केजरीवाल गिरफ्तार, फोन जब्त, ED दफ्तर ले जाया गया, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

08:11 am Mar 22, 2024 | सत्य ब्यूरो

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम गुरुवार शाम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची। रात नौ बजे के करीब उसने पूछताछ के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। ईडी की टीम ने केजरीवाल के आवास पर उनके कर्मचारियों को सूचित किया कि उनके पास विवादित दिल्ली शराब नीति (अब रद्द हो चुकी) मामले में उनके खिलाफ सर्च वारंट है। यह घटनाक्रम दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा शराब नीति घोटाला मामले में ईडी द्वारा जारी समन के संबंध में केजरीवाल को गिरफ्तारी से किसी भी राहत से इनकार करने के कुछ घंटों बाद आया। ईडी के एक दर्जन अधिकारी करीब तीन घंटे तक केजरीवाल के आवास में रहे। नौ समन के बावजूद केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जब केजरीवाल को राहत नहीं मिली तो ईडी ने रात को ही कार्रवाई कर दी 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार रात को सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने की कोशिश की। उनकी कानूनी टीम ने मामले पर तत्काल लिस्टिंग और सुनवाई की मांग की। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप शुक्रवार सुबह आइए। तब सुनवाई हो सकती है। इसके बाद ईडी का रास्ता साफ हो गया। केजरीवाल के घर के बाहर और अन्य स्थानों पर भारी संख्या में आप कार्यकर्ता ईडी छापे के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। केजरीवाल के घर के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है।


हालांकि हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली तारीख 22 अप्रैल दी है, लेकिन ईडी ने उसका इंतजार नहीं किया और वो गुरुवार शाम को ही केजरीवाल के आवास पर पहुंच गई। दिल्ली की मंत्री और आप नेता आतिशी ने घटनाक्रम पर टिप्पमी करते हुए कहा- ''यह साफ है कि ईडी और उनके आका बीजेपी अदालतों का सम्मान नहीं करते। अगर ऐसा होता तो वे आज (गुरुवार) ही अरविंद केजरीवाल के आवास पर छापा मारने नहीं आते। यह एक राजनीतिक साजिश है और वे यहां अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने आए हैं...।"

ईडी अधिकारियों ने कहा कि वे मामले में समन देने के लिए केजरीवाल के आवास पर गए थे। हालाँकि, रिपोर्टों में कहा गया है कि अधिकारियों के पास सर्च वारंट था और केजरीवाल के आवास पर छापेमारी चल रही थी। खबर ये भी थी कि केजरीवाल से पूछताछ हो सकती है। मुख्यमंत्री पिछले साल से एजेंसी के कई समन में शामिल नहीं हुए हैं।

दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल के घर के आसपास बैरिकेडिंग की। अधिकारियों के अलावा किसी को जाने की इजाजत नहीं। दिल्ली पुलिस के अलावा सीआरपीएफ और रैपिड एक्शन फोर्स के जवान भी तैनात हैं। सूत्रों ने कहा कि ED टीम में 12 अधिकारी शामिल हैं और वे तलाशी वारंट के साथ आवास के अंदर हैं और केजरीवाल और उनके परिवार के फोन जब्त कर लिए गए हैं।

आप नेता सौरभ भारद्वाज को केजरीवाल के घर में घुसने नहीं दिया गया। सौरभ ने कहा- मोदी जी को केजरीवाल जी से डर लगता है। पूरे देश में केजरीवाल जी ही मोदी के एकमात्र विकल्प हैं। केजरीवाल जी को तो गिरफ़्तार कर लोगे लेकिन हर शहर, गाँव, क़स्बे में केजरीवाल जी की जो सोच पैदा होगी, उसे कैसे गिरफ़्तार करोगे? सौरभ भारद्वाज ने कहा- "जिस तरह से पुलिस सीएम के घर के अंदर है और किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है, उससे लगता है कि सीएम आवास पर छापा मारा गया है। ऐसा लगता है कि सीएम को गिरफ्तार करने की तैयारी है।"

केजरीवाल के आवास के बाहर गुरुवार रात को कार्यकर्ताओं और मीडिया की भीड़

  • आतिशी ने शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था। उन्होंने ये कहा-

क्या है मामला

यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की रद्द हो चुकी नई शराब नीति को तैयार करने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है। इस  मामले में आप नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी द्वारा दायर आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आरोपी शराब नीति तैयार करने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अनुचित लाभ हुआ, जिसके बदले में उन्होंने आप को रिश्वत दी।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा ने कहा- "केजरीवाल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' नामक अभियान से की थी, जहां उन्होंने भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए अधिकारियों को तैनात करने का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा नहीं किया है। अब वो नाटक करने, झूठ बोलने, यू-टर्न लेने और अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करने के लिए जाने जाते हैं...।''

केजरीवाल के मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से पूछा था कि अगर उन्हें गिरफ्तारी की आशंका है तो उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए निचली अदालत का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया। कोर्ट ने कहा था- “जब तक आप किसी भी कॉल को अटेंड नहीं करते, आपको कैसे पता चलेगा कि वे क्या जानकारी चाहते हैं? समन की शुरुआत अक्टूबर महीने से हुई थी। अगर आपको अंदेशा था कि आपने उनका कॉल अटेंड किया.. तो आपने चुनौती क्यों नहीं दी? आपको अग्रिम जमानत दाखिल करने से नीचे की अदालत में नहीं जाने से किसने रोका?”