संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरु हो चुका है। यह सत्र ऐसे समय में हो रहा है जब एक दिन पहले ही रविवार को मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को बड़ी जीत मिली है। तीन राज्यों में मिली बड़ी जीत के बाद भाजपा का उत्साह काफी बढ़ा हुआ है।
संसद का शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर तक चलेगा। यह सत्र 19 दिन तक चलेगा। इस दौरान सरकार करीब 20 विधेयकों पर चर्चा कर सकती है। अनुमान है कि करीब एक दर्जन अहम विधेयक इस दौरान संसद से पास हो सकते हैं। इस दौरान आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट को बदलने वाले तीन विधेयकों को पास कराने की सरकार कोशिश करेगी।
यह सत्र 17वीं लोकसभा का अंतिम सत्र है। इसलिए भी सरकार की कोशिश होगी कि चुनाव से पहले महत्वपूर्ण विधेयकों को वह पास करवा ले। इस सत्र के दौरान 15 बैठकें आयोजिक होंगी। इस सत्र के बाद और लोकसभा चुनाव से पहले सिर्फ विशेष बजट सत्र बुलाया जाएगा। उस विशेष बजट सत्र में नरेंद्र मोदी सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक शीतकालीन सत्र में जिन महत्वपूर्ण विधेयकों को पास कराने की सरकार द्वारा कोशिश की जायेगी उसमें सबसे प्रमुख भारतीय न्याय संहिता 2023 है। मानसून सत्र के आखिरी दिन सरकार ने लोकसभा में इस विधेयक को पेश किया था। यह इंडियन पीनल कोड, 1860 (आईपीसी) की जगह लेगा।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 भी मानसून सत्र में आया था। इसका मकसद कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर 1973 (सीआरपीसी ) की जगह लेना हैइस शीतकालीन सत्र में सरकार मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, उनकी योग्यता और उनकी सेवा से जुड़े नियमों से जुड़े विधेयक को भी सरकार पास कराने की कोशिश करेगी।
इसके साथ ही सरकार संसद में एडवोकेट्स (संशोधन ) विधेयक 2023 को भी पेश करेगी। यह विधेयक राज्यसभा से पास हो चुका है लेकिन लोकसभा में पेंडिग है। जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 को 26 जुलाई को लोकसभा में बिल पेश किया गया था लेकिन अभी भी पास होना बाकी है।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 को इससे पहले 26 जुलाई 2023 को लोकसभा में पेश किया जा चुका है। इस विधेयक के जरिये जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 83 सीटों को बढ़ाकर 90 सीट किया जाना है।
इसके साथ ही द कॉन्स्टिट्यूशन (जम्मू-कश्मीर) शेड्यूल्ड कास्ट ऑर्डर (अमेंडमेंट)बिल 2023, द कॉन्स्टीट्यूशन (जम्मू-कश्मीर) शेड्यूल्ड ट्राइब ऑर्डर (अमेंडमेंट) बिल 2023 , द पोस्ट ऑफिस विधेयक 2023, द प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियॉडिक विधेयक 2023 को भी पास कराने की सरकार की कोशिश होगी।
इनमें से कई विधेयक संसद के एक सदन से पास हो चुके हैं। वहीं कुछ विधेयक पहली बार पेश किए जायेंगे जिसमें जम्मू-कश्मीर रीऑर्गेनाजेशन (अमेंडमेंट) बिल 2023, द गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (अमेंडमेंट) बिल 2023, द नेशनल कैपिटल टैरिटरी ऑफ डेल्ही लॉज (स्पेशल प्रोवीजन) सेकंड (अमेंडमेंट) बिल 2023 , द सेंट्रल यूनिवर्सिटी (अमेंडमेंट) बिल 2023, द बॉयलर्स बिल 2023 शामिल हैं।
सांसदों ने नारे लगाए- बार-बार मोदी सरकार
सोमवार को संसद का सत्र शुरु होते ही लोकसभा में पीएम मोदी का एनडीए सांसदों ने जोरदार किया है। इस दौरान सांसदों ने नारे लगाए- बार-बार मोदी सरकार। तीसरी बार मोदी सरकार।सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बाहर मिली पराजय का गुस्सा सदन में मत निकालिए।उन्होंने विपक्ष से कहा है कि सदन में सकारात्मक चर्चा कीजिए।उन्होंने कहा कि थोड़ा सा अपना रुख बदलिए और देशहित में सकारात्मकता का साथ दीजिए। पीएम ने कहा कि देश के मन में कुछ बातों को लेकर नफरत पैदा हो रही है, उसे दूर कीजिए। देश को सकारात्मकता का संदेश दें।
अब देश विकसित होने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि सभी सांसद इस भाव का आदर करते हुए आगे बढ़ें।
दूसरी ओर लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने सदन के अंदर बैनर लहराए। इस पर नाराजगी जताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि सदन में प्लेकार्ड्स नहीं ला सकते। उन्होंने कहा कि सदन नियमों के मुताबिक ही चलेगा। वहीं राज्यसभा ने आप सांसद राघव चड्ढा का निलंबन रद्द कर दिया है। वे अगस्त 2023 से राज्यसभा से निलंबित चल रहे थे।
शीतकालीन सत्र शुरु होने से पूर्व शनिवार को सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें सरकार ने विपक्ष से सदन चलाने के लिए सहयोग करने की अपील की थी। सरकार ने कहा है कि वह सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है बशर्ते विपक्ष सदन चलाने के लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करे।