सर्वदलीय बैठकः सरकार ने कहा शीतकालीन सत्र में वह सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार 

08:46 pm Dec 02, 2023 | सत्य ब्यूरो

संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरु होने वाला है। इससे पूर्व शनिवार को सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया है। 

इसमें सरकार ने विपक्ष से सदन चलाने के लिए सहयोग करने की अपील की है। सरकार ने कहा है कि वह सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है बशर्ते विपक्ष सदन चलाने के लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करे।  

यह सर्वदलीय बैठक मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने से ठीक एक दिन पहले हुई है। 4 दिसंबर से शुरु हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर तक चलेगा। 

इस तरह से संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिन तक चलेगा।  इस दौरान सरकार करीब 20 विधेयकों पर चर्चा कर सकती है। 

शीतकालीन सत्र के दौरान आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट को बदलने वाले तीन विधेयकों को पास कराने की सरकार कोशिश करेगी। 

यह सत्र 17वीं लोकसभा का अंतिम सत्र है। इस दौरान 15 बैठकें आयोजिक होंगी। इस सत्र के बाद और लोकसभा चुनाव से पहले सिर्फ विशेष बजट सत्र बुलाया जाएगा। 

उस विशेष बजट सत्र में नरेंद्र मोदी सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी।  इस सत्र में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों की जांच रिपोर्ट पर भी लोकसभा कार्रवाई कर सकती है। 

इस शीतकालीन सत्र में कुल 15 बैठके होंगी 

इस बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि सरकार सभी मुद्दों पर शीतकालीन सत्र में चर्चा कराने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा है कि यह चर्चा तभी हो पायेगी जब विपक्ष संसद में चर्चा के लिए अनुकूल माहैल बनाने में मदद करे। 

उन्होंने इस सर्वदलीय बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि 4 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होगा। कुल 15 बैठकें होंगी। हमनें आज सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।

बैठक में 23 पार्टियां और 30 नेता शामिल हुए। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि शून्यकाल नियमित रूप से होता रहा है। हमनें अनुरोध किया कि रचनात्मक बहस के लिए अच्छा माहौल बनाए रखा जाना चाहिए। 

चर्चा नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए होनी चाहिए। सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। 

इस सर्वदलीय बैठक कर सरकार ने जता दिया है कि वह संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष की ओर से किसी तरह के हंगामे से बचना चाहती है। सरकार की कोशिश होगी कि वह ज्यादा से ज्यादा विधेयकों को संसद से पास करवा ले। इसके लिए विपक्ष का सहयोग जरुरी है। 

सरकार की कोशिश होगी की इस शीतकालीन सत्र को वह शांतिपूर्ण और सुचारु तरीके से चला सके। वहीं इस दौरान विपक्ष कई अहम मुद्दों को उठा कर सरकार को घेरने की कोशिश कर सकता है।