क्या बीजेपी के इस दावे में कोई दम है कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजे चौंकाने वाले होंगे क्या उसके इस दावे में कोई दम है कि दिल्ली की जनता इस बार अरविंद केजरीवाल को पद से हटा देगी और उनकी आम आदमी पार्टी को बाहर का रास्ता दिखा देगी
शनिवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो जाएंगे और उम्मीदवारों की तक़दीर का फ़ैसला ईवीएम मशीनों में बंद हो जाएगा। वोटों की गिनती 11 फरवरी को होगी। लेकिन ओपीनियम पोल से साफ़ लगता है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को साफ़ बहुमत मिल सकता है। अब तक आए तीन ओपीनिय पोल में सीटों और मत प्रतिशत के बारे में अलग-अलग अनुमान लगाया गया है और उनके बीच काफी अंतर भी है, पर एक बात समान है और वह यह है कि आम आदमी पार्टी को बहुमत मिलने की संभावना ज़्यादा है। दिल्ली विधानसभा में 70 सीटें हैं।
एबीपी-सीवोटर पोल
एबीपी-सीवोटर पोल के अनुसार, आम आदमी पार्टी को 70 में 42 से 56 सीटें मिल सकती हैं, जबकि बीजेपी 10-24 सीटें जीत सकती है। कांग्रेस को अधिकतम 4 सीटों पर जीत हासिल सकती है।इस सर्वे में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी को 45.6 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं, जबकि बीजेपी को पहले से ज़्यादा यानी 37.10 प्रतिशत वोट मिलने के आसार हैं। कांग्रेस को 4.4 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं तो दूसरों को 12.9 प्रतिशत वोट हासिल हो सकता है।
टाइम्स नाउ-इपसॉस
टाइम्स नाउ-इपसॉस का अनुमान है कि आम आदमी पार्टी को 54-50 सीटें मिल सकती हैं जबकि बीजेपी को 10-14 सीटों पर संतोष करना होगा। कांग्रेस को 0-2 सीटें मिल सकती हैं।
इस सर्वे के अनुसार आम आदमी पार्टी को 52 प्रतिशत प्रतिशत वोट मिलने के आसार हैं तो बीजेपी को 34 प्रतिशत वोट मिल सकता है। कांग्रेस को 4 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिल सकता है तो अन्य को 10 प्रतिशत वोट मिल सकता है।
इंडिया न्यूज़
नेता ऐप-इंडिया न्यूज़ ने अपने सर्वे में पाया है कि आम आदमी पार्टी को 45.60 प्रतिशत वोट हासिल हो सकता है तो बीजेपी को 37.1 प्रतिशत वोट मिल सकता है। वहीं कांग्रेस को 4 प्रतिशत और अन्य के खाते में 10 प्रतिशत वोट जा सकता है। इन्होंने सीटों की तादाद के बारे में कुछ नहीं बताया है।
इन तीनों सर्वेक्षणों से यह तो साफ़ है कि आम आदमी पार्टी जीत सकती है और एक बार फिर सरकार बना सकती है। साल 2015 में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी को 67 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी को 3 सीटों पर संतोष करना पड़ा था और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। कांग्रेस पार्टी को 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में 24 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन उसका आधार सिकुड़ता चला गया और इस बार उसके 4 प्रतिशत के आसपास वोट पाने की संभावना जताई जा रही है।