दिल्ली: एलजी ने पलटा केजरीवाल का फ़ैसला, सभी के इलाज का दिया आदेश

11:06 pm Jun 25, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस फ़ैसले को पलट दिया है, जिसमें केजरीवाल ने दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ़ दिल्ली वालों का इलाज होने की घोषणा की थी। 

एलजी ने सोमवार को जारी किए आदेश में कहा, ‘दिल्ली का निवासी नहीं होने के कारण किसी का भी इलाज करने से इनकार नहीं किया जाना चाहिए।’ सुप्रीम कोर्ट भी यह आदेश दे चुका है कि सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम को बिना निवासी और ग़ैर निवासी का भेदभाव किए बिना सभी का इलाज करना चाहिए। 

केजरीवाल ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा है, लेफ़्टीनेंट गवर्नर के आदेश ने दिल्ली सरकार के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। 

उन्होंने यह भी कहा है कि पूरे देश के लोगों का इलाज़ करना मु्श्किल होगा। 

दिल्ली सरकार और एलजी के बीच अधिकारों की जंग को लेकर पूर्व में अच्छा-खासा संघर्ष हो चुका है। 

केजरीवाल के इस फ़ैसले की बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस ने आलोचना की थी। पूर्व केंद्रीय वित्त पी. चिदंबरम ने पूछा था, ‘क्या केजरीवाल बताएंगे कि दिल्ली का कौन है। अगर मैं दिल्ली में रहता या काम करता हूं तो क्या मैं दिल्लीवाला हूं।’ दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने एलजी के फ़ैसले को शानदार बताया है। 

केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों के अंदर आने वाले 10 हज़ार बेड्स दिल्ली के लोगों के लिए आरक्षित होंगे और केंद्र सरकार के अंदर आने वाले अस्पतालों के बेड्स सभी लोगों को मिल सकेंगे। इसके बाद उन्होंने दिल्ली की सीमाओं को भी खोल दिया था। 

राजधानी में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ही केजरीवाल ने यह घोषणा की थी कि दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ़ दिल्ली के लोगों का ही इलाज होगा। केजरीवाल ने इन दिनों बेड्स को लेकर प्राइवेट अस्तपालों के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला हुआ है। उन्होंने कहा है कि प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना के मरीजों के लिए 20 फ़ीसदी बेड रखने होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि दिल्ली में बेड्स की कोई कमी नहीं है लेकिन कुछ प्राइवेट अस्पताल लोगों को भर्ती करने से मना करते हैं और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।

दिल्ली सरकार द्वारा गठित एक पैनल ने कहा है कि दिल्ली में इस महीने के आख़िर में कोरोना वायरस के मरीज़ों की संख्या 1 लाख तक पहुँच सकती है और इसके लिए अस्पतालों में 15 हज़ार अतिरिक्त बेड की ज़रूरत होगी। इसके अलावा जुलाई के मध्य तक क़रीब 42000 अतिरिक्त बेड चाहिए होंगे।