ओलंपियन सुशील कुमार पर चलेगा हत्या का मुकदमा

05:45 pm Oct 12, 2022 | सत्य ब्यूरो

भारत के लिए ओलंपिक खेलों में दो पदक जीत चुके पहलवान सुशील कुमार पर हत्या का मुकदमा चलेगा। दिल्ली की एक अदालत ने सुशील कुमार और 17 अन्य लोगों के खिलाफ जूनियर पहलवान सागर धनखड़ की मौत के मामले में हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा करने, आपराधिक साजिश रचने सहित कई धाराओं में आरोप तय कर दिए हैं। दिल्ली की एक अदालत ने इस मामले में फरार चल रहे दो अन्य लोगों के खिलाफ भी आरोप तय किए हैं। 

बता दें कि मई, 2021 में पहलवान सुशील कुमार को जूनियर पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। हत्या के बाद 18 दिन तक सुशील कुमार इधर-उधर भागता रहा था। 

तब यह बात सामने आई थी कि वह गैंगस्टर संदीप उर्फ़ काला जठेड़ी के डर से भागता फिर रहा था। सवाल उठा था कि आख़िर उसे किसी गैंगस्टर से किस बात का डर था और आख़िर क्यों उसने एक युवा पहलवान सागर धनखड़ और सोनू और अमित कुमार नाम के लोगों को क्यों जमकर पीट दिया था। इस पिटाई में ही सागर धनखड़ की मौत हो गई थी। 

खेल से अपराध की दुनिया में पहुंचा सुशील

हत्या के मामले में नाम सामने आने के बाद जांच में पता चला था कि सुशील कुमार बीते कुछ सालों से विवादित संपत्तियों को कब्जाने और बदमाशी वाले कामों में लग गया था। इस काम में उसका संबंध अपराध की दुनिया में सक्रिय बदमाशों से हो गया था। 4 मई की रात को सागर धनखड़, सोनू और अमित कुमार को सुशील और उसके साथियों ने बुरी तरह पीटा था। लेकिन अगली सुबह यानी 5 मई को सागर की मौत की ख़बर मिलते ही सुशील भाग निकला। सोनू नाम के जिस शख़्स को सुशील ने पीटा था, वह गैंगस्टर काला जठेड़ी का भतीजा है। काला जठेड़ी उत्तर भारत का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर है। 

सुशील के द्वारा सोनू पर हमला किए जाने की ख़बर मिलते ही काला जठेड़ी के गुर्गे सुशील को खोज रहे थे। 

सुशील और जठेड़ी के रिश्ते

सुशील कुमार ने जठेड़ी के साथ मिलकर दिल्ली के मॉडल टाउन के एम-2 ब्लॉक में स्थित एक फ़्लैट को कब्जे में ले लिया था। इस फ़्लैट का इस्तेमाल बदमाशों को ठहराने के लिए होता था। इस फ़्लैट में सागर धनखड़, सोनू और जठेड़ी गैंग के कुछ और लोग भी रहते थे। इस फ़्लैट की क़ीमत तीन करोड़ रुपये थी। 

पुलिस ने बताया था कि इस संपत्ति को बेचे जाने के बाद मिलने वाली रकम का सुशील और जठेड़ी गैंग के बीच बराबर-बराबर का बंटवारा होना था। लेकिन उस दौरान पिछले कुछ महीनों में सुशील कुमार की काला जठेड़ी के विरोधी गैंग नीरज बवानिया और नवीन बाली के साथ नज़दीकी हो गई थी और इस वजह से सुशील और जठेड़ी के रिश्ते ख़राब हो गए थे।

पुलिस के मुताबिक, “जब काला जठेड़ी ने सुशील से इस फ़्लैट को बेचने और पैसे देने के लिए कहा तो सुशील ने सागर धनखड़, सोनू और अन्य लोगों से कहा कि वे इस फ़्लैट को खाली कर दें। इससे जठेड़ी गैंग नाराज हो गया और उसने सुशील को खुलेआम गालियां देनी शुरू कर दीं।”

पिटाई का वीडियो भी बनाया

जब सुशील को इस बारे में पता चला तो उसने सागर धनखड़, सोनू और बाक़ी लोगों को उससे भिड़ने की चुनौती दी। सोनू को उम्मीद थी कि जठेड़ी गैंग का होने के नाते सुशील उसे कुछ नहीं करेगा लेकिन सुशील को क्योंकि नीरज बवानिया गैंग का समर्थन मिल गया था तो उसने सोनू को भी पीट दिया और अपना दबदबा दिखाने के लिए इस पिटाई का वीडियो भी बनाया था। पिटाई वाले दिन नीरज बवानिया गैंग के गुर्गे छत्रसाल स्टेडियम पहुंचे थे। 

लेकिन सागर की मौत हो जाने और जठेड़ी गैंग के बदमाशों के घायल हो जाने के बाद जठेड़ी गैंग ने सुशील कुमार और उसके साथियों को जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद से ही सुशील कुमार लगातार जान बचाने के लिए भाग रहा था। 

2008 में बीजिंग के बाद सुशील ने 2012 के लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। सुशील ने 2010 में मॉस्को वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने के अलावा 2010, 2014 और 2018 के कॉमनवेल्थ खेलों में तीन बार स्वर्ण पदक जीता था। सुशील कुमार को भारतीय रेलवे में नौकरी भी मिली थी और वारदात के दौरान वह छत्रसाल स्टेडियम में ओएसडी के रूप में तैनात थे।