचारियों की हड़ताल होती रहती है।
कांग्रेस नेता सिंघवी ने आज राज्यसभा में कहा कि लंबे समय से तीनों निगमों में सत्तारूढ़ बीजेपी सत्ता विरोधी रूझान से बचने के लिए और राजनीतिक भय से ऐसे क़दम उठा रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी 7-8 साल से सत्ता में है तो उसने अब तक तीनों निगमों को एक करने का फ़ैसला क्यों नहीं लिया।
उन्होंने कहा कि सरकार को संविधान के अनुसार काम करना चाहिए और अदालतों के फैसलों पर भी गौर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह विधेयक कानून की समीक्षा में नहीं टिक पाएगा।