आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविन्द केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटाने की अब तक दो याचिकाएं भाजपा समर्थक लोगों की ओर से दायर की गईं। तीनों ही याचिकाओं को अदालतों ने खारिज कर दिया। तीसरी याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन ने गुरुवार को यह कहते हुए खारिज कर दिया- लोकतंत्र को अपना काम करने दें।
कथित दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मामले में केजरीवाल को पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। इसी मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था। वो अभी भी जेल में हैं। इसी मामले में ईडी ने आप सांसद संजय सिंह को भी गिरफ्तार किया था। लेकिन संजय सिंह को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी और ईडी पर गंभीर टिप्पणियां कीं। अदालत ने ईडी से पूछा कि संजय सिंह के घर से या कहीं और से कोई पैसा बरामद हुआ। ईडी ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया। अदालत ने संजय की रिहाई का हुक्म दिया और बुधवार को वो जेल से बाहर भी आ गए। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने संघर्ष का फिर ऐलान किया।
विपक्षी नेताओं पर केस दर्ज करने, उन पर कार्रवाई करने की वजह से ईडी समेत तमाम केंद्रीय जांच एजेंसियां बदनाम हो गई हैं। आप और कांग्रेस ने समय-समय पर आरोप लगाया है कि ईडी और बाकी एजेंसियां मोदी सरकार के इशारे पर काम कर रही हैं। आतिशी समेत कई आप नेताओं ने आरोप लगाया कि ईडी ही भाजपा है और भाजपा ही ईडी है।
तीसरी जनहित याचिका हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दायर की थी। हालांकि, कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने कहा कि यह केजरीवाल का निजी फैसला होगा कि उन्हें मुख्यमंत्री बने रहना है या नहीं। फिर भी, बेंच ने एक महीन सा संकेत जरूर दिया।
अदालत ने कहा- "कभी-कभी, व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित के बाद रखना पड़ता है लेकिन यह उनका (केजरीवाल का) निजी फैसला है।" हालाँकि, अदालत ने यह साफ कर दिया कि वह इस मामले पर निर्णय नहीं ले सकता है और इस मुद्दे पर निर्णय लेना दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) या भारत के राष्ट्रपति पर निर्भर है।
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हम यह कैसे घोषित कर सकते हैं कि सरकार (केजरीवाल) काम नहीं कर रही है? एलजी इस पर निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम हैं। उन्हें (एलजी) हमारे मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं है। हम उन्हें सलाह देने वाले कोई नहीं हैं। उन्हें जो भी करना होगा वह कानून के अनुसार करेंगे।
-दिल्ली हाईकोर्ट, 4 अप्रैल 2024 सोर्सः लाइव लॉ
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता राष्ट्रपति या एलजी से संपर्क करने के लिए आजाद हैं जो इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं। इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।
यहां यह बताना जरूरी है कि केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटाने की यह दूसरी जनहित याचिका है जिसे हाई कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया है। इससे पहले, 28 मार्च को हाईकोर्ट ने सुरजीत सिंह यादव द्वारा दायर इसी तरह की जनहित याचिका को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने तब कहा था कि इस मुद्दे की जांच करना कार्यपालिका और राष्ट्रपति का काम है और कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता।