नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में शाहीन बाग़ में चल रहे धरने में मंगलवार को एक युवक पिस्टल लेकर घुस गया। इससे वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। युवक ने जैसे ही हथियार का इस्तेमाल करने की कोशिश की वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों ने उसे पकड़ लिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, यह युवक प्रदर्शनकारियों से बात करने पहुंचा था और उसके पास लाइसेंसी पिस्टल थी।
शाहीन बाग़ आंदोलन के संयोजक ने कहा, ‘एक व्यक्ति ने धरना स्थल में घुसने की कोशिश की और उसके पास हथियार था। हमें इस बात का डर था कि और दक्षिणपंथी समूह धरने में आ सकते हैं और हमला कर सकते हैं। हमने सभी लोगों से धरना स्थल पर आने और इसे मजबूती देने की अपील की है।’
बता दें कि शाहीन बाग़ के आंदोलन को लेकर बीजेपी नेताओं की बयानबाज़ी जारी है। मंगलवार को पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने शाहीन बाग़ को लेकर कहा था, ‘वहां लाखों लोग इकट्ठा हो जाते हैं, ये आग कभी भी दिल्ली के घरों तक पहुंच सकती है, हमारे घर में पहुंच सकती है। दिल्ली वालों को सोच-समझकर फ़ैसला लेना पड़ेगा। ये लोग आपके घरों में घुसेंगे, आपकी बहन-बेटियों को उठायेंगे, उनके साथ रेप करेंगे, उनको मारेंगे। इसलिए आज समय है, कल मोदी-अमित शाह नहीं आयेंगे बचाने। इसलिए दिल्ली के लोग आज अगर जाग जायेंगे, तो अच्छा रहेगा। दिल्ली के लोग तब तक सुरक्षित महूसस करेंगे जब तक मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं।’
प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने पर वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में सरकारी ज़मीनों पर बनी मसजिदों को ध्वस्त करवा देंगे। गृह मंत्री अमित शाह एक जनसभा में कह चुके हैं कि ईवीएम का बटन इतनी जोर से दबाएं कि इसका करंट शाहीन बाग़ में लगे। इसके अलावा बीजेपी के नेता राहुल सिन्हा ने भी शाहीन बाग़ को लेकर बयान दिया है। सिन्हा ने कहा है कि शाहीन बाग़ में जो लोग धरना दे रहे हैं, वे बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हैं।
सोमवार को केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी नागरिकता क़ानून के नाम पर लोगों को भड़का रही हैं। प्रसाद ने कहा था, ‘केजरीवाल और सिसोदिया शाहीन बाग़ के लोगों के साथ खड़े हैं और कहते हैं कि उनका दिल शाहीन बाग के साथ है। लेकिन उन लाखों लोगों की शांत आवाज उन्हें क्यों नहीं सुनाई देती जिनके बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, जो दफ्तर नहीं जा पा रहे हैं’