आबकारी नीति को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी का प्रेस कॉन्फ्रेंस और सोशल मीडिया के जरिए एक दूसरे पर लगातार हमला जारी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूछा है कि शराब माफियाओं को दिल्ली कैबिनेट की अनुमति के बिना 144 करोड़ रुपये क्यों वापस किये गये?
उन्होंने पूछा कि इसमें क्या अरविंद केजरीवाल की सहमति थी या मनीष सिसोदिया के कहने पर ऐसा किया गया। उन्होंने पूछा कि शराब के व्यापारियों के प्रति ये इतने नरम दिल क्यों हैं?
इससे पहले उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि नई आबकारी नीति में किसी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ था।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज जब मीडिया पत्रकार सिसोदिया से सवाल पूछ रहे थे तो वह उल्टे पांव भाग रहे थे और एक दिन जनता से बचकर भी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को ऐसे ही भागना पड़ेगा।
केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि आम आदमी पार्टी ने शराब के ठेकों का कमीशन 2 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत क्यों किया? मनीष सिसोदिया बताएं कि आबकारी नीति के मामले में जो आरोपी हैं, उनसे उनके क्या रिश्ते हैं?
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि मनीष सिसोदिया जवाब दें कि उन्होंने शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए 21 ड्राई-डे की संख्या को घटाकर 3 क्यों किया? उन्होंने बीयर की इंपोर्ट ड्यूटी को गैरकानूनी तरीके से कम क्यों किया।
गुप्ता ने पूछा कि दिल्ली में आवासीय परिसरों, स्कूलों के पास, मंदिरों के पास शराब के ठेके खोलने की अनुमति क्यों दी।
‘कोई घोटाला नहीं हुआ’
इससे पहले मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार की जिस आबकारी नीति को लेकर विवाद हो रहा है, वह सबसे अच्छी आबकारी नीति थी और दिल्ली सरकार उस आबकारी नीति को पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से लागू कर रही थी। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली के तत्कालीन उप राज्यपाल ने 48 घंटे पहले उस आबकारी नीति को फेल करने की साजिश के तहत अपना फैसला नहीं बदला होता तो दिल्ली सरकार को इस आबकारी नीति से कम से कम 10000 करोड़ रुपये हर साल मिलते। उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति में किसी तरह का कोई घोटाला नहीं हुआ था।