दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को राजधानी के प्राइवेट अस्पतालों को चेताया है। उन्होंने कहा है कि प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना के मरीजों के लिए 20 फ़ीसदी बेड रखने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, दिल्ली में बेड्स की कोई कमी नहीं है। कुल 8645 बेड हैं जिसमें से केवल 4038 पर मरीज हैं बाकी 4607 बेड अभी भी खाली हैं। लेकिन फिर भी कुछ प्राइवेट अस्पताल लोगों को भर्ती करने से मना करते हैं, हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।’
केजरीवाल ने कहा, ‘लोगों को पता ही नहीं होता कि अस्पतालों में कितने बेड खाली हैं और कितने भर गये हैं, ऐसे में बेड्स की ब्लैक मार्केटिंग हो रही है। इसलिए हमने सोचा कि जनता को बता दें कि किस अस्पताल में कितने बेड हैं, कितने वेंटिलेटर हैं। इसलिए हमने एप लांच किया और इसमें सारी सूचनाएं डाल दी। लेकिन कुछ लोग हम पर टूट पड़े।’
‘मरीज लेने ही पड़ेंगे’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इस माफिया को तोड़ने में समय लग रहा है और कुछ अस्पताल वाले बहुत ताक़तवर हैं और सभी राजनीतिक दलों में उनकी ऊपर तक पहुंच है। उन्होंने धमकी दी है कि वे कोरोना के मरीज नहीं लेंगे। लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि कोरोना के मरीज उन्हें लेने ही पड़ेंगे।’
केजरीवाल ने कहा है कि ऐसे प्राइवेट अस्पतालों को बख़्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अस्पतालों को कोरोना के मरीजों की जांच करनी ही होगी।
'मना नहीं कर सकते अस्पताल'
केजरीवाल ने कहा, ‘किसी भी संदिग्ध मरीज को कोई भी अस्पताल मना नहीं करेगा, अगर कोई मरीज आता है और वह संदिग्ध है तो अस्पताल उसका कोरोना का टेस्ट कराएगा और अगर वह संक्रमित पाया जाता है तो अस्पताल नियमानुसार काम करेंगे और अगर संक्रमित नहीं पाया जाता है तो उसे नॉन कोरोना वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इस संबंध में आदेश पास करने जा रही है।